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आँख खोलती खोड़ा कॉलोनी-गाजियाबाद उत्तर प्रदेश

         खोड़ा कॉलोनी कभी एशिया का सबसे बड़ा अनाधिकृत गाँव था।यहाँ के गरीब निवासियों ने अपनी एक पीढ़ी मकान ऊँचे करते व गंदा पानी फैंकने में गुजार दी।इसी बीच यहाँ के निवासी लक्ष्मीचंद झा ने अपनी संस्था के माध्यम से एक पी.आई.एल हाइकोर्ट में डाली तब कहीं जाकर कोर्ट ने उस समय की तत्कालीन अखिलेश सरकार को इसे नगरपालिका परिषद में शामिल करने का आदेश दिया।इस आदेश को भी एक वर्ष गुजर गया तब लक्ष्मीचंद झा ने पुनः अवमानना का आदेश जारी करवाया।जिसके जारी होते ही अखिलेश यादव की सपा सरकार में इस कॉलोनी की बाहरी सीमाओं को इंगित कर नगरपालिका परिषद का अधिकार दे दिया गया।
            इसे ऐसे समझें कि किसी का विवाह तय हो गया हो लेकिन पाणिग्रहण संस्कार के अभाव में वे दोनों परिवार बस कहने मात्र के ही रिश्तेदार हैं।उनकी रिश्तेदारी तो तब अधिकृत होगी जब विवाह की रस्म संपन्न होंगी।ठीक उसी तरह यह कॉलोनी भी अभी अँधेरे में आँखें खोलने का प्रयास कर रही है।यदि इस कॉलोनी की वह आधिकारिक कागजी कार्रवाई पूर्ण हो गयी होती तो अब तक केन्द्र द्वारा संचालित सभी योजनाओं का लाभ यहाँ के गरीब आदमी को मिल जाता।
            कुछ योजनाएं तो मानवाधिकार के अधिकारक्षेत्र में आती हैं जिनका कॉलोनी का अधिकृत होना आवश्यक नहीं।उन योजनाओं का लाभ तो आप कहीं भी रहते हुए उठा सकते हो।प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दो लाख पचास हजार रुपये की राशि गरीब को पक्का मकान बनवाने के लिए दी गयी योजना थी।इसके लिए हजारों फार्म भरे गये लेकिन वह योजना यहाँ लागू न हो सकी।यदि हो जाती तो कितने ही गरीब आदमी आज खतरनाक स्थिति में जान जोखिम में डालकर गुजारा कर रहे हैं।उस पर विधायक जी का यह कहना कि यहाँ सभी काम हो चुके हैं एक पानी को छोड़कर।यदि एक पेयजल व्यवस्था ही शेष है मान्यवर तो नगरपालिका, गाँव व अनाधिकृत बस्ती में क्या अंतर होता है यह भी बता देते।
            मैं पहली बार अपना पक्ष स्पष्ट नहीं कर पा रहा हूँ कि किस दल के साथ या किस नेता के साथ अपना यकीन कायम करूँ?मेरे सामने बारह लाख की गरीब आबादी अपनी बेबसी की कहानी कहती नजर आती है।इसलिए यह मत कहो कि यहाँ काम हो चुका है अपितु काम करते हुए और काम का लक्ष्य रखो।वह कारण बताओ जिनके रहते खोड़ा ने अभी आँखें नहीं खोली।मैं हर दल के नेता और दलों से अपील करूँगा कि काम तो हुआ है लेकिन न होने के टैक्निक प्वाइंट क्या हैं जनता के सामने वह रखो?हाउसटैक्स के नाम पर जनता को गुमराह मत करो।हाउसटैक्स खोड़ा में १₹ प्रति वर्ग फुट वार्षिक है वह भी कमरे के अंदर की माप होगी गैलरी की नहीं।देना तो फिर भी होगा जब इकट्ठा हो जायेगा।देने पर जो लाभ होंगे उनकी कल्पना आप अभी नहीं कर सकोगे और न देने पर गुमराह होते रहोगे।ये तो क्षणिक संकेत हैं योजनाएं ऐसी-ऐसी होती हैं कि आपके बच्चे स्वयं दूसरों को रोजगार देंगे लेकिन इसके लिए कॉलोनी के नेत्र खुले होने चाहिए अर्थात सरकारी फाइलों में आपका रिकार्ड हो क्योंकि कोई भी नगरपालिका तभी नगरपालिका का दायित्व रखती है जब वह हाउसटैक्स लेती है।बिना हाउसटैक्स किसी नगरपालिका का कोई अर्थ ही नहीं।इसलिए वोट अपने पसंद के नेता को दें लेकिन सवाल करने के उपरांत।

सादर

Team KRA

खोड़ा रेजिडेंट्स एसोसिएशन