सदस्य:Priyanshu tiwari

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प्रियांशु तिवारी 'वात्सल्य' एक बेहतरीन कवि है

वर्तमान में ये लखनउ में रहते है

= पूरा परिचय[संपादित करें]

प्रियांशु तिवारी का जन्म १२ जुलाई सन २००० में ग्राम आहिरिफिरोजपुर सुल्तानपुर जिले में हुआ था इनके पिता का नाम श्री नित्यानंद तिवारी और माता का नाम श्रीमती नमिता तिवारी है इनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव में हुई सुरु से ही इन्हे कविता बोलना भाषण देना बेहद पसंद था जब ये कक्षा १० में पहुंचे तब तक अपनी बोलने की शैली से ये शहर में प्रसिद्ध हो चुके थे फिर धीरे धीरे इन्होने कविता लेखन शुरू किया और कुछ ही समय में काफी प्रसिद्ध हो गए। इनकी एक रचना गुलाबों अत्यधिक चर्चित रही है

जल्द ही इतनी एक किताब "याद कुछ भी नहीं " आने वाली है अब तक की रचनाये अब तक प्रियांशु जी ने काफी रचनाये लिखी है जो निम्न है १ वात्सल्य की वंदना २ तुम ही सूरज तुम ही चंदा ३ याद ४ बदनाम शहर ५ इंद्र धनुष ६ डायरी आदि पुरस्कार एवं सम्मान प्रियांशु जी को अब तब कई पुरस्कार व् सम्मान मिल चूका है १ २०१८ में नवांकुर सम्मान २ साहित्य साधक सम्मान ३ रोटरी क्लब सम्मान ४ नागरिक अभिनंदन सम्मान ५ सरदार पटेल सम्मान आदि प्रियांशु जी वर्तमान में लखनऊ में रह कर कविता के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे है