सदस्य वार्ता:Sana khan ajay/प्रयोगपृष्ठ
विषय जोड़ेंहिन्दी[संपादित करें]
आज मेने उस से बात भी नही की ? हा हुई थी पर सिर्फ दस मिनट के लये मेरा तो मन भी नही भरा बस मेरा तो यही मन करता हे की मे उस से ही बात करती राहू पर ऐसा नही हो सकता हे क्योकि वो भी काम करता हे ओर मे भी काम करती हु पता हे आज वो कहा था सुल्तानपुर मे / वो वहा क्या कर रहा था आज मे आप को वो भी बताती हु वो सुल्तानपुर क्यो गया था काम करने स्कूल के बच्चो के आधार कार्ड बनाने ओर वो वहा किसी मुसलमान के घर पर रुका ओर तीन चार दिन वही रहा उस घर के लोगो से उस को प्यार हो गया वो लोग भी उस से बहुत प्यार करते हे पर पता हे वहा पर एक लड़की उस को अपना दिल दे बेठी वो भी मुस्लिम लड़की वो आ कर मुझ से बता रहा था मुझे तो यकीन भी नही हुआ था पर जब उस ने मुझे रिकॉर्डिंग सुनाई तो मुझे यकीन हो गया हा मुझे इस बात की बहुत खुशी हे की उस के मन मे उस लड़की के लये कुछ भी गलत नही था वो सिर्फ मुझ से प्यार करता हे किसी ओर के बारे मे वो सोच भी नही सकता मुझे उस पर पूरा भरोसा हे वो बस ऐसा ही हे बहुत जल्दी दूसरों को अपना बना लेता हे जभी तो मुझे उस से प्यार हो गया हे पता हे मे हमेशा से सोचती थी की जब भी मुझे प्यार हो तो ऐसे इंसान से हो जिस को देखते हे सब को उस से प्यार हो जायपर वो सिर्फ मुझ से प्यार करे सब उससे करे ओर वो मुझ से प्यार करे दिखने मे स्मार्ट हो पढ़ा लिखा हो ओर हजारो लोगो का दिल जीतने वाला हो ओर मुझे ऐसा इंसान मिल गया हे अब मुझे कुछ नही चाहिये पर ऐसे मिलने से क्या फायदाजो मिल कर भी बिछड़ जाये ?sana khan ajay 10:30, 24 अक्टूबर 2016 (UTC)