सदस्य:Vibha.Rinu

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Vibha.Rinu
नाम विभा मान
लिंग स्त्री
                                                             मेरा जीवन परिचय 

आज मैं अपने जीवन की व्याख्या करते हुए मैं क्या हूँ, कितने उत्साह से मैंने अपने जीवन के हर मोड़ को महसूस किया है, व्यतीत किया है तथा हमेशा से अपने जीवन का मूल उद्देश्य क्या रखा है|

जन्म/परिवार:

मेरा जन्म कहा हुआ, कब हुआ, यह तो सब बता ही देते हैं परन्तु जन्म के समय जो उत्साह, जो ख़ुशी एक दिल में होती है, वह सब भूल जाते हैं| जब एक नन्ही सी जान इस दुनिया में शामिल होती है तब लाखों खुशियां तथा दुआएं उसके साथ होती हैं| मैंने इस दुनिया को सबसे पहले १ अक्टूबर १९९७ में बीकानेर(राजस्थान) में देखा, कैसी थी वो जगह यह तो याद नहीं है परन्तु अभी जब माँ द्वारा मेरे जन्म के बारे में मुझे बताया जाता है तो मेरे मन में ख़ुशी की एक लहर दौड़ पड़ती है|मैं हरियाणा की रहने वाली हूँ| मेरा परिवार एक खुशहाल परिवार है और जो हमेशा ऐसा ही रहे, ऐसी प्रार्थना सदा ही में भगवन से करती हूँ| मेरे जीवन का सबसे अच्छा तोहफा जिसे भगवन ने मुझे १८ वर्ष पहले दिया - मेरे मम्मी पापा और मेरे भइया|

बचपन/शिक्षा:

मेरा बचपन राजस्थान से शुरू हुआ और अभी तक बचपना गया नहीं है| बचपन, एक जीवन का सबसे अनोखा हिस्सा होता है|मेरा बचपन अनेक जगहों पर बीता है, राजस्थान से लेकर असम तक और पंजाब से लेकर बैंगलोर तक| मेरी शिक्षा कोलकाता से शुरू हुई और अभी बैंगलोर तक चल ही रही है| क्राइस्ट यूनिवर्सिटी में दाखिला मिला जिस दिन, उस दिन मेरे घर में सब बहुत ही प्रसन्न थे की बैंगलोर के बहुत ही प्रचलित कॉलेज में मेरी आगे की पढाई होगी और मैं भी बहुत खुश हूँ|

मेरी रुचियाँ:

वैसे तो मुझे इस दुनिया की हर कुदरती चीज़ों को देखना, उनकी ख़ूबसूरती को महसूस करना पसंद है परन्तु उसके अलावा मुझे संगीत तथा नृत्य में रूचि है| और इनसे भी अधिक मुझे सजावट में कुछ बहुत ही नए आविष्कार करना बहुत ही पसंद है|सच कहा जाये तो मुझे पढाई से भी अधिक रूचि इन चीज़ों में ही है रूचि है जैसे कि मेहँदी लगाना, दीयों कि सजावट करना, चित्रकला आदि| इन सबके भी अतिरिक्त मुझे बैडमिंटन खेलना बहुत पसंद है| और शायद आप इसे मेरी खुद की तारीफ समझें परन्तु मैं अपने दोनों हाथों से बैडमिंटन खेल सकती हूँ, शायद यह ही कारण है कि मुझे वो बहुत पसंद है|

मेरे सपने:

मेरा हमेशा से ही यह सपना रहा है कि मैं अपने देश को एक बहुत ही ज़्यादा ऊंचाई पे देखूं,गरीबी को जड़ से हटा दूँ, देश का हर वासी शिक्षित हो| और सबसे अधिक इस देश में से जाती तथा धर्म में किया जाने वाला भेदभाव हटाना| जिस दिन यह सब हो जायेगा, मेरा सपना पूरा हो जाएगा|अपने लिए मुझे बस एक चीज़ चाहिए और वह ये कि मैं जहाँ भी रहूं, मेरे साथ रहने वालों को अपना सम्पूर्ण प्यार दे सकूँ और उनका प्यार पा सकूँ|

मेरा जीवन जब भी जैसे भी अंत हो, सबका प्यार पा के ही हो, किसी को यह कहने का मौका ना दूँ कि मैंने कुछ गलत किया उसके साथ| यही मेरा जीवन है|