सदस्य:Samachar Bandhu

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समाचार बंधु पत्रकार वेलफेयर एसोसिएशन का गठन 15 अप्रैल 2005 किया गया था | वर्तमान में समाचार बंधु के साथ लगभग 5000 समाचार पत्र तथा 16000 से अधिक पत्रकार जुड़े हुए हैं | वर्ष 2005 में श्री दिनेश चंद्रा द्वारा अपने साथियों के साथ मेरठ में समाचार बंधु का गठन किया गया | जो बीज उस समय रौंपा गया , आज वह एक वटवृक्ष बनकर पूरे देश में फैला हुआ है | हर जगह से पत्रकार समाचार बंधु के साथ जुड़ रहे हैं | वही समाचार बंधु भी पत्रकारों के हितों की लड़ाई लड़ने में कहीं भी पीछे नहीं है|  पत्रकारों पर हमला हो या पत्रकारों पर फर्जी मुकदमा, हर मामले में समाचार बंधु अपने पत्रकार साथियों के साथ खड़ा नजर आता है | यही कारण है मात्र 11 लोगों से शुरू हुआ यह संगठन आज 16000 से भी अधिक पत्रकारों को अपने साथ जोड़ने में कामयाब हो चुका है

कहने को तो मीडिया को लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का दर्जा प्राप्त है , लेकिन हमारे देश में सबसे ज्यादा दुर्दशा मीडिया की  ही  है | हमारे देश में सबसे ज्यादा अनदेखी लघु समाचार पत्रों व  पत्रकारों की ही होती है | सरकारी स्तर पर पत्रकारों व लघु समाचार पत्रों का किसी प्रकार सहयोग नहीं किया जाता है , नाही पत्रकारों की सुरक्षा के लिए संविधान में किसी प्रकार का कोई प्रावधान है | कारपोरेट के मीडिया में दखल के बाद से हालात और बद से बदतर हो चुके हैं | लघु समाचार पत्र जो मान्यता प्राप्त भी हैं , उन्हें भी  सरकारी विज्ञापन नहीं मिल पाता और जो  मिलता भी है और जो मिलता भी है उस पर भी मोटा कमीशन देना पड़ रहा है |

लघु समाचार पत्रों का प्रसार कम होने के कारण  उन्हें जनता से भी विज्ञापन नहीं मिल पाता | जिस कारण अधिकतर समाचार पत्र या तो बंद हो चुके हैं , या बंद होने की कगार पर है | यही स्थिति पत्रकारों की भी है |  जब समाचार पत्र को ही  धन प्राप्त नहीं होगा , तो पत्रकारों  का वेतन व  अन्य खर्चे कैसे निकलेंगे | हालात इतने खराब है पत्रकारों को अपने घर को चलाने के लिए मूलभूत जरूरतों से भी समझौता करना पड़ रहा है |  ऐसे में ऐसे में यदि किसी पत्रकार साथी के साथ कोई दुर्घटना हो जाए या किसी  पत्रकार साथी की दुर्घटना मैं मृत्यु हो जाए तो उसके परिवार पर बहुत बड़ी आपस आफत आ जाती है |

ऐसे में समाचार बंधु अपने सभी सदस्यों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराती है | जो भी पत्रकार साथी दुर्घटना में घायल होते हैं और अस्पताल में भर्ती होते हैं , समाचार बंधु अपने उन साथियों को तत्काल ₹20000 बीस हज़ार रुपए  नकद उपलब्ध कराती है,तथा जिन साथियों की दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है उनके परिजनों को ₹100000 एक लाख रुपए नकद सहायता राशि संगठन की ओर से तत्काल दी जाती है

पत्रकारों की सबसे बड़ी समस्या का कारण पत्रकारों का  सूचीबद्ध ना हो पाना है | आर एन आई द्वारा समाचार पत्र के प्रकाशन की अनुमति तो प्रदान  कर दी जाती है | लेकिन समाचार पत्रों की मान्यता को नहीं |  जिसके चलते बड़ी संख्या  में पत्रकारों की मान्यता नहीं हो पा रही है | आज के  समय में यदि किसी  जिले में 2000 पत्रकार हैं तो उनमें से बमुश्किल 100 पत्रकार ही मान्यता प्राप्त है बाकी 19 सौ पत्रकार गैर मान्यता प्राप्त पत्रकार है जिस कारण पत्रकारों को किसी प्रकार की सरकारी सहायता  या अनुदान नहीं मिल पा रहा है | ऐसे में समाचार बंधु पत्रकारों के लिए आवास, उनके बच्चों के लिए निशुल्क शिक्षा व्यवस्था, निशुल्क चिकित्सा व्यवस्था, पत्रकारों की सुरक्षा कानून तथा वरिष्ठ पत्रकारों के लिए पेंशन की मांग लगातार सरकार से कर रही है