सदस्य वार्ता:Pratap Sahab

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ए हसीनाओं , इतना भी गुरूर न कीजिए। आशिक हूं मैं, दिल ए करीब तो आने दीजिए। मंजूर ए मुहब्बत, खुदा ऐ गवा, प्यार को प्यार से अपना तो लीजिए। दिल ऐ आशिकी मेरी दिलरुबा, आ गए आगोश, जफा कीजिए।


___Singh Sahab