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बिहार की प्रमुख योजनायें[संपादित करें]

परिचय

बिहार में समाज कल्याण विभाग की स्थापना एक स्वतंत्र विभाग के रूप में 20 मार्च 2007 को हई। तब से लेकर आज तक इस विभाग द्वारा कई योजनायें लागू की गई। महिलाओं,बच्चों, वृद्धों, तथा अन्य जरुरतमंद लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए इस विभाग ने कई योजनायें बनाई जिससे की बिहार में विकास की गति रफ्तार पकड़ सके। इनमे से कुछ प्रमुख योजनायें जैसे की स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना, जवाहर ग्राम समृद्धि योजना, इन्दिरा आवास योजना, मुख्यमंत्री कन्या पोशाक योजना इत्यादि प्रमुख हैं।

बिहार की प्रमुख योजनायें[संपादित करें]

स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना[संपादित करें]

यह कार्यक्रम अप्रैल, 1 999 में शुरू किया गया था। यह एक समग्र कार्यक्रम है जिसमें स्व रोजगार के सभी पहलुओं को शामिल किया गया है जैसे गरीबों के संगठन स्वयं सहायता समूहों, प्रशिक्षण, क्रेडिट, प्रौद्योगिकी (आईटी), बुनियादी ढांचे और विपणन (मार्केटिंग)।एसजीएसवाई का उद्देश्य ग्रामीण गरीबों को स्थायी आय प्रदान करना है। ग्रामीण गरीबों की क्षमता पर आधारित ग्रामीण क्षेत्रों में सूक्ष्म उद्यमों की एक बड़ी संख्या स्थापित करने का कार्यक्रम का लक्ष्य है। यह माना जाता है कि एसजीएसवाई के तहत सहायता के लिए हर परिवार को तीन साल की अवधि में गरीबी रेखा से ऊपर लाया जाएगा। यह कार्यक्रम देश के ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को शामिल करता है। इस लक्ष्य समूह के भीतर, एससी / एसटी के लिए 50% लाभ, महिलाओं के लिए 40% और शारीरिक रूप से विकलांग लोगों के लिए 3% आरक्षण द्वारा विशेष सुरक्षा उपायों को प्रदान किया गया है। धन की उपलब्धता के अधीन, अगले 5 वर्षों में प्रत्येक ब्लॉक में 30% ग्रामीण गरीबों को कवर करने का प्रस्ताव है।

जवाहर ग्राम समृद्धि योजना[संपादित करें]

जवाहर ग्राम समृद्धि योजना पिछली जवाहर रोज़गार योजना के विशाल संपादन, अच्छी तरह से संगठित तथा पुनर्व्यवस्था है तथा इस योजना को 1 अप्रैल 1999 को आरम्भ किया गया। इस योजना के तहत यह ग्रामीण निर्धनों के जीवनकाल की उत्तमता में बेहतर सुधार के लिए उन्हें ज्यादा से ज्यादा लाभदायक रोजगार मुहैया कराने के लिए डिजाइन किया गया है।

बिहार स्वर्णजयंती ग्राम स्वरोजगार योजना के तहत एससी तथा एसटी नागरिकों के लिए फंड का 22.5 % निर्धारित किया गया है।इस योजना के तहत 3 % सालाना आवंटन का इस्तेमाल विकलांगों के लिए बाधा रहित बुनियादी ढांचे की रचना के लिए किया जाएगा।स्वर्णजयंती ग्राम स्वरोजगार योजना के तहत ग्राम पंचायत द्वारा सालाना काम को तैयार करने का एकमात्र अधिकार है तथा ग्राम सभा के अप्रूवल से इसका कार्यान्वयन है।जवाहर गांव समृद्धि योजना के तहत इस प्रोग्राम में राज्य सरकार तथा केंद्र सरकार के बीच 25:75 % खर्च की साझेदारी के आधार पर केंद्र आयोजित योजना के रूप में जारी किया जायेगा।

इन्दिरा आवास योजना[संपादित करें]

इंदिरा आवास योजना का मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जाति/अनुसूचितजनजाति, मुक्त बंधुआ मजदूरों के सदस्यों द्वारा मकानों के निर्माण में मदद करना तथा गैर – अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के गरीबी रेखा से नीचे के ग्रामीण लोगों को अनुदान मुहैया कराकर मदद करना है।

मुख्यमंत्री कन्या पोशाक योजना[संपादित करें]

इस योजना के तहत बिहार राज्य के सभी स्कूलो मे पढ़ने बाली छात्राओ को मुफ्त मे स्कूल की पोशाक दी जाएगी। यह पोशाक योजना के तहत केवल कक्षा पहली से लेकर 12वी कक्षा तक की छात्राओ को दी जाएगी।

मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना[संपादित करें]

बिहार सरकार ने वित्त वर्ष में स्नातक उत्तीर्ण करने वाली हर लड़की को 25,000 रुपये देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह योजना बिहार की प्रमुख स्कीम मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना का हिस्सा है। कैबिनेट समिति ने इस योजना के भुगतान के वितरण के लिए 300 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। लगभग 1.2 लाख लड़कियां इस वर्ष स्नातक पाठ्यक्रमको उत्तीर्ण करने जा रही हैं।

मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना[संपादित करें]

इस योजना का संचालन राज्य में कन्या भ्रूण हत्या को रोकने, कन्या के जन्म को प्रोत्साहित करने, लिंग अनुपात में वृद्धि लाने और जन्म पंजीकरण को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री पारिवारिक लाभ योजना[संपादित करें]

बिहार सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री पारिवारिक लाभ योजना अनुमंडल कार्यालय से संचालित होता है। इस योजना का लाभ ऐसे लोगों के आश्रितों को दिया जाता है जिनकी मौत दुर्घटना या आपराधिक घटना में हो जाती है। दुर्घटना में उम्र का बंधन नहीं है। जबकि आपराधिक घटना में हुई मौत में मरने वाले की उम्र 18-65 वर्ष होनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना[संपादित करें]

बिहार के मुख्यमंत्री द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के निवासियों के लिए बिहार मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना आरंभ की जा रही है| इस योजना के तहत बिहार राज्य के नागरिक सब्सिडी पर वाहन खरीद सकते हैं| यह योजना सरकार द्वारा बिहार की 8405 ग्राम पंचायतों में शुरू की जाएगी|

अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना[संपादित करें]

बिहारसरकारद्वाराशुरू की गई अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन पूरी तरह बिहार के निवासियों के लिए शुरू की गई है। इस योजना का लाभ अनुसूचित जाति की युवती और गैर अनुसूचित जाति के युवकों को हो सकता है। योजना के तहत अगर कोई गैर अनुसूचित जाति का युवक अनुसूचित जाति की युवती से शादी करता है तो उसे ढाई लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।

मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति  एवं जनजाति सिविल सर्विस प्रोत्साहन योजना[संपादित करें]

अनु0जाति एवं अनु0 जनजाति कल्याण विभाग मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना संघ लोक सेवा आयोग, नई दिल्ली द्वारा आयोजित सिविल सेवा (प्रारम्भिक) परीक्षा, 2018 में उत्तीर्ण होने वाले बिहार राज्य के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों के लिए आवश्यक सूचना।राज्य सरकार द्वारा लागू की गई योजना के तहत संघ लोक सेवा आयोग, नई दिल्ली द्वारा आयोजित सिविल सेवा (प्रारम्भिक) परीक्षा, 2018 में उत्तीर्ण होने वाले अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों को एकमुश्त 1,00,000/- (एक लाख रूपये) मात्र की प्रोत्साहन राशि प्रदान करने हेतु ऑनलाईन आवेदन आमंत्रित किये जाते हैं।

मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना[संपादित करें]

कन्या विवाह योजना उन परिवारों के लिए है, जो गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) आते हैं. ऐसे परिवार की बेटी की शादी में सरकार की तरफ से आर्थिक मदद दी जाती है।BPL परिवार की बेटी की शादी में सरकार 5,000 रुपये की एकमुश्त रकम देती है. यह रकम लड़की के नाम चेक या डिमांड ड्राफ्ट के जरिए दी जाती है. कन्या विवाह योजना को साल 2012 में लोक सेवा के अधिकार अधिनियम में भी शामिल कर लिया गया है.