सदस्य:Amanswami786/जॉन रॉबिन्सन

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--Amanswami786 (वार्ता) 17:02, 8 सितंबर 2016 (UTC)

Joan Robinson Ramsey Muspratt

जनम[संपादित करें]

जोआन वायलेट राॅबिन्सन एफ बी ए (३१ अक्टूबर १९०३ - ५ अगस्त १९८३ )एक ब्रिटिश अर्थशास्त्री थे, जो बहुत प्रसिद्ध हुइ थी, मौद्रिक आर्थिक में अपने काम के लिए और आर्थिक सिद्धांत को व्यापक योगदान् पर अपने काम के लिए। वह मेजर जनरल सर फ्रेडरिक बाटॆन मौरिस, की बेटी थी, और ऑस्टिन रोबिन्सन से शादी की थी जो उनके साथी अर्थशास्त्री थे। उनके दो बच्चे थें। रोबिन्सन ने अर्थशास्त्र के अध्ययन गिर्टन काॅलेज मे की थी। जब वे कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय मे पड रहें थे तब वे मौरिस डौब के प्रभाव मंद आये थे। डौब कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य थे। रोबिन्सन के अनुसार, उनके छात्रों मे से सभी उनके राज्नीतिक विचारों से सहमत नहिं थे। एक 'हार्टीस' के समूह ने उनहे जब्त कर लिया और पूरे कपडे पहने ही, उनहे उठाकर एक नदी मे फेंक दिया उनको विवेक सिखाने का व्यर्थ प्रायास किया था।

शादी[संपादित करें]

स्नातक स्तर की पढाई के तुरन्त बाद, १९२५ मे, उनहोने ऑस्टिन रोबिन्सन, अर्थशास्त्री से शादी की और १९३७ में वे केम्ब्रिज विश्वविद्यालय मे अर्थशास्त्र में लेक्चरर बने। वे १९५८ में ब्रिटिश अकादमी में शामिल हो गयें और फिर १९६२ में उनहोने पूर्ण प्रोफेसर क पद ग्रहण किया और गिर्टन काॅलेज के सदस्य बन गयें।

अर्थशास्त्र में योगदान[संपादित करें]

अर्थशास्त्र के 'केम्ब्रिज स्कूल' के एक सदास्य के रूप में, राॅबिन्सन समर्थन और कीन्स 'जनरल थ्योरी की प्रदर्शनी के लिये उनहोने योगदान दी। १९३७ में अपने रोजगार के प्रभाव पर विशेष रूप से लेखन 'दि ग्रेट डिप्रेशन' के बीच में रोजगार गतीशीलता की व्याख्या करने का प्रयास किया। १९३३ में, अपने कीताब, 'अपूर्ण प्रतियोगिता के अर्थशास्त्र', में राॅबिन्सन ने 'monopsony' शब्द का अंकित किया जो एक विक्रेता के एकाधिकार के खरीदार बातचीत का वर्णन करने के लिये प्रयोग किया गया था। राॅबिन्सन ने 'monopsony' शब्द को महीलाओं और पुरुष कार्यकर्त्तओं के बराबर उत्पादकता की वेतन का अंतर का वर्णन करने के लिये उपयोग किया हैं। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, राॅबिन्सन, ने राष्ट्रीय सरकार के लिये कुछ अलग समितियों पर काम किया। इस समय के दौरान वे चीन और सोवियत संघ का दौरा किया। उनहोने अविकसित और विकासशील देशों में रुचि विकसित की।

उपाध्यक्ष पद का इनकार[संपादित करें]

१९४९ मे Ragnar Frisch ने राॅबिन्सन को आमंत्रित किया गया था, अर्थमितीय सोसायटी के उपाध्यक्ष बनने के लिये। लेकिन उनहोने इनकार कर दिया ये केह कर कि वह एक पत्रिका के संपादकीय समिति का हिस्सा नहीं हो सकती है जिसे वो पढ़ नहीं सकती है।

रॉबिन्सन लेखक के रूप में[संपादित करें]

१९५६ में राॅबिन्सन ने उनकी प्रसिद्ध रचना ' दि अक्कयुम्युलेशन ओफ क्यपिटल' को प्रकाशित किया था। १९६२ में उनहोने विकास के सिद्धांत पर एक पुस्तक, जो स्वरण युग विकास के रास्तों पर विचार-विमर्श की थ्योरी में निबंध प्राकाशित किया गया था। १९६४ में कला और विज्ञान के अमेरिकन अकादमी के एक विदेशी मानद सदस्य निर्वाचित किया गया था।

उनके आखरी दिनो में[संपादित करें]

उनके जीवन के अंत के समय मे उनहोने 'अर्थशास्त्र में समस्याओं' पर अध्ययन और अपना ध्यान केन्द्रित किया। १९६२-१९८० के बीच उनहोने आम जनता के लिये कई अर्थशास्त्र पुस्तकें लिखि। राॅबिन्सन शासत्रिया अर्थशास्त्र के पुनरुद्धार के लिए एक विकल्प के विकास का सुझाव दिया।

पुरस्कार[संपादित करें]

राॅबिन्सन के कम से कम दो छात्रों को, अमर्त्य सेन और जोसेफ स्तिग्लित्ज़, नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

भारत पर्यटन[संपादित करें]

राॅबिन्सन विकास अध्ययन केन्द्र, तिरुवनंतपुरम, भारत में बहुत बार आ चुकी थी। वे १९७० के मध्या में केंद्र विजिटिंग फेलो थी। वे जनवरी, १९८२, तक केंद्र सरकार के लिए एक लगातार आगुंतक थी और विशेष रूप से छात्र सेमिनार केंद्र की सभी गतिविधियों में भाग लिया था। उनहोने अपने दो पुस्तकों की राॅयल्टी को दान कर दिया १९७४ में। १९७९,सिर्फ मरने से ४ साल पेहले वे किंग्स काॅलेज की पहली महिला मानद साथी बन गयीं।

ref>https://www.britannica.com/biography/Joan-Robinson</ref>