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जानिए क्या है कोरोनावायरस, लक्षण और बचाव
By Dr. KK Aggarwal
जानिए क्या है कोरोनावायरस, लक्षण और बचाव
Coronavirus Protocols
Coronavirus
24 घंटे में कोरोना से 4 हज़ार 106 मौते, 2 लाख 81 हजार नए मामले, और 3 लाख 78 हज़ार रिकवरी केस-
भारत में कोरोना की रफ्तार में अब गिरावट देखने को मिल रही। जहां पॉजिटिव केसेस की संख्या में कमी देखने को मिली है। वहीं मृत्यु का आंकड़ा आज फिर एक बार चिंता बढ़ा दी है। लेकिन इस बीच राहत की बात ये है की रिकवरी रेट पहले के मुकाबले काफी बेहतर हुई है, एक दिन में 3 लाख 62 हज़ार रोगियों के स्वस्थ होने के साथ दो करोड़ के आंकड़े को पार कर गई है। पिछले पांच दिनों में यह पांचवीं बार है जब ठीक होने वालों की संख्या दैनिक मामलों से अधिक हो गई है।
अब कई राज्यों में ऑक्सीजन की कमी धीरे-धीरे पूरी हो रही, लेकिन रेमडेसिवीर इंजेक्शन की भीड़ लगातार बनी हुई है। एक दिन में 3 लाख 78 हज़ार रोगियों के स्वस्थ होने के साथ दो करोड़ के आंकड़े को पार कर गई है। पिछले सात दिनों में यह छठी बार है जब ठीक होने वालों की संख्या दैनिक मामलों से अधिक हो गई है
24 घंटे में भारत में 2 लाख 81 हजार नए कोविड-19 केस सामने आए। सबसे ज्यादा मामले 7 मई को आये थे, तब ये आकड़ा 4 लाख 14 हज़ार दर्ज किया गया था। पर पिछले 9 दिनों में इसमें 1लाख 3 हज़ार 745 की कमी आयी है, और उसके बाद आज एक दिन में एक्टिव केस रिकॉर्ड 1 लाख तक कमी आयी है
देश में क्रिटिकल केयर बेड्स की संख्या कम होने से भी परेशानियां बढ़ रही है। देश भर में अनेक स्ािानों से ऐसी तस्वीरें सामने आई है। जिनमें अस्पतालों के बाहर कतारें लगी हैं या मरीजों को बेड के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। ऐसी ही मारामारी आॅक्सीजन एवं इंजेक्शन के लिए भी देखी जा रही है। हलाकि यहाँ ये ध्यान देने वाली बात है की रेमडेसिवीर इंजेक्शन की इतनी ज़रूरत नहीं है, जितना लोग इसके लिया परेशान हो रहे।
हाल ही में चेन्नई में रेमडेसिवीर के लिए लोगो की भारी भीड़ उमर पड़ी. WHO ने भी इसे साफ़ शब्दों में कहा की रेमडेसिवीर मरीज़ की जान नहीं बचा सकता बल्कि सिर्फ मॉडरेट कंडीशन में ट्रीटमेंट के तौर पर इसका इस्तेमाल किया जा सकता और न मिले तो ज़रूरी नहीं की यही इस्तेमाल हो।
इस बीच शनिवार को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा एक उच्च स्तरीय बैठक कर कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की गई। इस दौरान चर्चा हुई की जहाँ संक्रमण दर ज्यादा हो उन इलाको में जांच को बढ़ाया जाये। गावों में डोर-टू-डोर जाँच और सर्विलांस की इंतज़ाम की जाये। राज्यों में वेंटिलेटर दिए जाने की ऑडिट होगी।
भारत सरकार का वैक्सीनेशन पर भी जोर है। अब 18 वर्ष से ऊपर युवा का भी वक्सीनशन शुरू हो चूका है । भारत में अब तक करीब 18.22 करोड़ लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका है। 1 मई से शुरू हो चुके प्रत्येक व्यस्क के लिए पंजीयन भी प्रारंभ हो गए हैं।
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प्लाज्मा थेरेपी पर रोक- कई रिसर्च में यह सामने आया है की अब प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना मरीज़ो को कोई फायदा नहीं हो रहा, जिसके बाद सरकार और ICMR ने इसे कोरोना गाइडलाइन्स से हटाने का फैसला कर लिया है। हेल्थ प्रोफेशनल ने कहा की प्लाज्मा थेरेपी से जुड़ी गाइडलाइन्स उपलब्ध सबूतों पर आधारित नहीं है. कुछ शुरुआती सबूत भी सामने रखे गए जिसके अनुशार, बेहद कम इम्युनिटी वाले लोगो को प्लाज्मा थेरेपी देने पर नूट्रलीज़िंग एंटीबाडीज कम बनती है, और अलग वैरिएंट्स सामने आते है। वही ब्रिटेन में 11000 लोगों पर हुए टेस्ट के मुताबिक प्लाज्मा थेरेपी कोई चमत्कार नहीं करती. पिछले साल ICMR ने भी कहा था ये थेरेपी कोरोना के ट्रीटमेंट और मृत्यु दर कम करने में कारगर नहीं है . इन सभी चीज़ो को देखते हुए और डॉक्टर्स और साइंटिस्ट के सलाह पर इसे हटाने का निश्च्य किया है।
देसी दवा 2 डीजी लॉन्च -
इतने दिनों से चर्चा में रहे DRDO की कोरोना की दवा अब फाइनली लॉन्च हो गयी है। कोविद रोधी दवा 2-डीजी को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने इसे लांच किया। रेडी लेबोरेटरी द्वारा तैयार किया गया ये दवा की पहली खेप जारी कर दी गयी है। ये दवा माध्यम और गंभीर कोरोना मरीज़ के इलाज में सहायक दवा के रूप में काम करेगा। यह ऑक्सीजन के ज़रूरत को कम करेगी। इस दवा को पाउडर के उपलब्ध रहेगी जिसे पानी में मिलकर मरीज़ को पीना है।
वैक्सीनेशन में तेजी -
वैक्सीन की कमी को पूरा करने के लिए सरकार ने इसकी उत्पादन बढ़ाने का फ़ैसला किया है, हलाकि विदेशी वैक्सीन पर बात तो चल ही रही है और उनमे से एक स्पुतनिक वि शुरू हो चूका है; पर देश में उत्पादन के लिए सरकार ने 5 कंपनियां को निर्धारित किया है, जिसमे 3 सरकारी और 2 निजी कंपनियां शामिल है। ये कोवाक्सिन का उत्पादन करेंगी, जो की सितंबर से सात करोड़ टीके बनाएगी। इसके अलावा भारत बायोटेक अपना उत्पादन जारी रखेगा।
भारत में वैक्सीनेशन का कार्य प्रारंभ होने के बीच चिंता की एक बात यह भी है कि कोरोना के नए मरीजों में डबल म्युटेंट वायरस भी पाया गया है। दिसंबर 2020 के बाद कोरोना केस में कुछ कमी देखी जा रही थी । परंतु अचानक से इस बीमारी का एक नया स्ट्रेन देखा गया । जिसका असर सबसे पहले महाराष्ट्र और केरल में देखा गया । यह नया स्ट्रेन ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है ।
अभी तक सामन्या कोरोना से लड़ना मुश्किल हो रहा था और यह नया स्ट्रेन जिसमे कोरोना का और भी ताकतवर वायरस बताया जा रहा है । आम भाषा में समझा जाए तो वायरस ज्यादा घातक होने के लिए समय के साथ अपनी संरचना को बदलता रहता है। महाराष्ट्र, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश में डबल म्यूटेंट वायरस मिल रहा है।
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नए लक्षणों वाले मरीजों की अधिकता
कोरोना के दूसरी लहर में नए लक्षण वर्तमान में सामने आ रहे जैसे आँखों का गुलाबी/लाल होना , सुनने में परेशानी, पेट या आंत की समस्या, जीभ में जलन जिसे कोविड टंग कहा जा रहा , विशेषज्ञों का कहना है की इन लक्षणों को हलके में नहीं लेना चाहिए।
वर्तमान में कोरोना के लक्षण ब्लैक फंगस - ब्लैक फंगस को विज्ञान भाषा में म्युकर्मीकोसिस कहते है, इस बीमारी ने मरीज़ो से लेकर डॉक्टरों तक की तकलीफे बढ़ा दी है। गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश में ब्लैक फंगस के कई मामले सामने आये है। ये फंगस मिटटी, खाद, सड़े फल या सब्जियों में पनपता है जो की हवा और इंसान के बलगम में भी पाया जा सकता है.
ये नाक से , मिटटी के संपर्क या खून के ज़रिये शरीर में दाखिल हो सकता है और त्वचा, दिमाग, और फेफड़ो को निशाना बना सकता है , इसमें मृत्यु दर 50 प्रतिशत तक हो सकती है। इसके इलाज में मरीज़ो के आँख तक निकलने की नवबत आ सकती है।
भारत में ज्यादातर वो मरीज़ इसके शिकार हो रहे जो डायबिटीज से पीड़ित है या जिन्हे कोरोना के इलाज के दौरान स्टेरॉयड दिए गए है।
हाल ही में बिहार में इसके दस मरीज़ मिले और कई राज्यों में विशेष रूप से मधुमेह से पीड़ित कोरोना के कई मरीज़ में ब्लैक फंगस होने के मामले सामने आये है.
ब्लैक फंगस के लक्षण -
नाक बंद होना
नाक से खून
आँख और सिर में दर्द
चेहरे पर सूजन
धुंधला दिखना
दांत में दर्द
खून की उल्टी
वैक्सीनेशन से ही बचाव संभव
भारत ने कोरोना की रोकथाम के लिए बहुत काम किया है । भारत ही अकेला ऐसा देश है जिसने कोरोना की वैक्सीन को न सिर्फ डेवलप किया बल्कि दूसरे देशों को भी वैक्सीन उपलब्ध करवाया है । भारत ने अभी तक 2 वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन डेवलप कर ली है और तीसरी रुस्सियन वैक्सीन स्पुतनिक-वि भी आ चुकी है, और अब भारत 5 और वैक्सीन पर काम कर रहा है ।
16 जनवरी 2021 से भारत में वैक्सीनेशन का काम जारी है । इन दोनों वैक्सीन को आपतकालीन वैक्सीन की मंजूरी मिली हुई है । भारत में अब 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को टीकाकरण प्रारंभ कर दिया गया है। वहीं भारत में 18.22 करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई जा चुकी है. आदिवासी लोग टीक लेने से मना कर रहे उनका मानना है वैक्सीन लेने के बाद इसके भारी साइड इफ़ेक्ट देखने को मिल रहे, लेकिन वैक्सीन ही एक मात्र उपाय है कोरोना से लड़ने का।
हर समय अलग नए तरीके से वक्सीनशन पर प्रयोग हो रहे जैसे एक नए शोध में पाया गया की टीके के खुराक में अंतर से बुजुर्गो (65 पार वाले लोग)की जान बचाई जा सकती है, जिसे ब्रिटैन में किया गया और 42 हज़ार बुजुर्गो की जान बचाई।
क्यों चिंताजनक है डबल म्युटेंट वायरस इस तरह के वायरस में एक चिंता की बात यह भी होती है कि यह इम्यूनिटी और दवाओं से लड़ना सीख जाता है। यूके स्ट्रेन के साथ जो बात देखी गई थी, उसका एक म्यूटेशन डबल म्युटेंट वायरस के साथ भी है। यह ज्यादा आसानी से शरीर के अंदर पहुंचकर नुकसान पहुंचाता है। वायरस के तीन रूपों से दूसरी लहर खतरनाक हुई है जिसमें शामिल है बी 117, बी 1618, और बी 1617. वही विशेषज्ञों का कहना है की बी 1617 अधिक संक्रामक है और तेजी से फैलने वाला है।
महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में संक्रमण की भयावह स्थिति के पीछे यही वेरिएंट जिम्मेदार है। देखने में यह भी आ रहा है कि ये वेरिएंट लोगों में और वैरिएंट के मुकाबले ज्यादा असर करता है, और युवा भी इसकी अधिक चपेट में आ रहे हैं। एक चिंता की बात यह भी है कि चिकित्सकों के संज्ञान में यह भी आया है कि यह वेरिएंट एंटीबॉडी को बाईपास करना भी सीख रहा है।
विदेशी वैक्सीन की जरूरत क्यों स्पुतनिक वी
स्पुतनिक वि को भारत में मंजूरी मिल चुकी है और CDSCO के मंजूरी के बाद इसका पहला खुराक हैदराबाद में दिया जा चुका है और इसकी दो डोज़ है और एक डोज़ की कीमत 995 रूपए होगी इस हिसाब से दोनों डोज़ की कीमत 1990 रूपए हुई , दूसरा डोज़ तीन हफ्ते से तीन महीने बाद तक लेना है। इसके आने से वैक्सीन की कमी थोड़ी पूरी होगी। भारत में भी इसका उत्पादन जुलाई से शुरू होगा, इसे 6 कंपनी मिलकर बनाएगी।
फ़ाइज़र
फ़ाइज़र ने भारत को 500 करोड़ रूपए की वैक्सीन देने का एलान किया है, यहाँ पर वैक्सीन के कमी के बाद फ़ाइज़र ने यह ऐलान किया। अगर सब कुछ ठीक रहा तो CDSCO के अप्रूवल के बाद हम भारत में चौथी वैक्सीन भी देखेंगे। हाल ही में अमेरिका के फ़ाइज़र और मॉडेर्ना ब्रांड के कोविद इंजेक्शन की दोनों खुराक लेने वालो में कोरोना से संक्रमित होने का खतरा 94 फीसदी तक कम हो जाता है, यानी संक्रमित का जोखिम सिर्फ 6 फीसदी रह जाता है। यह दावा रियल वर्ल्ड पर आधारित अबतक की सबसे बड़े अध्ययन में किया गया है।
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Dr. KK Aggarwal Recipient of Padma Shri, Vishwa Hindi Samman, National Science Communication Award and Dr B C Roy National Award, Dr Aggarwal is a physician, cardiologist, spiritual writer and motivational speaker. He is the Past President of the Indian Medical Association and President of Heart Care Foundation of India. He is also the Editor in Chief of the IJCP Group, Medtalks and eMediNexus
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