सदस्य:Siddh Ramratan Godara

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सिद्ध समाज के गुरु जसनाथ जी है और जसनाथ जी के गुरु गौरखनाथ जी हुए! समाज के सभी गौत्र जाट गौत्र हैं स्वयं गुरू जी ज्याणीं जाट थे! समाज सुधार के लिए आपने जाटों को 36 नियम दिए! उनको पालन करने वाले सभी वर्ग या जाति जसनाथी कहलाएं! सम्मत 1539 में कत्रियासर गाँव, बीकानेर रियासत से समाज का पादुर्भाव हुआ! सिर पर भगवां पगड़ी, या कन्धे पर भगवीं चादर एक पहचान है! अग्नि नृत्य और ऊँकार राग उच्चारण मुख्य कला है! आडम्बर व पाखंड और नशा, हिंसा के घोर विरोधी थे! जीव हत्या को देखना ही पाप व हरा वन (पेड़) रक्षक, पशुपालन, ब्याज न लेना, कन्या दान शादी, ब्राहमण पाखंड के खिलाफ थे शुभ -अशुभ समय को नहीं मानना! प्रक्रति प्रेमी और रक्षक हैं सारे नियम! जय गुरू देव जसनाथ!