सदस्य:Vimmi Karan Sood

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विम्मी करण सूद,पत्रकार व मीडियाकर्मी

आज का डूडल डॉ० वर्जीनिया अपगार को समर्पित है। कभी -कभी कुछ डूडल मुझे आकर्षित करते हैं तो खबरी मन खोजबीन करने के लिए बैठ जाता है। पता चला, डा० अपगार का जन्म 7 जून 1909 को हुआ था और वे अपने ज़माने की जानी-मानी गायनाकालिजस्ट थीं। 109 साल बाद भी दुनिया भर में डिलीवरी कमरों में उनकी उपस्थिति अभी भी महसूस की जा सकती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्होंने ने ही नवजात शिशु के स्वास्थ्य का आकलन करने के लिए पहली मानकीकृत विधि 'अपगार स्कोर' का आविष्कार किया था। उनके आधे नाम पर आधारित ये 5 कारक शिशु के पैदा होते ही देखे जाते हैं,जो हैं- उपस्थिति (Appearance), नाड़ी (Pulse), गड़बड़ी (Grimace), गतिविधि(Activity), और श्वसन (Respiration) । डा० अपगार ने पहली बार  1952 में इस स्कोरिंग सिस्टम को इजाद किया था और इसका उपयोग लगभग हर अस्पताल में शिशु के जन्म पर किया गया है।

डा० अपगार की इस महत्वपूर्ण उपलब्धि से पहले भी उनके योगदान अप्रतिम रहा था। जैसेकि वह अपनी अल्मामटेर 'कोलंबिया यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ फिजियंस एंड सर्जन' में पूर्ण प्रोफेसर बनने वाली पहली महिला थीं और साथ ही स्कूल के एनेस्थेसियोलॉजी विभाग की निदेशक भी। 1950 के दशक के उत्तरार्ध में   कोलंबिया छोड़ने के बाद इन्होंने अपना शेष जीवन नेशनल फाउंडेशन फॉर इन्फैंटाइल पैरालिसिस (अब मार्च ऑफ डाइम्स) के निदेशक के रूप में जन्मजात बीमारियों की रोकथाम के लिए समर्पित किया।

आज इस महिला के 109 वें जन्मदिवस पर पूर्व, वर्तमान और भविष्य की पीढ़ी सादर नमन करती है।