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उमेश शर्मा ( भारद्वाज ) हिन्दी के एक कवि तथा सामाजिक-राजनैतिक कार्यकर्ता हैं। कविता के क्षेत्र में इनका भी योगदान है।

प्रारम्भिक जीवन और शिक्षा

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उमेश शर्मा ( भारद्वाज ) का जन्म 18 अक्टूबर (दशहरा पर्व) 1991 को राजस्थान राज्य के जयपुर ग्रामीण जिले की चोमू तहसील के गाँव अनंतपुरा में अपने ननिहाल में हुआ था। तीन भाइयो में छोटे उमेश शर्मा ( भारद्वाज ) ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा दिल्ली नगर निगम प्राथमिक विद्यालय निलोठी गाँव नांगलोई से प्राप्त की। उनके पिता श्री गोपाल शर्मा ( भारद्वाज ) एक कृषक रहे। उनकी माता श्रीमती बीना देवी गृहिणी है। राजकीय सह शिक्षा माध्यमिक विद्यलय निलोठी से (10th) मेट्रिक में उनके उत्तीर्ण होने के बाद उनके पिता उन्हें विज्ञान की पढाई करवाकर चिकित्सक बनाना चाहते थे। उमेश शर्मा ( भारद्वाज ) का मन विज्ञान की पढ़ाई में नहीं लगा और उन्होंने बीच में ही वह पढ़ाई छोड़ दी। साहित्य के क्षेत्र में आगे बढ़ने के ख्याल से उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनितिक विज्ञान स्नातक प्रतिष्ठा की शिक्षा हिंदी साहित्य विषय के वैकल्पिक विषय के साथ और फिर समाजिक अध्ययन और हिंदी विषय के अध्यापन के लिए शिक्षा स्नातक की डिग्री प्राप्त की।

जीवन वृत्ति

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उमेश शर्मा (भारद्वाज) अपने करियर की शुरुआत दिल्ली और जयपुर के कई निजी और सरकारी विद्यालयों में अतिथि शिक्षक के रूप में अध्यापन का कार्य करके की। शिक्षण का कार्य करते करते उन्होंने अन्य छोटे-मोटे व्यवसायों में निवेश करके भी हाथ आजमाया जिनमे उन्हें औसतन ही सफलता मिली। उन्होंने अपने अध्यापन के कार्य के साथ कविताओं के आलावा लेख लेखन का कार्य भी किया परन्तु वह इसे भलीभांति रूप से अमलीजामा पहना पाने से चूक गए जिसका इन्हे आज भी दुःख है। उनके द्वारा लिखे गीत,कविताए अगले कुछ दिनों में दिखाई पड़ेगी।

राजनीतिक जीवन

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उमेश शर्मा (भारद्वाज) ने अगस्त २०११ के दौरान जनलोकपाल आंदोलन में सक्रियता से भाग लिया ! वे २६ नवम्बर २०१२ को गठित आम आदमी पार्टी के सदस्य हैं। वो एक ऐसे छवि वाले कवि रहे हैं जिसने राजनीति को युगधर्म के आलावा कुछ नहीं समझा। कई राजनीतिक पार्टी उनकों अपने खेमें में लाना चाहते हैं पर वो अडिग रहे हैं। उन्होंने दिल्ली प्रदेश के आप पार्टी संगठन में कार्यकर्त्ता से लेकर जिला स्तर के कई पदों की जिम्मेदारियों को भली भांति संभाला। वह कई समाजिक , धार्मिक संगठनों में महत्वपुर्ण पदों पर रहकर जनहित कार्यो में संलग्न रहते है। इन्होने अब तक कुल ढाई सौ से अधिक आरटीआई आवेदन किये है और भ्रष्टाचार को खत्म करने , अनियमितताओं को बंद करने और जनहित साधने का कार्य इन्ही के माध्यम से किया।