सदस्य वार्ता:Sarvesh Pathak BJP

पृष्ठ की सामग्री दूसरी भाषाओं में उपलब्ध नहीं है।
विषय जोड़ें
मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से

जनवरी 2023[संपादित करें]

विकिपीडिया पर आपका स्वागत है। हालांकि सबका विकिपीडिया पे योगदान करने के लिए स्वागत है, परन्तु आपके द्वारा किए गए हाल ही के संपादनों में से कम से कम एक सकारात्मक नहीं दिखता व प्रत्यावर्तित या हटा दिया गया है। अगर आप कोई परीक्षण संपादन करना चाहते हैं तो कृपया प्रयोगस्थल का प्रयोग करें, और इस ज्ञानकोश पे रचनात्मक योगदान करने के बारे में अधिक जानने के लिए स्वागत पृष्ठ पढ़ें, धन्यवाद। मनीष पँवार वार्ता 19:48, 2 जनवरी 2023 (UTC)उत्तर दें

सर्वेश पाठक एक भारतीय दार्शनिक समाजसेवी [1] और श्रमिक राजनेता हैं। वह भारतीय श्रमिक कामगार कर्माचारी महासंघ , भारत के राष्ट्रीय महासचिव हैं । उनके काम में शिक्षा शास्त्र , समाजशास्त्र , राजनीति शास्त्र, हिंदी के दर्शन , मजदूर,कामगारों श्रमिकों गरीबी , उत्थान के लिए संपूर्ण भारत में कार्य करते है ! आलोचनात्मक दर्शन राष्ट्रहित और राष्ट्रवादी के राजनीतिक विचार पर ध्यान केंद्रित करना शामिल है । [2] इनका उद्देश्य शिक्षा को बढ़ावा एवं गरीबी मिटाना हैं ।[संपादित करें]

फखरुद्दीन अली अहमद राजकीय इंटर कॉलेज गोंडा

लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय गोण्डा (बीए)

उल्लेखनीय कार्य

राष्ट्रवादी और दर्शन: समाजशास्त्र पर

समसामयिक दर्शन

बी. यन.ग्रुप. ऑफ एजुकेशन के माध्यम से देश के विभिन्न प्रदेश सभी जनपदो संस्थानों की स्थापना करना

सामाजिक दर्शन , राजनीति शास्त्र , गरीबी मिटाने के अथक प्रयास  , जाति और शिक्षा के अभाव पर कार्य करना, राष्ट्रवादी विचारधारा के  राजनीतिक दल के साथ लग्न के साथ कार्य करनाSanskrit@Sarvesh Pathak BJP 2409:40E3:100C:AAC6:8000:0:0:0 (वार्ता) 04:29, 7 फ़रवरी 2024 (UTC)उत्तर दें

× About Us WHO WE ARE भारतीय श्रमिक कामगार कर्मचारी महासंघ : भारतीय श्रमिक कामगार कर्मचारी महासंघ भारत का सबसे बड़ा केंद्रीय, कामगारो कर्मचारियों व श्रमिक संगठन है। इसकी स्थापना 23 जुलाई 2010 को हुई। भारत के अन्य श्रम संगठनों की तरह यह किसी संगठन के विभाजन के कारण नहीं बना वरन एक विचारधारा के लोगों का सम्मिलित प्रयास का परिणाम था।यह देश का पहला श्रमिक संगठन है, जो राष्ट्रवादी विचारधारा वाले राजनैतिक दल को समर्थन करता है जो सरकार श्रमिको,मजदूरों, कामगारो के हित की बात करें उसके समर्थन के लिए कार्य करता है , श्रमिकों , मजदूरों, कामगारो के लिए, श्रमिकों द्वारा संचालित अपने में स्वतंत्र श्रमिक संगठन है। स्थापना के पश्चात द्रुत गति से उन्नति करते हुए आज यह देश के विभिन्न राज्यों सदस्य संख्या वाला श्रमिक संगठन है। भारतीय श्रमिक कामगार कर्मचारी महासंघ ने अपने स्थापना के 12 वर्ष पूरे होने पर एक करोड़ से अधिक सदस्यता तथा देश का तीसरे से दूसरा केन्द्रीय श्रमिक संगठन बन चुका है । भारतीय श्रमिक कामगार कर्मचारी महासंघ का कार्य भारत के 32 राज्यों तथा अनेको उद्योगों में है। यह 2010 की सदस्यता सत्यापन के आधार पर पहली बार 2021 में देश का नम्बर 3 श्रमिक संगठन बन चुका है । वर्ष 2022 की सदस्यता सत्यापन के अन्तरिम परिणाम की घोषणा के अनुसार भारतीय श्रमिक कामगार कर्मचारी महासंघ 55 लाख से भी अधिक संख्या के साथ अब भी देश का सबसे अधिक सदस्यों वाला श्रमिक, कामगार, कर्मचारी संगठन है। त्रिभुवन धुरिया जी - राष्ट्रीय अध्यक्ष सर्वेश पाठक - राष्ट्रीय महासचिव अंकित घई - राष्ट्रीय सचिव भारतीय श्रमिक कामगार कर्मचारी महासंघ की स्थापना से पहले मजदूर संगठन राजनीतिक पार्टियों से सम्बन्धित थे तथा पार्टी के मजदूर संगठन के रूप में कार्य करते थे। प्रारम्भ में अन्य मजदूर संगठनों का विरोध तथा व्यंग्य भारतीय श्रमिक कामगार कर्मचारी महासंघ के कार्यकर्ताओं को सहना पड़ता था, लेकिन भारतीय मजदूर संघ ने केवल राष्ट्रवादी विचारधारा के राजनीतिक श्रमिक संगठन के रूप में अपना कार्य प्रारंभ किया तथा आज भी उसी सिद्धान्त पर कायम है। कोई भी राजनीतिक व्यक्ति जिसकी विचारधारा राष्ट्रवादी हो वह इसका नेता बन सकता यदि इसका पदाधिकारी वह पार्टी जिसकी विचारधारा राष्ट्रवादी हो उस पार्टी से चुनाव लड़ सकता है तथा इसका कोई भी सदस्य राजनीतिक चुनाव जीतकर भी पदाधिकारी रह सकता है भारतीय श्रमिक कामगार कर्मचारी महासंघ ने अन्य श्रमिक संगठनों से हटकर कई नये नारे तथा विचार श्रमिकों के सामने रखे। “भारत माता की जय” के साथ श्रमिक हमारी जान है एकता हमारी शान है का उद्घोष पहली बार कर्मचारियों व श्रमिक आन्दोलन में हुआ। भारतीय मजदूर संघ के कुछ सूत्र इस प्रकार हैं-​ 1. देश हित में करेंगे काम, काम के लेंगे पूरे दाम। 2. हमारे संगठन . की क्या पहचान, त्याग-तपस्या और बलिदान। 3. नया जमाना आयेगा, कमाने वाला खिलायेगा। 4 राष्ट्र का औद्योगिकीकरण, उद्योगों का श्रमिकीकरण, श्रमिकों का राष्ट्रीयकरण 17 सितम्बर विश्वकर्मा जयन्ती को राष्ट्रीय श्रम दिवस के रूप में मनाना तय किया गया।[संपादित करें]

About Us

WHO WE ARE

भारतीय श्रमिक कामगार कर्मचारी महासंघ :[संपादित करें]

भारतीय श्रमिक कामगार कर्मचारी महासंघ भारत का सबसे बड़ा केंद्रीय, कामगारो कर्मचारियों व श्रमिक संगठन है। इसकी स्थापना 23 जुलाई 2010 को हुई। भारत के अन्य श्रम संगठनों की तरह यह किसी संगठन के विभाजन के कारण नहीं बना वरन एक विचारधारा के लोगों का सम्मिलित प्रयास का परिणाम था।यह देश का पहला श्रमिक संगठन है, जो राष्ट्रवादी विचारधारा वाले राजनैतिक दल को समर्थन करता है जो सरकार श्रमिको,मजदूरों, कामगारो के हित की बात करें उसके समर्थन के लिए कार्य करता है , श्रमिकों , मजदूरों, कामगारो के लिए, श्रमिकों द्वारा संचालित अपने में स्वतंत्र श्रमिक संगठन है। स्थापना के पश्चात द्रुत गति से उन्नति करते हुए आज यह देश के विभिन्न राज्यों सदस्य संख्या वाला श्रमिक संगठन है। भारतीय श्रमिक कामगार कर्मचारी महासंघ ने अपने स्थापना के 12 वर्ष पूरे होने पर एक करोड़ से अधिक सदस्यता तथा देश का तीसरे से दूसरा केन्द्रीय श्रमिक संगठन बन चुका है । भारतीय श्रमिक कामगार कर्मचारी महासंघ का कार्य भारत के 32 राज्यों तथा अनेको उद्योगों में है। यह 2010 की सदस्यता सत्यापन के आधार पर पहली बार 2021 में देश का नम्बर 3 श्रमिक संगठन बन चुका है । वर्ष 2022 की सदस्यता सत्यापन के अन्तरिम परिणाम की घोषणा के अनुसार भारतीय श्रमिक कामगार कर्मचारी महासंघ 55 लाख से भी अधिक संख्या के साथ अब भी देश का सबसे अधिक सदस्यों वाला श्रमिक, कामगार, कर्मचारी संगठन है।

त्रिभुवन धुरिया जी- राष्ट्रीय अध्यक्ष[संपादित करें]

सर्वेश पाठक- राष्ट्रीय महासचिव[संपादित करें]

अंकित घई- राष्ट्रीय सचिव[संपादित करें]

भारतीय श्रमिक कामगार कर्मचारी महासंघ की स्थापना से पहले मजदूर संगठन राजनीतिक पार्टियों से सम्बन्धित थे तथा पार्टी के मजदूर संगठन के रूप में कार्य करते थे। प्रारम्भ में अन्य मजदूर संगठनों का विरोध तथा व्यंग्य भारतीय श्रमिक कामगार कर्मचारी महासंघ के कार्यकर्ताओं को सहना पड़ता था, लेकिन भारतीय मजदूर संघ ने केवल राष्ट्रवादी विचारधारा के राजनीतिक श्रमिक संगठन के रूप में अपना कार्य प्रारंभ किया तथा आज भी उसी सिद्धान्त पर कायम है। कोई भी राजनीतिक व्यक्ति जिसकी विचारधारा राष्ट्रवादी हो वह इसका नेता बन सकता यदि इसका पदाधिकारी वह पार्टी जिसकी विचारधारा राष्ट्रवादी हो उस पार्टी से चुनाव लड़ सकता है तथा इसका कोई भी सदस्य राजनीतिक चुनाव जीतकर भी पदाधिकारी रह सकता है भारतीय श्रमिक कामगार कर्मचारी महासंघ ने अन्य श्रमिक संगठनों से हटकर कई नये नारे तथा विचार श्रमिकों के सामने रखे। “भारत माता की जय” के साथ श्रमिक हमारी जान है एकता हमारी शान है का उद्घोष पहली बार कर्मचारियों व श्रमिक आन्दोलन में हुआ। भारतीय मजदूर संघ के कुछ सूत्र इस प्रकार हैं-

1. देश हित में करेंगे काम, काम के लेंगे पूरे दाम।

2. हमारे संगठन . की क्या पहचान, त्याग-तपस्या और बलिदान।

3. नया जमाना आयेगा, कमाने वाला खिलायेगा।

4 राष्ट्र का औद्योगिकीकरण, उद्योगों का श्रमिकीकरण, श्रमिकों का राष्ट्रीयकरण

17 सितम्बर विश्वकर्मा जयन्ती को राष्ट्रीय श्रम दिवस के रूप में मनाना तय किया गया। 2409:40D0:1006:9572:8000:0:0:0 (वार्ता) 12:21, 18 मार्च 2024 (UTC)उत्तर दें