सदस्य:ShreyaGhosh1537

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मेरा नाम श्रेया घोष है और मै कलकत्ता से हूँ । मेरा जन्म ५ मई २००० मे हुआ था और मै अब १८ साल की हूँ । मेरा जन्म स्थान कलक्त्ता ज़रूर है परन्तु मै ह्य्देराबाद मै बरी हुई हूँ । मै वहा पर पचवी कक्षा तक पढ़ी हूँ और फिर साल २०११ मे पितजी के स्थानांतरण के कारण् वापास आ गयी । मैने आपनी पांचवी कक्षा तक की पढ़ाई ह्य्देराबाद के ओकरीज अंतरराष्ट्रीय स्कूल मै पढ़ी थी और आपनी बराह कक्षा तक की पढ़ाई कलकत्ता के जी दी बिर्ला विध्यालय मै पुरा किया था। अभी मै बैंगलोर के क्राइस्ट यूनीवरसीटि मै पढ़ रही हूँ । बचपन मे मैने बहुत कुछ सीखा था, नृत्य, चित्रकला, कविता प्रदर्शन और पियानो जो मै आज तक सीख रही हूँ । मै पियानो ४ साल की उमर से बजा रही हूँ और उसी को लेकर आपनी आगे की पढ़ाई पुरी करना चाहती हूँ । मुझे पियनो बजाना बहूत पसन्द है और समय मिल्ने पर हमेशा बजाती हूँ । मुझे कितबे पढ़ना बहुत अच्छा लगता है । मै अगाथा क्रिस्टी के बहुत सारी कितबे पढ़ती हूँ । मुझे नृत्य-्नाटक देखने का भी बहुत शौक है । बच्पन से मै बहुत सारे नृत्य कार्यक्र्मो को देख्नने जाती थी । मैं अपने माता-पिता का एकमात्र स्न्तान हूँ और इसी वजह से हम लोग एक दूसरे से बहुत करीब है ।

मेरे माता-पिता ने हमेशा मुझे सब चीज़ में समर्थन दिया और जो कुछ भी मैं चाहती थी उसे करने दिया । उन्होने मुझे कभी भी अध्ययन में अच्छा होने के लिए मजबूर नहीं किया है और हमेशा मेरी बहिर्वाहिक गतिविधियों पर ध्यान दिया है । मुझे फिल्मे देख्नने का भी बहुत शौक है । जब एक नई फिल्म रिलीज होती है तो मैं अपने दोस्तों के साथ अक्सर बाहर जाती हूँ । मेरे लिए मेरे दोस्त बहुत प्रिय है । उन्होने हमेशा मेरा साथ दिया । जब मुझे किसी चीज़ कि ज़रूरत होती है, वो सब बिना पूछे मदद करने आ जाते है । मैने बच्पन मै बहुत सारे नाटक समारोह मै भाग लिया है । स्कूल मे हुआ हर नतक मे मैने भाग लिया था । कई बार मै नाटक प्रतियोगिता मे प्रथम आ चुकि हूँ । मैं कभी भी अध्ययन में बहुत अच्छा नहीं थी, लेकिन मैंने जो भी किया है, मैंने १०० प्रतिशत फोकस के साथ किया है जिसके कारण मै यहा तक आयी हूँ । मेरी ज़िन्दगी मे बहुत उतार चराव थे परन्तु मै उन सब का सामना करके इधर तक आयी हूँ । बच्पन से इतना सब कुछ सीख्नने के करण मुझे बहुत परिश्रम करना परा । मुझे अलग-अलग कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर दौड़ना पड़ता था जिस्के कारण मैने बच्पन के बहुत सारी चीज़ो का हिस्सा नही बन सकी । मै आशा रखती हूँ कि अभी मै बहुत सारी चीज़ो मे भाग ले सकू और मुझे बाकि सब करने का भी समय मिले ।