सदस्य:Satyan Srivastava

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क्या आपको पता है योग का आँठवा और अंतिम सूत्र तेल मालिश (Oil massage) है शरीर की घर्षण विधि को मालिश कहते है अखाड़े में लड़ने वाले पहलवान अपने शरीर को हष्ट-पुष्ट रखने के लिए तेल मालिश करते है इससे उनका शरीर हष्ट-पुष्ट के साथ शक्तिशाली (Powerful) भी बनता है शरीर की पेशियों को उचित पोषण के साथ तेल मालिश आपके शरीर के यौवन को भी बरकरार रखता है |


तेल मालिश से होने वाले लाभ-[संपादित करें]

1- तेल मालिश (Oil massage) के द्वारा शरीर का तंत्रिका-तंत्र (Nervous system) तथा रक्तसंचरण तंत्र (Circulatory system) तंदुरुस्त व सक्रिय रहता है मालिश द्वारा शरीर की मांसपेशियां (Muscles) तथा बाह्य त्वचा में स्थित नाड़ियों (Vascular) में तनाव उत्पन्न होकर नाड़ियों के फैलने से शरीर के बाह्य स्तर की ओर रक्त संचार बढ़ता है |

2- तेल मालिश से सबसे जादा प्रभाव शरीर की त्वचा पर पड़ता है घर्षण से रोमकूप खुलते है तथा त्वचा से दूषित प्रदार्थों का निष्कासन होकर यौवन काफी समय तक स्थाई रहता है |

3- पूरे शरीर में नित्य प्रति तेल का लगाना पुष्टिकारक माना जाता है विशेषकर सिर व कानों में तेल डालना लाभप्रद है सरसों का तेल तथा अग्नि के संयोग से निकाला हुआ तेल-जैसे-चम्पा, चमेली, बेला, जूही आदि पुष्पों से सुगन्धित किया हुआ तेल शरीर के यौवन को निखारने में अति सहायक है इन तेलों से मालिश करके शरीर की चमक को बढाया जा सकता है आज भी केरला में उत्क्रष्ट तेल मसाज (Oil massage) पार्लर की संख्या बहुत अधिक है |

4- वैसे आयुर्वेद में सबसे उत्तम घी (ghi) की मालिश बताया गया है लेकिन नारियल तेल (Coconut oil) या तिल के तेल (Sesame oil) की मालिश भी उपयुक्त है वात-विकृति को दूर करने के साथ -साथ उदर सम्बन्धी अनेक रोगों में भी तेल मालिश करने का बहुत महत्व है-कई प्रकार की विकृतियाँ तथा सूजन जो जाने-अनजाने हो जाती है उन सभी का निवारण तेल मालिश द्वारा संभव है |

5- स्त्रियों की कई समस्याएं जैसे योनि व गर्भाशय तथा मासिक की गड़बड़ियों को भी तेल मालिश द्वारा ठीक किया जाता है |

6- स्तनों के अविकसित रहने के में जैतून के तेल की मालिश (Oil massage) आश्चर्यजनक लाभप्रद हैयदि कोई नवयुवती सोलह साल की उम्र से ही नित्य पान के पत्तों के रस से योनि पटलों की मालिश करती रहे तो आजीवन यौन रोगों से ग्रसित नहीं रहना पड़ेगा |

7- जो स्त्री तेल या घी से नियमित रूप से अपने स्तनों की तेल मालिश नीचे से उपर की ओर करती है उसके स्तन काफी न ढीले होते है न ही कभी लटकते है तथा दो उँगलियों के सहारे योनि के अन्दुरूनी भाग की नियमित तेल मालिश (Oil massage) करती है उनके अंदर कभी यौन रोग नहीं होते है श्वेत-प्रदर आदि से बचाव का यह उत्तम तरीका है |