सदस्य:Nidhi1810439/प्रयोगपृष्ठ
ई-कॉमर्स
परिचय[संपादित करें]
ई-कॉमर्स जिसे इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स के रूप में भी जाना जाता है, यह एक प्रोसेस हैं, जिसके द्वारा बिज़नेस और ग्राहक एक इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से माल और सर्विसेस को बेचते और खरीदते हैं। ई-कॉमर्स की शुरुआत 1960 के दशक से शुरू हुई थी, जब बिज़नेसेस ने अन्य कंपनियों के साथ बिज़नेस डयॉक्युमेंट को शेयर करने के लिए इलेक्ट्रोनिक डेटा लेन-देन का प्रयोग शुरू किया। 1979 में, अमेरिकन नेशनल स्टैंडर्ड इंस्टीट्यूट ने ASC X12 को इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क के माध्यम से डयॉक्युमेंट को शेयर करने के व्यवसायों के लिए एक युनिवर्सल स्डैंडर्ड के रूप में विकसित किया था।
ई-कॉमर्स की हिस्ट्री को ईबे और अमेज़न के बिना सोचना असंभव है जो इलेक्ट्रॉनिक ट्रैन्सैक्शन को शुरू करने वाली पहली इंटरनेट कंपनियों में से थे। 1990 के दशक में ईबे और अमेज़न के उदय से ई-कॉमर्स उद्योग में क्रांतिकारी बदलाव आया। यूजर्स अब ई-कॉमर्स के माध्यम से किसी भी चीज़ को खरीद सकते थे।
कई प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स हैं
सामान्यतया, जब हम ई-कॉमर्स के बारे में सोचते हैं, तब हम एक सप्लायर और क्लाइंट के बीच एक ऑनलाइन कमर्शियल ट्रैन्सैक्शन के बारे में सोचते हैं। हालांकि, यह विचार सही है, लेकिन वास्तव में ई-कॉमर्स को छह प्रमुख प्रकारों में बांट सकते हैं, सभी अलग-अलग विशेषताओं के साथ।
ई-कॉमर्स के 4 बुनियादी प्रकार हैं:[संपादित करें]
1) व्यापार से ग्राहक
इस व्यापार में एक बिज़नेस इंटरनेट पर प्रॉडक्ट या सर्विसेस को सिधे ग्राहक को बेचता हैं।उदाहरण के लिए आप अमेज़न फ्लिपकार्ट या अन्य किसी साइट से कोई भी चीज खरीदते हैं।
2) व्यापार से व्यापार
यहां कंपनियां इंटरनेट पर अन्य कंपनियों को प्रॉडक्ट या सर्विसेस को बेचती हैं। इस प्रकार के ई-कॉमर्स में, दोनों प्रतिभागियों बिज़नेसेस होते हैं, नतीजतन, व्यापार से व्यापार ई-कॉमर्स का परिमाण और मूल्य बहुत बड़ी हो सकती है।
3) ग्राहक से ग्राहक
जब ग्राहक अपने प्रॉडक्ट को किसी अन्य ग्राहक को इंटरनेट पर बेचता हैं, तब इस लेन-देन को ग्राहक से ग्राहक कहा जाता हैं। इसमें एक ग्राहक अपनी पूरानी कार, बाइक जैसी अपनी प्रॉपर्टी को अन्य ग्राहक को सिधे इंटरनेट के माध्यम से बेचता हैं। आम तौर पर, ये लेन-देन थर्ड पार्टी के माध्यम से किया जाता है, जो ऑनलाइन प्लेटफार्म प्रदान करते है। इसके लिए Olx जैसी कई कंपनिया सर्विस के लिए कन्जूमर को चार्ज करती हैं या मुक्त में सर्विस देती हैं।
4) ग्राहक से व्यापार
ग्राहक से व्यापार में माल का आदान-प्रदान करने की परंपरागत समझ का एक पूर्ण उलट है। इसका एक उदाहरण एक कन्जूमर वेब साइट बनाने के लिए ऑनलाइन रिक्वायरर्मन्ट देता हैं, और कई कंपनिया इसके लिए अच्छी किमत पर वेब साइट बनाकर देने के लिए ऑफर करती हैं। इसी तरह से हॉलिडे पैकेज याबीमा भी इसके उदाहरण हो सकते हैं।
-कॉमर्स के फायदे:[संपादित करें]
1) सुविधा बढ़ाता है: ग्राहक अपनी सुविधा के अनुसार वस्तुओ की ऑर्डर अपने घर पर बैठ कर दे सकते हैं। और इसकी डिलेवरी उन्हे उनके घर पर ही मिल जाती हैं। यह उन लोगों के लिए सबसे अच्छा खरीदारी विकल्प है जो हमेशा व्यस्त होते हैं।
2) प्रॉडक्ट और किमत की तुलना कर सकते है: खरीदारी करते समय, ग्राहक उस वस्तू की किमत को कई बेव साइट पर तुलना कर सकता हैं, जिससे बेहतरीन प्रॉडक्ट पर उसे अच्छी डिल मिल जाती हैं।इसके साथ ही वे डिस्काउंट और कूपन जैसे अतिरिक्त लाभों का आनंद ले सकते हैं।
3) स्टार्ट-अप के लिए आसान फंड: कई लोगों को बिज़नेस करने की इच्छा होती है, लेकिन शॉप लेने के लिए पर्याप्त कैपिटल नहीं होता। फिजिकल स्टोर लिज पर काफी महंगे होते है। ई-कॉमर्स, व्यापार को शुरू करने और बढ़ने के लिए आसान बनाता है।
4) प्रभावशाली: ट्रेडिशनल बिज़नेस में बिज़नेस की जरूरतों को पूरा करने के लिए बहुत सारे साधन खर्च हो जाते हैं और इससे प्रॉफीट कम हो जाता हैं। ई-कॉमर्स में साधन का कुशलता से उपयोग किया जाता है क्योंकि अधिकांश बिज़नेस सर्विसेस ऑटोमेटेड होती हैं।
5) तक पहुंच: ट्रेडिशनल बिज़नेस जैसे की दुकान की पहुंच काफी सीमीत होती हैं, जबकी इंटरनेट के माध्यम से वही बिज़नेस दुनिया भर के कन्जूमर को अपने प्रॉडक्ट और सर्विसेस बेच सकते हैं।
6) प्रॉम्प्ट पेमेंट: ऑनलाइन स्टोर पर इलेक्ट्रॉनिक या मोबाइल ट्रांजेक्शन का उपयोग करते हुए पेमेंट फास्ट होता हैं।
7) विभिन्न प्रॉडक्ट को बेचने की योग्यता: इंटरनेट पर बिज़नेस फ्लेक्सिबल हो सकता हैं और बिजनेस एक साथ कई प्रॉडक्ट या सर्विसेस बेच सकते हैं।
ई-कॉमर्स के नुकसान:[संपादित करें]
1) खराब क्वालिटी वाले प्रॉडक्ट: आप इंटरनेट पर प्रॉडक्ट को देखकर चेक नहीं कर सकते हैं। इसलिए, झूठे माक्रेटिंग और खराब क्वालिटी के प्रॉडक्ट आपके घर पर आने का रिस्क बना रहता हैं। हांल ही में मोबाइल के बॉक्स में मोबाइल की जगह पर साबुन आने की कई घटनाए सामने आई हैं।
2) अनचाही खरीद: ऑनलाइन स्टोर अपने प्रॉडक्ट को एक बड़ी संख्या में डिस्प्ले करते हैं और ऑनलाइन शॉपिंग की सुविधा के कारण, ग्राहक अनचाहे वस्तूए भी खरीद लेते हैं।3) इंटरनेट स्कैमर: इंटरनेट एक अच्छी बात है, लेकिन कुछ लोगों ने इसका गलत कारणों से उपयोग करने का फैसला किया है। इंटरनेट पर किसी भी सामान को खरीदने से पहले उस वेब साइट और प्रॉडक्ट के बारें में जानकारी इकठठा करें।
3) इंटरनेट स्कैमर: इंटरनेट एक अच्छी बात है, लेकिन कुछ लोगों ने इसका गलत कारणों से उपयोग करने का फैसला किया है। इंटरनेट पर किसी भी सामान को खरीदने से पहले उस वेब साइट और प्रॉडक्ट के बारें में जानकारी इकठठा करें।
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