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मीरकॉट दक्षिणी अफ्रीका का एक छोटा नेवले जैसा स्तनपायी जंतु हैं। मीरकॉट एक छोटा सा मांसाहारी पशु है। मीरकॉट बोत्सवाना के कलाहारी रेगिस्तान के सभी हिस्सों में, नामीबिया के नामीब रेगिस्तान, दक्षिण-पश्चिम अंगोला में और दक्षिण अफ्रीका में रहते है। मीरकॉट के एक समूह को "भीड़", "गिरोह", ”झुंड” या "कबीले" कहा जाता है। एक मीरकॉट कबीले में अकसर लगभग 20 मीरकॉट होते हैं, लेकिन कुछ बढ़े परिवारों में 50 से भी अधिक सदस्य होते हैं। मीरकॉट का औसत जीवन-काल 6 से 7 साल होता है।

मीरकॉट।

शब्द व्युत्पत्ति[संपादित करें]

डच भाषा में “मीरकॉट” शब्द का अर्थ झील की बिल्ली होती है। यह भी कहा जाता है कि “मीरकॉट” शब्द संस्कृत भाषा की “मरकटा” से आया ह। “मरकटा” का मतलब एक वानर होता है। अफ्रीका के भाषाओं में “मीर” का मतलब होता है ‘दीमक’ और “कॉट” होता है ‘बिल्ली’, इसलिए मीरकॉट का मतलब दीमक खानेवाला जानवर होता है। मीरकॉट का औसतन वज़न आधे से ढाई किलोग्राम होता है।

विवरण[संपादित करें]

इसकी लंबाई 35 से 50 सेंटिमीटर होती है। सीधे खड़े होने के लिए और संतुलन बनाए रखने के लिए मीरकॉट अपनी पूंछ का उपयोग करता है जो तकरीबन 17 से 25 सेंटिमीटर लंबा होता है। हमेशा आंखों के पास चारों ओर त्वचा काला होता हैं, इस वजह से यह गरुड जैसे शिकारियों पर नज़र रखते समय सीधे सूरज की ओर भी बिना किसी बाधा देख सकता है[1]। मीरकॉट के पास छोटे काले अर्ध-आकार के कान होता हैं जो खुदाई खोदते समय बंद कर सकता है तकी रेत कान के अंदर न जाए। मीरकॉट की चपलता और तीव्र इंद्रियां कलाहारी रेगिस्तान की कठोर परिस्थितियों को झेलकर जीवित रहने में मदद करता है। मीरकॉट के लंबे, मजबूत पिछले पैर उनको दो पैरों पर भी चलने की अनुमति देती हैं। हर एक मीरकॉट की उंगलियों के अंत में एक पंजा होता है जो जमीन को खरोंच के शिकार खोदके निकालने के लिए प्रयोग किया जाता है। मीरकॉट के प्रत्येक पैर पर चार उंगलियाँ होती हैं। रोवां, आम तौर पर चांदी के साथ धूसर रंग, तन या भूरा रंग का होता है। इस तरह के रंग, रेगिस्तान की रेत की रंग के साथ मिलता-झुलता हैं। इन रंगों की वजह से मीरकॉट के शिकारी,[2] जैसे गरुड और लोमडियों को मीरकॉट को ढूंढने में मुश्किल हो जाता हैं। इस तरह मीरकॉट शिकारियों से बच जाता हैं। उनके पास पूंछ से कंधों तक फैली हुई पीठ पर छोटी समानांतर पट्टियां होती हैं। पट्टियों के स्वरूप प्रत्येक मीरकॉट के लिए अद्वितीय होती हैं। मीरकॉट के नीचे की ओर कोई निशान नहीं होता है, लेकिन पेट काली त्वचा की होती है। मीरकॉट अपने पिछले पैरों पर खड़े होकर इस काली त्वचा की मदद से सूर्य की किरणों से गर्मी को अवशोषित करने लगते हैं[3]

मीरकॉट के झुंड।

आहार व्यवहार[संपादित करें]

मीरकॉट मुख्य रूप से कीड़े खाते हैं, लेकिन अन्य जानवर को भी खा लेते हैं जैसे- छिपकलियां, सांप, बिच्छुओं, मकड़ियों, अंडे, छोटे स्तनधारियों और कभी-कभी छोटे पक्षियों को भी खा लेता हैं[4]। कुछ नहीं मिला तो पौधे और कवक को भी खा सकते हैं। मीरकॉट कुछ प्रकार के जहर के प्रति रक्षित होते है, जिसमें कलाहारी रेगिस्तान के बिच्छुओं के बहुत मजबूत जहर शामिल हैं। जब मीरकॉट का एक झुंड खाना ढूंढ रहें होते है तब, एक मीरकॉट हिंसक जानवरों पर नज़र डालता हैं। अगर कोई हिंसक जानवर झुंड के पास आ जाए तो नज़र रखने वाले मीरकॉट हलचल मचाने लगता हैं और सभी नौ दो ग्यारह हो जाते हैं। मुख्य रूप से मीरकॉट के लिए गरुड और सियार हिंसक जानवर होते है। साँप काटने पर, विष के कारण भी कभी कभी मर सकते हैं।

प्रजनन व्यवहार[संपादित करें]

आम तौर पर मीरकॉट के झुंड एक ही जोडी बच्चे पैदा कर सकते है। इस जोडी को “आल्फा” जोडी कहते हैं। अगर झुंड की किसी और जोडी ने बच्चे पैदा करने की दुस्साहस की तो उस मादा मीरकॉट को उस झुंड से निकाल दिया जाता है। अगर कोई बच्चा आल्फा जोडी का न हो तो उसे तुरंत मार दिया जाता हैं। जब झुंड बहुत बड़ा हो जाता है, तब दो झुंड बन जाता हैं।

संदर्भ[संपादित करें]