सदस्य:Brajendra Richhariya

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Mr. Chotelal Richhariya (Freedom Fighters Leader)

   '''जीवन परिचय ''
पंडित श्री छोटेलाल रिछारिया तनय श्री हरलाल रिछारिया माताजी  का नाम श्रीमति मथुरा देवी| इनका जनम 1924 को  कुलुआ खास में हुआ |पंडित श्री छोटेलाल रिछारिया के घर की आर्थिक स्थिति ख़राब होने के  कारण अपनी बहन तेजकुंवर (ग्राम उल्दन जिला झाँसी उत्तर प्रदेश) के यहाँ  रहकर कक्षा 5 पास की एवं उसी बीच पंडित श्री लालाराम बाजपेयी उल्दन आये उनकी बिशेष प्रेणा से पड़ना छोड़ कांग्रेस के मेंबर बने| 18 बर्ष की ही उम्र में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ प्रचार एवं चरखा चलने का प्रशिक्षण लिया| बंगरा,रानीपुर, भिटौरा आदि जगह प्रचार एवं जिले के सभी आंदोलन में भाग लेते रहे |25 सितम्बर 1938 को राज्य ओरछा एवं   झांसी उत्तर प्रदेश के नेताओ का एक जत्था श्री मुख्त्यार अहमद की अध्यक्षता में टीकमगढ़ में आंदोलन करने गया जिसे पुलिस द्वारा टीकमगढ़ से 1 मील पहले रोककर  जमकर झड़प एवं मारपीट के साथ गाड़ी में बिठाकर टीकमगढ़ राज्य  सीमा  बाहर कर दिया।श्री लालाराम बाजपेयी की अध्यक्षता में थोंना बाजार में सन 1939 में झण्डा फहराकर आंदोलन किया आंदोलन के बाद श्री छोटेलाल रिछारिया अपने अन्य कार्यकर्ताओ के साथ बापस लौट रहे थे की रास्ते में पुलिस द्वारा रोककर गोली चलाई एवं मारपीट की गयी जिसमे श्री छोटेलाल रिछारिया घायल हो जिन्हे उपचार के लिए मऊरानीपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया उपचार से स्वस्थ होकर श्री छोटेलाल रिछारिया अपने अन्य साथियो के साथ बराबर राजनैतिक गतिबिधियो में भाग लेते रहे | 9 अगस्त 1942 को भारत छोडो आंदोलन के द्वारान  श्री छोटेलाल रिछारिया अपने 10 अन्य साथियों के साथ मऊरानीपुर में जलबिहार के द्वारं झंडा लेकर जुलूस निकला एवं आंदोलन किया जिसके कारन उनकी पुलिस के साथ जमकर झड़प हुई, ब्रिटिश सरकार द्वारा उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर झाँसी जेल भेजा गाया | झाँसी जेल में उनपर मुकदमा चला श्री रिछारिया जी को 6 माह की सजा और 50 रूपये जुरमाना लगाया गया जुरमाना जमा न करने पर श्री रिछारिया जी को 6  माह की अतिरिक्त सजा सुनाई गई | जेल से छूटने के बाद श्री रिछारिया जी श्री  लाला राम बाजपेयी एवं-लक्ष्मी नायक,श्याम लाल साहू , रामकुमार जोशी और राजाराम यादव एवं  अन्य कार्यकर्ताओं के साथ  राज्य ओरछा सेवा संघ में भाग लिया, जिसका गठन 25.07.1942 को हुआ था, जिसमें राज्य में सामाजिक-अर्थव्यवस्था सुधार के कार्यक्रम शामिल थे। । 1945 -46  में ओरछा सेवा संघ ने मध्य भारत देसी राज्य लोक परिषद के साथ अपना संबंध स्थापित किया और टीकमगढ़ राज्य के प्रजा मंडल के रूप में काम करना शुरू किया| देश की स्वतंतता तक लगातार आंदोलन एवं राजनैतिक  लेते रहे | देश की आजादी के पश्चात  देश की आजादी में अपना अमूल्य योगदान के लिए पंडित श्री छोटेलाल रिछारिया को स्वतन्त्ता की 25 वीं वर्ष गांठ (15 अगस्त 1972) पर तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी द्वारा ताम्रपत्र देकर सम्मानित किया| पंडित श्री छोटेलाल रिछारिया 17 मार्च 2009 को पंचतत्व में बिलीन हो गए | श्री रिछारिया जी का देश की आजादी में अमूल्य योगदान देश हमेशा याद रखेगा|