सदस्य:Singh harshita/प्रयोगपृष्ठ

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समावेशन[संपादित करें]

पितृसत्ता शब्द का अर्थ है- वह सामाजिक व्यवस्था जिसमें आदमी मुख्य ताकत का भागिदार होता है, राजनैतिक न्यतृत्व, नेतिक अधिकार, सामजिक विशेषाधिकार एवं ज़ायदाद पर हक रखता है। वह घर का मुखिया होता है और सभी मुख्य फैसले लेने की ताकत रखता है। ऐसे परिवार परिवेश मैं आदमी बच्चों और औरतो पर हक़ जमाता है। पितृसत्ता के नियमो के द्वारा औरतो की उन्नति पर रोक लगती है। इसके कई रूप होते है, जिसमें की न सिर्फ आदमी औरत पर बल्कि आदमी आदमी और औरत औरत पर राज करते है। इतिहास गवाह हैं की पितृसत्ता के द्वारा औरतो पर बहुत अत्त्याचार किये गए हैं और अभी भी लिया जा रहा हैं।

शब्द व्युपत्ति[संपादित करें]

पित्रसत्ता शब्द का स्त्रोत पिता शब्द है। पितृसत्ता का मतलब "पिता का शासन" होता है। अंग्रेज़ी शब्द Patriarchy ग्रीक शब्द patriarkhēs से आता है जिसका मतलब जाती का मुखिया होता है।

इतिहास[संपादित करें]

मानवविज्ञानिको के अनुसार इतिहासिक पूर्व समय का समाज अब के पित्रसेतिक समाज के मुकाबलें काफी समानिधिकरवादी था। आज का समाज पहले से ज्यादा मुश्किल हैं, अब औरतो का उत्पिरण बढ़ गया हैं.पित्रसत्ता के कई पहलु हैं.वह सामाजिक, आर्थिक एवं मानसिक रूप से औरतो को जकड़ के रखा हैं.कुछ विद्वान कहते हैं की पित्रसत्ता ६ हज्जार साल पहले शुरू होई और तबसे बढती ही जा रही हैं।एरिस्टोटल यह कहता हैं की औरत अद्द्मी से हर तरह से कमज़ोर हैं चाहे वह शारीरिक, मानसिक या फिर नैतिक तौर पे हो।उसके हिसाब से औरत को बच्चे पैदा करना और घर का ध्यान रखना चाहिए॥ मध्यकालीन यूरोप मैं पित्रसत्ता पूरी तरह नहीं आई थी क्यूंकि मात्रसत्ता भी प्रचिलित थी।

नारीवादी सोच[संपादित करें]

परिवार और पित्रसत्ता[संपादित करें]

मनो सिधांत[संपादित करें]

संधर्भ[संपादित करें]