सदस्य:Sirisha1610555/प्रयोगपृष्ठ/1

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अनुक्रम १ =परिचय= २ =व्यवसाय= ३ = उपलब्धियो=

परिचय[संपादित करें]

करोल सत्यमूर्ती एक महत्तवपूर्ण ब्रिटीश कवि थे । उनका जन्म १९३९ मे केन्ट, उत्तर अमीरीका मे हुआ था। उन्होने सिग्नपूर और उगान्डा मे भी अपने जीवन बिताया। वह वृत्ति मे समाशास्त्री और अनुवादक थे।उसका विवाह टी वि सत्य्मूर्ती से हुआ'


व्यवसाय जीवन[संपादित करें]

इन महत्तवपूर्ण काम के लिए उनको बहुत ही प्रशंसा और  नाम मिली है।  कारोल सत्यमूर्ती ने ईस्ट लंदन  विश्वविद्यालय और टाविस्टाक क्लीनिक मे काम किया है।  उन्होने मुख्य रूप से कई   व्य्तियो के जीवन मे हुई घटनाओ को लेकर  मनोबुदध्दि विचारो के बारे संशोदन करते थे और बहुत ही ध्यान देते थे। इसके साथ-साथ चारल्सटन विशविध्यालय और सस्सेक्स विश्वविद्यालय मे लेखक थे। कारोल सत्यमूर्ती ने अरवोन फाऊनडेशन और पद्य पाठशाला मे पटाते थे। वो 'वेर कविता' के उपाध्यक्ष थे ।  इसके साथ-साथ कारोल वेनिस, कोरफू और लंदन मे ग्रेगोरी वारन विलसन के साथ मिलकर पद्यो का कार्यक्रम निर्वाह करते है।
सत्यमूर्ती एक अनुभवी अभिनेता और समकालीन कविता दुनिया मे एक सक्रिय प्रतिभागीता न्यायाधीश और कार्यशाला के शिक्षक के रूप मे उन्होने काम किया है।  कविता  संग्रह के लिए गए रिकार्डिग के इस चयन मे, सत्यमूर्ति की कविताओ को हमारे रोजाना परिवेश  से लगभग विचारो-विमर्श करने वाले,उनके विचारो मे, जैसे दार्शनिक प्रतिबिन्बो को गति मिलनी चाहिए, और दुनिया के बाहर निरंतर ध्यान और अनुभव बिमारी की व्यत्किगत लागत से, तत्काल और आरमदायक, युद्ध के राजनीतिक और मनोवैज्ञानिक अन्तर्दृष्टि के लिए प्रसिद्ध है।
रुपए और भाषा द्वरा प्रस्तुत तुल्यता क खेल मे सत्यमूर्ति का आनंद संक्रामक और फायदेमंद है। ये कविताओ विविध और कभी-कभी स्पष्ट विचारो को नजरअन्दक नही करते है या दैनिक जीवन मे छिपे हुए है-वैज्ञानिक ज्ञान के "अन्ध् धब्बे" की तुलना, वृद्धव्स्था के अपमानो का एक कदु खाता- और लेखक की उपस्तिति से जुडे
हुए है, जो सावधान और सचेत हुए थे, मुखय रूप से एक उदार और मानवीय जिज्ञासा से प्रेरित है। उन्होने आक्स्फार्ड विश्वविद्यालय प्रेस के साथ तीन कविताए प्रकाशित की, जिनमेसे पहली और तीसरी कविता पुस्तक सोसाईटी की सिफारिशो: ब्रोकन मून (१९८७), चेञिग द विषय( १९९०) और स्ट्राइकिङ दूरी(१९९४) थे। १९९८ मे ओयूपी ने अपनी चुनी गइ कविताए प्रकाशित की। ओयूपी कविता सूची को समाप्त करने के बाद, उसका चौथा संग्र्ह, लव एवं व्हेरिएशन, २००० मे ब्लैडेक्स द्वरा प्रकाशित कीया गया था।

कारोल सत्यमूर्ती को महाभारत से विशेश प्रेम थे।पशचममे, जब लोग महाकाव्य के बारे मे सोचते है, होमर क इलियाद और ओडिसी मन मे आती है, लेकिन कारोल ने महाभारत को विविध देशो मे प्रसिद्ध किया।


उपलब्धियो[संपादित करें]

उनकी कविताओ को कई पुरस्कारो से सम्मानित किया गया है। १९८६ मे उन्होने राष्ट्रिय कविता प्रतियोगिता जीती थी। १९८८ और २००८ मे प्राप्त कला परिषद राइटस पुरस्कार। २००० मे उन्हे फादर प्राइज के लिए कम-सूचीबद्ध किया गया। उनकी कविता पत्रिकाओ की एक विस्तृत श्रन्खला मे प्रकाशित की गई है, और इन्हे बडे पैमाने पर आनथोलोजाईस्ड किया गया है। वह फिलहाल महाभारत की एक कवीता पर फिर से काम कर रही है, जो २०१४ मे डब्ल्यूडब्ल्यू नार्टन द्वारा प्रकाशित की जाएगा।कारोल स्त्यमूर्ती के महाभारत-एक आधुनिक पुनर्मिन आ गया है।ब्रिटेन के प्र्तिष्टित राश्ट्रिय कविता प्रतियोगिता विजेताओ मे से एक,व्ह आगे पुरस्कार के लिए चयन की गई है  कारोल ने कैई पुरस्कार जीते है;

१९८६- राष्ट्रिय कविता प्रतियोगिता १९८८- आर्टस काउन्सिल राईटर्स पुरस्कार २००७- शार्ट-सूचीबध्द फारवर्ड प्राईज