सदस्य:Kantesh parmar
एशिया में सामाजिक व्यवस्था[संपादित करें]
हमारे मानव समाज में कई प्रकार की चुनोतियो का सामना करना पड़ता है परन्तु हम सब मानव एक हो कर हमारे मानव समाज के विकास और उन्नति के लिए आपनी प्रकृति को दिन रात नुकसान पहुच रहे है, मानव समाज के विकास और आपने सभी कार्यो को आसन बनाने के लिए हम प्रकृति को जो नुकसान पहुचा रहे है वो हमारे कार्यो को आसन नही और ज्यादा जटिल बना रहा है , इसी प्रकृति से हम ग्लोबल वॉर्मिंग जेसे खतरों को जन्म दे रहे है और हमारे विकास के दोरान उत्सर्जित गैसे ग्लोबल वॉर्मिंग जैसी समस्या को जन्म दे रही है यह हमारे महादीप ही नही पूरी प्रकृति के लिए नुकसान है क्या यही है हमारा मानव समाज .