सदस्य:Cp rohilla

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अखिल भारतीय रोहिला क्षत्रिय विकास परिषद् (रजि.)

पंजीकरण संख्या : 545/1988-89

मुख्यालय : रोहिला औधोगिक प्रशिक्षण संस्थान, टपरी, सहारनपुर, उ.प्र.-247554 ।

रोहिला क्षत्रिय समाज की सर्वोच्च संस्था हैं ।

इसकी स्थापना रोहिला शिरोमणि गोल्ड मेडलिस्ट स्व. डा. कर्णवीर सिंह रोहिला जी ने सन 1988 में टपरी, सहारनपुर उ.प्र. में की ।

संस्था के संस्थापक व संस्थापक सदस्य केन्द्रीय कार्यकारिणी के स्थाई सदस्य रहेंगे ।

स्थाई सदस्यों के नाम निम्नलिखित हैं

1. स्व. डा. कर्णवीर सिंह रोहिला जी (संस्थापक)

2. डा शालीन सिंह रोहिला जी, चंडीगढ़(संस्थापक उत्तराधिकारी)

3. स्व. श्री दर्शन लाल रोहिला जी, बेहडा सन्दल सिंह (सहारनपुर)

4. श्री रामपाल सिंह रोहिला जी, जनक नगर, सहारनपुर

5. श्री रामपाल सिंह रोहिला जी, विकास नगर, देहरादून

6. श्री कृष्ण लाल रोहिला जी, एडवोकेट, देहरादून

7. स्व. श्री सोमदेव रोहिला जी, विकास नगर, देहरादून

8. स्व. मा. छत्रपाल सिंह रोहिला जी, सिढोली हरिया(सहारनपुर)

9. श्री वेदप्रकाश रोहिला जी, जनक नगर, सहारनपुर

10. श्री रमेश चन्द्र रोहिला जी, जनक नगर, सहारनपुर

11. श्री कालूराम रोहिला जी, आदर्श कालोनी, मुज़फ्फरनगर

12. श्री प्रेमचंद रोहिला जी, आवास विकास, सहारनपुर

13. श्री डा. ओमप्रकाश सनावर जी, देवबन्द, सहारनपुर

14. श्री मित्रावरुण रोहिला जी, शाहदरा, दिल्ली

15. ठा.गिरवर सिंह रोहिला जी, सिसौली, मुज़फ्फरनगर

16. श्री कबूल सिंह रोहिला जी, खुब्बनपुर,सहारनपुर

17. श्री ओमप्रकाश रोहिला जी (बक्शी)रामपुर मनिहारन, सहारनपुर

18. स्व. ठा. हरि सिंह रोहिला जी, घाटहेड़ा, सहारनपुर

संस्था के उद्देश्य एवम् कर्तव्य :

1। भारतवर्ष के समस्त रोहिला क्षत्रिय बन्धुओ को संगठित करना एवं अपनी जाति के विकास एवं राष्ट्रहित हेतु एक मंच पर लाना

2। रोहिला क्षत्रिय बन्धुओ के सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षिक उत्थान हेतु प्रयास करना तथा इस कार्य की पूर्ति के लिये सक्षम एवं उचित साधनों को अपनाना अर्थात सर्वांगीण विकास करना

3। परिषद् से सम्बन्धित सदस्यों के हितों की रक्षा करना तथा उनके लिये लोकहितकारी कार्य करना पत्र पत्रिकाओ एवं पुस्तको का प्रकशन करना तथा दुसरे ऐसे कार्य करना जो रोहिला समाज एवं राष्ट्रहित में हो

4। सम्पूर्ण भारतवर्ष में स्थानीय, जिला स्तर, प्रान्तीय स्तर एवं केन्द्रीय स्तर पर अखिल भारतीय रोहिला क्षत्रिय विकास परिषद् की शाखाओं का गठन करना

5। समस्त ऐसे कार्य करना जो राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता, धर्म निरपेक्षता तथा आपसी सदभाव व भाईचारे को बढ़ाने में सहायक हो

6। समाज के सहयोग से सभी कुरीतियों जैसे दहेज प्रथा, मृत्यु भोज, विवाह समारोह में माहिलाओ एवं पुरुषो द्वारा अशोभनीय नाचकूद पर रोक लगाकर समाज के बुद्धिजीवियों की सहमति से आदर्श विवाह समारोह आयोजित करना

7। रोहिला क्षत्रिय समाज के हितों के लिय किसी भी प्रकार की विधिसम्मत शैक्षिक एवं औधोगिक संस्था एवं संस्थान तथा धर्मशाला इत्यादि की स्थापना एवं संचालन करना जो संस्था द्वारा अलग से बनाये गये नियमों से संचालित होगी

8। युवाओ में अच्छे संस्कार पैदा कर अच्छे व्यक्तित्व का निर्माण करना

अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा से सम्बद्ध होने के पश्चात 22 अक्टूबर 1989 को जनपद सहारनपुर में अग्रवाल धर्मशाला में रोहिला क्षत्रियों का एक अखिल भारतीय स्तर का महासम्मेलन किया जिसमे लगभग 10,000 की संख्या में रोहिला क्षत्रिय प्रतिनिधि उपस्थित हुये । वर्ष 1994 में अपने कृषि फार्म पर बने भवन में रोहिला औधोगिक प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की । 17 मार्च 2000 को डा. कर्णवीर सिंह रोहिला जी प्रभु चरणों में विलीन हो गये । उनके योगदान को रोहिला क्षत्रिय समाज कभी भी भूल नहीं पायेगा । दिनांक 08 जुलाई 2018 को परिषद् की आम सभा में केन्द्रीय कार्यकारिणी के चुनाव हुये जिसमे सर्वसम्मति से डा. धर्मपाल सिंह रोहिला जी को राष्ट्रीय अध्यक्ष, श्री कुलदीप सिंह रोहिला जी को राष्ट्रीय महामन्त्री व श्री सुभाष चन्द रोहिला जी को राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष निर्विरोध निर्वाचित किया गया