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जोसेफ स्टािलन

जोसेफ स्टािलन (1878-1953), जॉिजर् या के गोरी में इओसेब बेसािरयोिनस डेज़ जुगाशिवली का जन्म, एक सोिवयत राजनीितक नेता था, िजसके प्रभाव ने 20 वीं शताब्दी के पाठ्यक्रम को आकार िदया था. 1922 से सोिवयत संघ की कम्यिुनस्ट पाटीर् के महासिचव के रूप में 1953 में उनकी मृत्यु तक, स्टािलन के शासन को महत्वपणू र् राजनीितक, आिथर् क और सामािजक पिरवतर्नों द्वारा िचिह्नत िकया गया था, साथ ही क्रू र दमन और एक अिधनायकवादी राज्य की स्थापना.

तेहरान सम्मेलन, 1943 में स्टािलन
सोिवयत संघ की कम्युिनस्ट पाटीर् के महासिचव
कायार्लय में 3 अप्रैल 1922 – 16 अक्टूबर 1952 [a]
व्याचेस्लाव मोलोटोव द्वारा पूवर् में (िजम्मेदार सिचव के रूप में)
िनिकता ख्रुश्चेव द्वारा सफल (प्रथम सिचव के रूप में)
सोिवयत संघ के मंित्रपिरषद के अध्यक्ष [ख]
कायार्लय में 6 मई 1941 – 5 माचर् 1953

सामग्री तािलका


  • प्रारिंभकजीवनऔरक्रांितकारीशुरुआत
  • 1.1 गोरी, जॉ'ज( या म, बचपन
  • 1.2 1ां3तकारी राजनी3त म, 6वेश
  • 1.3 ":ा'लन" नाम को अपनाना1.4 3गर=ारी और ?नवा@सन
  • शिक्त का उदय
  • 2.1 अBू बर 1ां3त म, भू3मका
  • 2.2 बोEशे3वक रFकG म, चढ़ाई
  • 2.3 महासKचव के Lप म, ?नयुNO
  • 2.463त ं3 यGकQशNOऔरउSूलनकासमेकन
  • औद्योगीकरण और सामूिहकता की नीितयां
  • 3.1 6थम पंचवषVय योजना (1928-1932)
  • 3.2 भारी उ ोग और बु?नयादी ढांचे पर जोर
  • 3.3 कृ 3ष का सं[हयू1े न म,
  • 3.4 होलोडोमोर अकाल (1932-1933)
  • द ग्रेट पजर् (1936-1938)
  • 4.1 राजनी3तक दमन और परी]ण ?दखाएं

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4.2 लa और पी3ड़त

4.3 सो3वयत सोसायटी पर 6भाव

िद्वतीय िवश्व युद्ध और युद्ध के बाद का युग

5.1 3 तीय 3वd यु म, सो3वयत संघ कQ भू3मका 5.2 :े'लन[ाद कQ लड़ाई

5.3 पूवV यूरोप म, सो3वयत 6भाव का 3वgार 5.4 शीत यु कQ शुhआत

िवरासत और िववाद

6.1 सकाराjक योगदान और उपलk यां 6.2 मानवाmधकार हनन और आलोचना 6.3 :ा'लन के 6भाव पर बहस

6.4 ऐ3तहाmसक आकलन

मृत्यु और उत्तरािधकार

7.1 :ा'लन कQ मृpु

7.2 qुrेव के तहत डी-gा'लनकरण कQ पहल 7.3 sाद3तयG और राजनी3तक सुधारG कQ ?नदा

1.प्रारिंभकजीवनऔरक्रांितकारीशुरुआत

जोसेफ स्टािलन के प्रारिंभक जीवन में प्रितकूलता और राजनीितक सिक्रयता की िवशेषता थी. जॉिजर्या के गोरी में Ioseb Besarionis

dze Jughashvili के रूप में जन्म,े उन्होंने गरीबी का अनुभव िकया और 1900 के दशक की शुरुआत में रूसी सोशल डेमोक्रे िटक लेबर पाटीर् (RSDLP) में शािमल हो गए. "स्टािलन," िजसका अथर् है"स्टील का आदमी" नाम को अपनाना, वह क्रािंतकारी गितिविधयों में गहराई से शािमल हो गया, िजससे कई िगरफ्तािरयां और िनवार्सन की अविध बढ़ गई.

1.1 गोरी, जॉ'ज( या म, बचपन

जॉिजर् या के एक छोटे से शहर गोरी में स्टािलन के बचपन ने उनके शुरुआती अनुभवों को आकार िदया और उन्हें सामािजक और राजनीितक पिरवतर्न की इच्छा पैदा की.

1.2 1ां3तकारी राजनी3त म, 6वेश

दमनकारी ज़ािरस्ट शासन को चुनौती देने की इच्छा से प्रिेरत होकर, स्टािलन RSDLP में शािमल हो गया, जो एक माक्सर्वादी राजनीितक

पाटीर्थीजोबादमेंबोल्शेिवकोंऔरमेंशिेवकोंमेंिवभािजतहोगई. 1.3 ":ा'लन" नाम को अपनाना"

1912 में, स्टािलन ने छद्म नाम "स्टािलन" को अपनाया, जो क्रांितकारी आदशोर्ं के प्रित उनकी बढ़ती प्रितबद्धता और उनके द्वारा िनभाई जाने वाली दुजेर्य भूिमका को दशार्ता ह.ै

1.4 3गर=ारी और ?नवा@सन स्टािलनकीसिक्रयताकेपिरणामस्वरूपज़ािरस्टअिधकािरयोंकेसाथलगातारसामनाहुआ,िजससेिगरफ्तारीऔरिनवासर्नहुआ.इन

अनुभवों ने उनके क्रांितकारी उत्साह को और बढ़ा िदया.

2. शिक्त का उदय

RSDLP के बोल्शेिवक गुट के भीतर स्टािलन का उदय उल्कािपं ड था. 1917 की अक्टू बर क्रांित में एक महत्वपूणर् भूिमका िनभाते हुए, उन्होंने

अनंितम सरकार को उखाड़ फें कने में मदद की, िजससे सोिवयत शासन की स्थापना हुई. बाद के वषोर्ं में, स्टािलन की राजनीितक तीक्ष्णता और िनमर्म रणनीित ने उन्हें पाटीर् रकैं के माध्यम से चढ़ने की अनुमित दी. 1922 में, उन्होंने कम्युिनस्ट पाटीर् के महासिचव की भूिमका िनभाई, एकिस्थितिजसकाउपयोगवेसत्ताकोमजबूतकरनेऔरप्रितद्वंिद्वयोंकोखत्मकरनेकेिलएकरगेंे

2.1 अBूबर 1ां3त म, भू3मका

स्टािलननेअक्टूबरक्रािंतकीसफलतामेंमहत्वपणू र्भूिमकािनभाई,अनंितमसरकारकोउखाड़फेंकनेऔरसोिवयतशासनकीस्थापनामें

योगदान िदया.

2.2 बोEशे3वक रFकG म, चढ़ाई

बोल्शेिवकोंकेभीतरस्टािलनकीरणनीितकपतैंरबेाजीनेउन्हेंअपनेप्रभावऔरशिक्तकोमजबूतकरतेहुएपाटीर्रकैं केमाध्यमसेउठनेकी अनुमित दी.

2.3 महासKचव के Lप म, ?नयुNO

1922 में, स्टािलन को महासिचव िनयुक्त िकया गया था, जो एक नौकरशाही िस्थित थी िजसे उन्होंने कु शलता से प्रमुख पाटीर् तंत्र को

िनयंित्रत करने और अपनी शिक्त को मजबूत करने के िलए इस्तेमाल िकया. 2.4 63त ं3 यG कQ शNO और उSूलन का समेकन

स्टािलनकीनेतृत्वशैलीकोराजनीितकिवरोिधयोंसेिनपटनेमेंक्रूरताकीिवशेषताथी.ट्रॉट्स्कीऔरबुखारीनजैसेप्रितद्वंिद्वयोंके उन्मूलनने पाटीर् के भीतर अपना प्रभुत्व हािसल कर िलया.

3. औद्योगीकरण और सामूिहकता की नीितयां

1920 और 1930 के दशक ने स्टािलन की महत्वाकांक्षी आिथर् क नीितयों के कायार्न्वयन को देखा. प्रथम पंचवषीर्य योजना (1928-1932)

काउद्देश्यसोिवयतसंघकातेजीसेऔद्योगीकरणकरनाह,ै िजसमेंभारीउद्योगऔरबिुनयादीढांचेके िवकासपरजोरिदयागयाह.ै समवतीर्रूपसे,स्टािलननेकृिषकेसामूिहककरणकीशुरुआतकी,छोटेखेतोंकोबड़े,राज्य-िनयंित्रतसंस्थाओंमेंसमिेकतकरनेका

प्रयासिकया.हालांिक,इसनीितकोव्यापकप्रितरोधकासामनाकरनापड़ा,िवशेषरूपसेयूक्रेनम,ें जहां1932-1933के होलोडोमोर अकाल के पिरणामस्वरूप िवनाशकारी पिरणाम हुए.

3.1 6थम पंचवषVय योजना (1928-1932)

प्रथम पंचवषीर्य योजना ने सोिवयत आिथर् क नीित में एक क्रांितकारी बदलाव को िचिह्नत िकया, सोिवयत संघ को एक प्रमुख औद्योिगक

शिक्त में बदलने के िलए तेजी से औद्योिगकीकरण पर जोर िदया. 3.2भारीउ ोगऔरबु?नयादीढांचेपरजोर

सोिवयत आिथर् क िवकास के िलए एक मजबूत नींव बनाने के उद्देश्य से भारी उद्योग पर स्टािलन का ध्यान, सैन्य ताकत के िलए महत्वपूणर् क्षेत्रों पर िवशेष जोर देने के साथ.

3.3 कृ 3ष का सं[ह

स्टािलन ने सामूिहकता के माध्यम से कृ िष को आधुिनक बनाने की मांग की, छोटे खेतों को बड़े, राज्य-िनयंित्रत संस्थाओं में िवलय कर िदया.

3.4 होलोडोमोर अकाल (1932-1933)

सामूिहकता की नीित को महत्वपूणर् प्रितरोध का सामना करना पड़ा, िवशेष रूप से यूक्रे न में, होलोडोमोर अकाल के पिरणामस्वरूप,

िवनाशकारी पिरणामों के साथ एक त्रासदी.

4. द ग्रेट पजर् (1936-1938)

स्टािलन के शासन में सबसे गहरे अध्यायों में से एक ग्रेट पजर् था, जो गहन राजनीितक दमन, शो ट्रायल और

सामूिहक िनष्पादन द्वारा िचिह्नत अविध थी. इस िनमर्म अिभयान ने िविभन्न क्षेत्रों में राज्य के किथत दुश्मनों को िनशाना बनाया, िजसमें सैन्य, बुिद्धजीवी और यहां तक िक कम्युिनस्ट पाटीर् के भीतर भी शािमल थे। गहन राजनीितक दमन के इस दौर में बड़े पैमाने पर िगरफ्तािरयां हुईं, राज्य के किथत दुश्मनों के परीक्षण, और िनष्पादन को िदखाएं . लक्ष्य में न के वल राजनीितक प्रितद्वंद्वी, बिल्क सैन्य अिधकारी, बुिद्धजीवी और यहां तक िक कम्युिनस्ट पाटीर् के सदस्य भी शािमल थे. पसर् ने सोिवयत समाज पर एक अिमट छाप छोड़ी, िजससे डर पैदा हुआ और िवश्वास िमट गया.

4.1 राजनी3तक दमन और परी]ण ?दखाएं

द ग्रेट पजर् में असंतोष, राजनीितक िवरोिधयों के व्यविस्थत दमन और स्टािलन के शासन के िलए किथत खतरे शािमल थे. पसर् को वैध बनाने

के िलएशोट्रायलऑकेर्स्ट्रेटेडथे. 4.2 लa और पी3ड़त

पसर्केपीिड़तोंमेंनकेवलराजनीितकप्रितद्वंद्वी,बिल्कसन्यै अिधकारी,बुिद्धजीवीऔरपाटीर्केसदस्यभीशािमलथे.लाखोंलोगोंको िगरफ्तार िकया गया, और एक महत्वपूणर् सख्यं ा में िनष्पादन या कारावास का सामना करना पड़ा.

4.3 सो3वयत सोसायटी पर 6भाव

द ग्रेट पजर् ने सोिवयत समाज पर एक अिमट छाप छोड़ी, व्यापक भय पैदा िकया, िवश्वास को िमटा िदया, और व्यापक सदं ेह का माहौल बनाया.

5. िद्वतीय िवश्व युद्ध और युद्ध के बाद का युग िद्वतीयिवश्वयुद्धकेदौरानस्टािलनकेनेतृत्वनेसोिवयतसंघकोएकप्रमुखसहयोगीशिक्तकेरूपमेंतैनातिकया.रडे आमीर्नेनाज़ी

जमर्नी की हार में एक महत्वपूणर् भूिमका िनभाई, स्टेिलनग्राद की लड़ाई एक महत्वपूणर् मोड़ के रूप में सेवा कर रही थी. युद्ध के बाद के युग ने पूवीर् यूरोप में सोिवयत प्रभाव के िवस्तार को देखा, िजससे उपग्रह राज्यों की स्थापना और शीत युद्ध की शुरुआत हुई.

5.1 3 तीय 3वd यु म, सो3वयत संघ कQ भू3मका

िद्वतीय िवश्व युद्ध के दौरान स्टािलन के रणनीितक फै सलों ने नाजी जमर्नी के िखलाफ सोिवयत संघ की सफलता में महत्वपूणर् योगदान

िदया. लाल सेना की लचीलापन और दृढ़ संकल्प ने संघषर् के पिरणाम में महत्वपूणर् भूिमका िनभाई. 5.2 :े'लन[ाद कQ लड़ाई

स्टेिलनग्राद की लड़ाई, 1942 से 1943 तक लड़ी गई, युद्ध में एक महत्वपूणर् मोड़ आया और जमर्न आक्रमण के िखलाफ सोिवयत प्रितरोध का प्रतीक बन गया.

5.3 पूवV यूरोप म, सो3वयत 6भाव का 3वgार

युद्ध के बाद के युग म,ें सोिवयत संघ ने पूवीर् यूरोप में अपने प्रभाव को मजबूत िकया, िजससे समाजवादी राज्यों और यूरोप के िवभाजन को

सोिवयत और पिश्चमी क्षेत्रों में प्रभाव में लाया गया. 5.4 शीत यु कQ शुhआत

सोिवयत संघ और पिश्चमी सहयोिगयों के बीच तनाव शीत युद्ध में बढ़ गया, एक भू-राजनीितक और वैचािरक संघषर् िजसने दशकों तक वैिश्वक राजनीित को पिरभािषत िकया.

6. िवरासत और िववाद

स्टािलन की िवरासत जिटल और िववादास्पद व्याख्याओं द्वारा िचिह्नत ह.ै जबिक उन्हें सोिवयत संघ को एक औद्योिगक और सैन्य महाशिक्त में बदलने का श्रेय िदया जाता ह,ै मानवािधकारों के िलए उनके तरीकों और उपेक्षा की व्यापक रूप से िनं दा की गई ह.ै ग्रेट पजर् और मजबूर श्रम िशिवरों (गुलग्स) की स्थापना सिहत उनकी नीितयों की मानवीय लागत ऐितहािसक बहस का िवषय बनी हुई ह.ै स्टािलन के सत्तावादी शासन ने दशकों तक अपने प्रक्षेपवक्र को आकार देते हुए सोिवयत समाज पर एक स्थायी प्रभाव छोड़ा.

6.1 सकाराjक योगदान और उपलk यां

स्टािलन के नेतृत्व को अक्सर सोिवयत संघ को एक प्रमुख औद्योिगक और सैन्य शिक्त में बदलने के िलए सराहा जाता ह.ै अंतिरक्ष अन्वेषण,

प्रौद्योिगकीऔरसैन्यशिक्तमेंदेशकीउपलिब्धयोंकोउनके शासनके दौरानरखीगईनींवके िलएिजम्मदेारठहरायाजाताह.ै 6.2 मानवाmधकार हनन और आलोचना

स्टािलन के शासन की समान रूप से घोर मानवािधकारों के हनन के िलए आलोचना की जाती ह,ै िजसमें ग्रेट पजर्, मजबूर श्रम िशिवर (गुलग्स), और राजनीितक असंतोष का दमन शािमल ह.ै

6.3 :ा'लन के 6भाव पर बहस

स्टािलन के प्रभाव के ऐितहािसक आकलन अलग-अलग ह,ैं कु छ ने उन्हें एक चुनौतीपणू र् अविध के दौरान एक आवश्यक और प्रभावी नेता के रूप में देखा, जबिक अन्य उनके सत्तावादी तरीकों और उनकी नीितयों की अपार मानवीय लागत की िनं दा करते ह.ैं

6.4 ऐ3तहाmसक आकलन

इितहासकारऔरिवद्वानस्टािलनकेशासनकािवश्लषेणकरनाजारीरखतेह,ैंजोबारीकआकलनप्रदानकरतेहैंजोउनकेनेतृत्वकी उपलिब्धयों और गहरे पहलुओं दोनों पर िवचार करते ह.ैं उनकी िवरासत के आसपास की बहस राजनीितक शिक्त और िवचारधारा की प्रकृ ित के बारे में चल रही चचार्ओं में योगदान करती ह.ै

7. मृत्यु और उत्तरािधकार

जोसेफ स्टािलन का 74 वषर् की आयु में 5 माचर्, 1953 को िनधन हो गया. उनकी मत्यृ ु ने एक युग के अंत को िचिह्नत िकया और उनके उत्तरािधकारी, िनिकता ख्रुश्चेव के तहत डी-स्टािलनेशन की अविध शुरू की. ख्रश्चु ेव ने स्टािलन की कई ज्यादितयों की िनं दा की, िजसमें व्यिक्तत्व का पंथ और मानवािधकारों का हनन शािमल ह,ै 5 माचर्, 1953 को स्टािलन के िनयम

7.1 :ा'लन कQ मृpु

स्टािलन की मृत्यु की िवशेषता वाले सोिवयत संघ को कठोर अिधनायकवाद से दूर करने के उद्देश्य से राजनीितक सुधारों को लागू करते हुए स्टािलन की मृत्यु शोक और राहत के िमश्रण से हुई थी, क्योंिक उनके शासन ने सोिवयत संघ और उसके नागिरकों पर एक अिमट प्रभाव छोड़ िदया था.

7.2 qुrेव के तहत डी-gा'लनकरण कQ पहल

ख्रुश्चेव के नेतृत्व ने स्टािलन की नीितयों से प्रस्थान को िचिह्नत िकया, क्योंिक उन्होंने डी-स्टािलनाइजेशन की प्रिक्रया शुरू की थी. इसमें

स्टािलन की ज्यादितयों की िनं दा और अिधक खुले और सुधारवादी दृिष्टकोण की ओर बदलाव शािमल था. 7.3 sाद3तयG और राजनी3तक सुधारG कQ ?नदा

ख्रुश्चेव के तहत, स्टािलन के शासन की ज्यादितयों की िनं दा करने, व्यिक्तत्व के पंथ को खत्म करने और पारदिशर् ता बढ़ाने और दमन को कम करने के उद्देश्य से राजनीितक सुधारों को लागू करने का प्रयास िकया गया.