सदस्य वार्ता:Dr G Singh Kashyap

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17 अति पिछड़ी जातियों के लोग फिर धोखे के शिकार होंगे । सपा बसपा की तर्ज पर बीजेपी ने भी बनाया इन जातियों का मूर्ख वर्तमान समय मे उत्तर प्रदेश मे जिन 17 पिछड़ी जातियो (कहार, कश्यप केवट, मल्लाह, निषाद,धीवर, धीमर, बिन्द, मांझी, मछुआ, तुरहा, गोड़िया, बाथम, कुम्हार, प्रजापति, भर, और राजभर ) की आर्थिक, सामाजिक, शेक्षणिक, और राजनैतिक, दयनीय स्थिति के बारे मे लखनऊ से लेकर दिल्ली तक चर्चा है वास्तव मे प्रदेश में 40 प्रतिशत जनसंख्या वाला यह समाज आज अत्यंत दयनीय हालत मे है इसका कारण है कि प्रदेश की सरकारो ने इनका वोट लेकर सत्ता तो हासिल की परन्तु इनके उत्थान की बाट नहीं सोची ओर सत्ता प्राप्त करने के बाद भ्र्ष्टाचार, परिवारवाद, जातिवाद और धार्मिक उन्माद पेदा किया और इनका भरपूर शोषण किया । संविधान के अनुच्छेद 340 के अनुसार 26 जनवरी 1953 को पिछड़ा वर्ग आयोग काका कालेकर की अध्यक्षता मे बना जिसने अपनी रिपोर्ट 30 मार्च 1955 को भारत सरकार को सौपी इसमे भी इस समाज के लोगो को अलग से आरक्षण देने की बात की गयी थी परंतु यह रिपोर्ट लागू नही की गयी । पुन: इस समाज के विकास के लिए 31 अक्टूबर 1975 को छेदीलाल साथी की अध्यक्षता मे सर्वाधिक पिछड़ा वर्ग आयोग बना जिसने अपनी रिपोर्ट 17 मई 1977 को उत्तर प्रदेश सरकार को सौपी जिसमे अलग से सभी प्रकार की शिक्षा, उदोगधंधे, सरकारी नौकरियो तथा अन्य क्षेत्र मे आरक्षण देने की संस्तुति की गयी परंतु आज तक इस पर किसी भी सरकार ने अमल नहीं किया । 20 दिसम्बर सन 1978 को पुन: पिछड़ा वर्ग आयोग, मा –बी॰ पी॰ मण्डल की अध्यक्षता मे बना और मण्डल कमीशन की रिपोर्ट 12 दिसम्बर 1980 को भारत सरकार को सौप दी जिसमे मछुआरो, बंजारो, बासफोड़, जेसे व्यावसायिक समुदायो को अनुसूचित जाति मे शामिल करने के लिए सिफारिश की गयी थी परन्तु इस पर बिना विचार किये 07 अगस्त 1990 को भारत सरकार द्वारा मण्डल आयोग की सिफारिशों को लागू कर दिया सुप्रीम कोर्ट ने इंद्रिरा साहनी बनाम भारत सरकार जो मण्डल कमीशन की रिपोर्ट के सम्बंध मे केस था उसमे सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय के पेराग्राफ 818 मे स्पष्ट किया हें कि सरकार अन्य पिछड़े वर्ग के आरक्षण मे वर्गीकरण कर सकती है इसीलिए देश के लगभग 08 प्रांतो, बिहार, उड़ीसा, केरल, आंध्र –प्रदेश, तमिलनाडु, हरियाणा, पंजाब आदि मे अतिपिछड़ो को अलग से आरक्षण 1992 से दिया जा रहा है । यदि उत्तर प्रदेश सरकारे ईमानदारी से इस समाज का उत्थान चाहती तो अन्य पिछड़े वर्ग मे वर्गीकरण कर इन 17 जातियों को अलग से आरक्षण दे सकती थी जिसे देने का राज्य सरकार को पूर्ण अधिकार हें परन्तु आज तक किसी भी सरकार ने इन 17 जातियो के लिए कुछ भी नहीं किया और खास तौर पर सपा और बसपा (माया, मुलायम) सरकारो को तो ऐसा आवश्य करना चाहिए था लेकिन इन्होने भी कांग्रेस और भाजपा जेसा ही व्यवहार इन 17 जातियों के सत्यानाश करने के लिए कार्य किया । सपा और बसपा ने इन जातियो को गुमराह करने के लिए अनुसूचित जाति मे केंद्र सरकार द्वारा शामिल कराने की लड़ाई लड़ने का नाटक कर रहे है । अब बीजेपी भी इन्हें मूर्ख बनाने में लग गई है। उपरोक्त 17 जतियों की हालत को देखकर यह आवश्यक है कि इनको अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति मे शामिल किया जाय परन्तु यह लड़ाई विगत 20 साल से लड़ी जा रही है और इन्हे आज तक कुछ हासिल नही हुआ है और यह लड़ाई बहुत लंबी है क्योंकि सत्ता मे बैठे लोग गरीबों के हित मे काम नही कर रहे है यदि ईमानदारी से कार्य किया होता तो 67 साल की आजादी के बाद एक नये गरीब समाज का निर्माण नहीं होता । इसलिये हमारा यह मानना है कि इन्हे अनुसूचित जाति या अनुसूचित जन –जातियों में शामिल करने के लिए संघर्ष जारी रखा जायें लेकिन यह समाज बहुत कठिन परिस्थितियों से गुजर रहा है और वर्तमान में 70 प्रतिशत बच्चे कुपोषण के शिकार है, 60 प्रतिशत लोग झोपड़ी या एक कमरे मे पूरे परिवार के साथ रहते है, 50 प्रतिशत अशिक्षित है, 90 प्रतिशत लोगों की प्रतिदिन की आय मात्र 20 रुपया है और यह समाज वर्तमान मे भुखमरी का शिकार है इसलिये सबसे पहले उत्तर प्रदेश सरकार अन्य पिछड़े वर्ग के आरक्षण में वर्गिकरण कर 15 प्रतिशत आरक्षण इस समाज को अलग से दे और अनुसूचित जाति में शामिल करने की लड़ाई इस शर्त के साथ लड़े की इनका अलग कोटा निर्धारित कर अनुसूचित जाति में शामिल करे ।

-- नया सदस्य सन्देश (वार्ता) 11:06, 15 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]

संसार मे सुख शांति स्थापित करना[संपादित करें]

आज 21 वी शताब्दी में संसार का हर प्राणी एक अंधी दौड़ में दौड़ा जा रहा है उसे पता भी नही की वह कहाँ जा रहा हैबहुत सारे उद्देश्य उसे नजर आते है ।मन मे अशांति के मन बैचैन है। पूछो तो बहुत सारे कार्य निपटने है कहकर अनसुना कर देता है। संसार मे प्रज्ञा शील और करुणा का मंत्र ही सुख शांति ला सकता है।Dr G Singh Kashyap (वार्ता)

Dr G Singh Kashyap (वार्ता) 14:20, 19 अप्रैल 2018 (UTC)[उत्तर दें]

जय हो Dr G Singh Kashyap (वार्ता) 16:51, 23 नवम्बर 2018 (UTC)[उत्तर दें]

मानसिक आज़ादी[संपादित करें]

मानसिक गुलामी सबसे बड़ी गुलामी होती है मानसिक गुलाम गुलामी में बंधा रहता है वो तर्क नही कर सकता । वो अंधा होता है कुसी भी बात को आँख मूँदकर मान लेता है । वह अंधविश्वासी होता हसि पाखंडी होता हसि आडम्बरो में विश्वास करता है

बुद्धि विवेक को चैतन्य करने से मानसिक गुलामी से छुटकारा पाया जा सकता है इसमें शिक्षा और शिक्षकों का बहुत बड़ा योगदान होता है मानसिक आज़ादी दिलाने में Dr G Singh Kashyap (वार्ता) 16:04, 23 नवम्बर 2018 (UTC)[उत्तर दें]

ब्राह्मण की बुराई छुपा ली जाती है। सिर्फ शूद्रो और मुसलमानों की बुराई बताई जाती है।

*Know the Truth.* 

- 1. शूद्र महर्षि शम्बूक की हत्या किसने की थी? - 2. एकलव्य का अंगूठा किसने काटा? - 3. विघटनकारी चार वर्ण किसने बनाये? - 4. मगध राज्य पर हमले के लिए सिकन्दर को किसने बुलाया था? - 5. भारतीय इतिहास का स्वर्णिम पृष्ठ लिखने वाले ब्रहद्रथ मौर्य की हत्या, बौद्धों का नरसंहार व विश्वविद्यालयो पुस्तकालयो को किसने ध्वस्त किया? - 6. हिटलर को भी बौना व फ़ीका बनाने वाले काले कानूनों की किताब मनुस्मुति का लेखक कौन था? - 7. "ब्रह्मा सत्या जगत मिथ्या" के मिथ्यावाद की आड़ में गुप्तकाल के स्वर्ण युग की विनाश लीला किसने की? - 8. पृथ्वी को इक्कीस बार क्षत्रिय विहीन किसने किया? - 9. सोमनाथ के मंदिर का झण्डा झुकाकर मोहम्मद बिन कासिम की विजय किसने सुनिश्चित की? 10. सोमनाथ के मंदिर का जो फ़ाटक हाथियो से भी नहीं टूट्ता उसे मोहम्मद गजनी के लिए किस गद्दार व लालची ने खोला? 11. मोहम्मद गोरी को जयचन्द की चिठ्ठी ले जाने वाला कौन था? 12. बंगाल का वह गद्दार राजा कौन था जो मोहम्मद बख्तियार के डर से महल के पीछे के दरवाजे भाग गया था? 13. अकबर की भंडैती किसने की, तथा भारतीय बहू बेटियो के मीना बाजार किसने लगवाया? 14. महाराजा रणजीत सिंह व दयानंद सरस्वती को भोजन के साथ जहर किसने दिया? 15. सतगुरु रैदास की वाणी को किसने जलाया तथा उनकी हत्या किसने की? 16. शिवाजी का राज्याभिषेक बगैर नहाये बायें पैर के अंगूठे से किसने किया? तथा उनकी व उनके पुत्र की हत्या किसने की? 17. पेशवा बाजीराव कौन था, जिसके डर से सुन्दर महिलायें जहर खाकर आत्म हत्या कर लेती थी? 18. स्वामी विवेकानंद को शूद्र कहकर विश्वधर्म परिषद में जाने का विरोध किसने किया था? 19. महात्मा ज्योतिराव फ़ूले की हत्या के लिए हत्यारे किसने भेजे थे? 20. भारत का बंटवारा किसने और क्यों करवाये थे? 21. गांधी की हत्या किसने की? 22. बाबा साहेब अम्बेडकर को किसकी साजिश से जहर दिया गया? 23. इन्दिरा गांधी को अकाल तख्त उड़ाने व हजारों सिक्खों की हत्या करने के लिए किसने उकसाया था? 24. इन्दिरा गांधी को किस पन्डे ने मन्दिर परिसर में नहीं घुसने नहीं दिया था? 25. वो जनरल कौन थे जो दवा कराने के बहाने भारत चीन युद्ध का मैदान छोडकर दिल्ली भाग आया था? 26. बीस साल तक विभिन्न मन्त्रालयों के अति गोपनिय दस्तावेजों की मोटी रकम लेकर विदेशों को बेंचने वाला कुमार नारायण अय्यर कौन था? 27. राजीव गांधी की हत्या किसने कराई? ……………………………………………………………………………………………………………………………ये सभी लोग मुस्लिम नहीं बल्कि हिन्दू (ब्राह्मण) थे। Dr G Singh Kashyap (वार्ता) 16:40, 23 नवम्बर 2018 (UTC)[उत्तर दें]

कुछ मुद्दे[संपादित करें]

आजकल पिछड़ा वर्ग मोर्चा के पदाधिकारियों की बाढ़ सी आयी हुई है ।पिछड़ा वर्ग मोर्चा के पदधिकारियो के लिए कहना है कि पिछड़ा वर्ग के इन मुद्दों को हल करवाओ

 १- केंद्रीय एन प्रांतीय मंत्री परिषदों   में पिछड़ा वर्ग को उनकी आबादी के अनुसार ८५ % प्रतिनिधित्व     सुनिश्चित   किया जाये .
   2 हाई कोर्ट एव सुप्रीम कोर्ट  में पिछड़ा वर्ग का ८५% प्रतिनिधित्व   सुनिश्चित   किया जाये .
   ३- सेना के उच्च कमांडिंग पदों पर पिछड़ा वर्ग को ८५% प्रतिनिधित्व  सुनिशचित    किया जाये .
   ४- सभी प्रशासनिक पदों पर पिछड़ा वर्ग की तैनाती उनकी आबादी के अनुसार तत्काल कि जाये .
   ५- समाज कल्याण विभाग में उच्च वर्ग के अधिकारियो /कर्मचारियों की तैनाती न की जाये .
   ६- OBC  को भर्ती और प्रोन्नति में उनकी आबादी के अनुसार ५२.५ % आरक्षण दिया जाये .
   ७- मानदेय की नियुक्तियों  में आरक्षण के नियमो का पालन किया जाये .
   ८- प्रत्येक नागरिक को रोजगार एव नौकरी की गारंटी देने के लिए निति का निर्धारण किया जाये तथा योजना बनाया जाये Dr G Singh Kashyap (वार्ता) 16:55, 23 नवम्बर 2018 (UTC)[उत्तर दें]

मतदान करने का अधिकार कैसे मिला भारत मे[संपादित करें]

बहुत संघर्षो के बाद मिला मतदान का अधिकार इसे गवाना और इसका गलत प्रयोग करना ठीक नही आइए जाने मतदान का अधिकार कब और कैसे- मिला

            20अगस्त1917को ब्रिटिश पार्लियामेंट में भारत मंत्री मोंटेग्यू ने घोषणा किया कि भारतीय लोगों को अब अधिक राजनीतिक अधिकार दिया जाएगा ।घोषणा के बाद मोंटेग्यू भारत दौरे पर आकर वायसराय लॉर्ड चेम्सफोर्ड के साथ सारे देश में घूमे। दौरा समाप्त होने के बाद पुनः वापस लौटने के बाद ब्रिटिश पार्लियामेंट से आयोग का गठन कराये,जिसके अध्यक्ष लॉर्ड साऊथब्रो को बनाया तथा तीन भारतीयों को प्रतिनिधि नियुक्त किया गया ,जिसमें श्रीनिवास शास्त्री, सुरेंद्रनाथ बनर्जी एवं साहबजादा आफताब आलम खां थे ।जब साऊथब्रो कमीशन भारत आया, उस समय बाबा साहब सेडनहड कॉलेज में प्रोफेसर के पद पर कार्य कर रहे थे ।इसलिए गवर्नर साहब से अनुमति लेकर साऊथब्रो के सामने अपना मांग पत्र रखा कि अछूतों को मतदान का अधिकार मिलना चाहिए,उनको चुनाव में खड़े होने का अधिकार मिलना चाहिए,

उनके मतदाताओं का स्वतंत्र मतदान संघ होना चाहिए ,अछूतों के अछूत प्रतिनिधि अछूत मतदाताओं को ही चुनने का अधिकार होना चाहिए और अछूतों के मतदाता संघ में अछूतों की जनसंख्या के अनुपात में प्रतिनिधित्व देना चाहिए ।वयस्क मताधिकार होना चाहिए ।बाबा साहब ने अपना लिखित निवेदन प्रस्तुत किया और अपने लोगों से कहा कि आप लोग भी साऊथब्रो कमीशन के सामने निवेदन प्रस्तुत करें। लेकिन बाबा साहब की बात अछूत नहीं माने बल्कि सर नारायण राव चंद्रावाकर के पास चले गए जो 'अछूत वर्ग मिशन '1902 से चला रहे थे ,और जाति के ब्राह्मण थे ।चंद्रावाकर अध्यक्ष थे तथा विठ्ठल रामजी शिंन्दे सचिव थे। शिंदे जी ने कहा कि मैं राष्ट्रीय हितों के प्रतिकूल अछूतों के लिए राजनीतिक अधिकारों की मांग नहीं करूंगा लेकिन अछूतों की स्थिति जब तक वैसी ही रहेगी तब तक जातिय आधार पर राजनीतिक अधिकार दिए जाने चाहिए और उन अधिकारों को प्राप्त करने के लिए मैं प्रयास करता रहूंगा ।आगे शिंदे जी ने कहा कि विधिमण्डल ,नगर पालिकाए और स्थानीय स्वराज्य संस्थाओ में अछूतों का प्रतिनिधित्व होना चाहिए। बम्बई विधि मंडल में अछूतों के लिए कम से कम 5 स्थान (महाराष्ट्र,गुजरात, कर्नाटक ,मुंबई शहर और सिंध)चाहिए और जो अछूत सरकारी मान्य प्राथमिक पाठशालाओ से चौथी कक्षा उत्तीर्ण हुए हो और जिनकी वार्षिक आय ₹144 होगी ,ऐसे लोगों को मतदान का अधिकार चाहिए। अन्य लोगों के लिए कहा कि जिन की वार्षिक आय ₹300 हो और जिन्होंने स्कूल की अंतिम परीक्षा पास कर ली हो उसे मतदान का अधिकार मिलना चाहिए ।आप लोग कह रहे हैं थे कि जो व्यक्ति कर अदा कर रहा है उसे वोट का अधिकार मिलना चाहिए ।साऊथब्रो कमीशन ने सभी को वयस्क मताधिकार नहीं दिया बल्कि जो कर अदा करते थे उनको वोट का अधिकार मिला ।सीमित लोगों को मिला उस समय पूरे भारत में लगभग 4000 मतदाता ही थे। बाबा साहब के वयस्क मताधिकार की बात स्वीकार नहीं किया गया क्योंकि साऊथब्रो कमीशन के तीनों प्रतिनिधि विरोध कर रहे थे ।

      जब बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर को संविधान सभा में संविधान बनाने का अवसर मिला ,तथा बाबा साहब ने वयस्क मताधिकार का प्रस्ताव पुनःरखा तो संविधान सभा के सदस्य थिरेमल राव ने कहा कि वयस्क मताधिकार नहीं मिलना चाहिए ।आर ०के ०सिंधवा ने कहा कि 1946 के पहले का नियम लागू होना चाहिए जो ₹64 लगान देते हैं ,तथा मैट्रिक पास हों। बी .दास ने कहा कि वयस्क मताधिकार पाश्चात्य विचारधारा है। जबकि दामोदर शाह ने कहा कि पंचायत स्तर तक होना चाहिए ।बाबा साहब अंबेडकर ने संविधान सभा में सभी सदस्यों का जवाब देकर संतुष्ट कर दिया तथा संविधान में वयस्क मताधिकार की बात मनवा कर संविधान के अनुच्छेद 326 में व्यवस्था कर दिया कि जिनकी उम्र 21 वर्ष होगी ,सभी को वोट देने का अधिकार होगा ।बाद में 1988 के 61 वें संविधान संशोधन द्वारा 18 वर्ष कर दिया गया।  

डॉ जी सिंह कश्यप एसोसिएट प्रोफेसर पी जी कॉलेज गाजीपुर 9415973984 Dr G Singh Kashyap (वार्ता) 02:19, 25 नवम्बर 2018 (UTC)[उत्तर दें]

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गॉड्रिक की कोठरीमुझसे बातचीत करें 02:50, 25 नवम्बर 2018 (UTC)[उत्तर दें]