सदस्य:Rajendra pandey pendra

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                                          प्रोग्रामिंग के चरण (steps in programming)

introduction

प्रोग्राम एक ऐसा निर्देशों का समूह है जो किसी कार्य के अनुरूप कम्पुटर में संचालित होता है इसी प्रकार प्रोग्रामिंग प्रोसेस का तात्पर्य कम्प्यूटर प्रोग्राम का निर्माण करने के लिए प्रयोग में लाये जाने वाले सेट ऑफ़ एक्टिविटी से होता है जो निम्न लिखित है

 A):-प्रोग्राम की विशेषताओं को समझना (Under stand program specification)
 इसमें निम्न लिखित दो एक्टिविटी का समावेश होता है
      a):- प्रोब्लम को परिभाषित करना (problem Definition)
      b):- आवश्यकताओ का विश्लेषण  (Requirement Analysis)

प्रोग्राम मॉडल का निर्माण करने से पूर्व सर्व प्रथम प्रॉब्लम को clear statement के रूप में परिभाषित कर लिया जाता है जिससे यह सुनिश्चित हो जाय की प्रॉब्लम के solution तक कैसे पहुचना है इसके पश्चात् यह सुनिश्चित किया जाता है की इनपुट, आउटपुट,एवं प्रोसेसिंग के लिए किन तथ्यों की आवश्यकता है यह कार्य अत्यन्त सुगमता पूर्ण होना चाहिए ,Requirement Analysis का कार्य निम्न लिखित दो बिन्दुओ के आधार पर किया जाता है

     i):- इनपुट एवं आउटपुट क्या होगा? (What is given as input and output)
     ii):- उद्दयेश तक कैसे पहुचना है ?  (How to arrive at the solution)
     इसके बाद प्रोग्राम मॉडल का निर्धारण किया जाता है 

B):-प्रोग्राम के मॉडल का निर्माण (Design a program model)

3):-प्रोग्राम के सत्यता का निर्धारण (Determine correctness of the program)

4):-प्रोग्राम की कोडिंग (Code the Program)

5):-प्रोग्राम को टेस्ट करना एवं त्रुटी सुधार (Test and debug the program)

6):-प्रोग्राम के डाकुमेंट का निर्धारण करना (Document the program)