सदस्य:Yadavdharm

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      == जन लोकपाल ==

सत्ता और जनतंत्र में बस एक अदा पाई गयी , रामलीला मैदान में १२ दिन सच की खाल खिचबाई गयी | सत्ता में बैठे सियासती रसिया लोग हँसते रहे, थोथले मुंह फालतू संसद में बकते रहे || किसी ने अन्ना पर तो किसी टीम पर निशाना साधा , बी जे पी "दूल्हा की मौसी ' बन उठा रही थी फायदा | अंततः सरकार घुटने टेक सामने आई , अग्निबेश जी महाराज ने दोहरी भूमिका निभाई || अन्ना के हर बायदे पर सरकार हाँ भरती गयी, खिलाफ जनता के बास्ते एक नयी चाल चलती गयी || चाँद लम्हों बाद उस पर धुंध सी छाने लगी , जन लोकपाल के तीन बिन्दुओं पर खौर खाने लगी | सोनिया जी फोन पर मनमोहन को समझाने लगी , अन्ना की खिदमतगीरी बाकी को फ़साने लगी | अन्ना काबिले तारीफ मुसलसल सीढियाँ चढ़ता गया , अहिंसा के राह पर बन्दे मातरम कहता गया || १२ दिन भूखा रहा तीक्ष्ण तपती धूप में, आज देश नमन करता उसे गाँधी के रूप में ||

                        जय  हिन्द जय भारत - धर्मं