सदस्य:Amala joseph/"वर्डप्रेस"

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वर्डप्रेस[संपादित करें]

वर्डप्रेस एक सामग्री प्रबंधन प्रणाली है जो सरल और सुदृढ़ तरीके से आपके वेबसाइट सामग्री को संयोजन और प्रकाशन में मदद करता है.मुक्त होने के बावजूद,यह अमूल्य है | सीधे शब्दों में कहें तो,वर्डप्रेस आपको ब्लॉग सामग्री पर ध्यान केन्द्रित करने में मदद करता है और आपका बहुमूल्य समय जो ब्लॉग निर्माण में लगता है उसे बचाता है.वेब को सामान्यता: अन्य शब्दों में www यानी वर्ल्ड वाइड वेब भी कहा जाता है| और हम इसे दुनियां की एक सबसे बडी पुस्तकालय की तरह मान सकते है, जिसमें हर वेबसाइट / ब्लॉग एक किताब के समान है और इस किताब में विभिन्न प्रकार की जानकारियों से युक्त बहुत सारे पृष्ठों है, जिन्हें वेब पृष्ठ के नाम से जाना जाता है| लेकिन वेबसाइट / ब्लॉग के वेब पृष्ठ हमारी भौतिक किताब की तरह स्थिर नहीं होते जिन्हें पढ़ने के अलावा हमारे पास और कुछ भी कर्ने के लिए नहीं होता, बल्कि ये परस्पर संवादात्मक होते हैं, जिस्की वजह से अलग अलग तरह के आदानों के लिए गतिशील अलग अलग तरह के पैदावन उत्पन्न होते है| वेबसाइटों के पृष्ठों में हमें जो विषय दिखाई देते हैं, वे वास्तव में वेबसाइटों के पेज में हमें जो सामग्री दिखाई देतें हैं, वे वास्तव में इलेक्ट्रॉनिक सामग्री होतें हैं, जो कि आपस में किसी अंन्य दस्तावेज़ या संसाधन जैसे कि पाठ फ़ाइल, छवि फ़ाइल, वीडियो फाइल आदि कं साथ जुड़े हुए रहते हैं! इस प्रकार कं इलेक्ट्रॉनिक ग्रंथों को वेब की भाषा में हाइपरटेक्स्ट कं नाम से जनंना जाता है, जिन पर चटकारना करकं हम एक इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज यानी वेब पृष्ठ से किसी दूसरे वेब पृष्ठ पर कर सकते हैं I वेबसाइट व ब्लॉग कं रूप में हम किसी वेबसाइट को भी हम दो भागों में बांट कर देख सकते हैं,जहां वेबसाइट ऐसे स्टेटिक सामग्री को प्रतिनिधित्व करता है, जो कि बहुत कम परिवर्तन होतें हैँ,जबकि ब्लॉग ऐसे सामग्री को प्रतिनिधित्व करता है, जिसर्क सामग्री बहुत रु'यादा सामग्री होतें हैं | उदाहरण कं लिए किसी लेखक कं बायोडाटा को प्रतिनिधित्व करने कं लिए हमें वेब पृष्ठ सर्जन करना कस्न? होता है, क्यरैंकि किसी लेखक का लेखक बहुत कम परिवर्तन होता है!

लेकिन किसी  को एककं रूप में उल्लिखित करना कस्न? ऱन्याडा बेहत्तर रहता है,क्यरैंकि जैसे ही नई समाचार आती है, पुरानी समाचार कम प्रासंगिक हो जाती है!वर्डप्रेस जैसे सीएमएस ( सामग्री प्रबंधन प्रणाली) में सीएमएस ( सामग्री प्रबंधन प्रणाली)को ऱन्याडा बेहत्तर त्तरीकं से का वर्णन करें किया गया है  जहा का वर्णन करें ऐसे सामग्री को का प्रतिनिधित्व करते हैं कस्ते हैं, जो बहुत कम परिवर्तन होते हैं, जबकि पद कं रूप में उन अंतर्वस्तु को सर्जन करना किया जाताहै, जो बहुत जयादा तेजी से परिवर्तन हो जाते हैं। 

अंन्य शब्दों में कहें तो वेबसाइट पेज, समय निर्भर नहीं होतें, जबकि पोस्ट, समय आश्रित होतें हैं|हालांकि तकनीकी रूप से देखा जाए, तो वेबपेज व ब्लॉग पोस्ट दोनो को HTML, css, JavaScript', jQuer जैसी समानं टेक्नोलॉजीज को उपयोग करतै हुए ही सर्जन करना किया जाता है,इसलिए एक प्रकार से ब्लॉग HWebsite दोनो एक ही चीज कं दो अलग नाम हैं, जो दो अलग तरह कं सामग्री को का प्रतिनिधित्व करते हैं करतै हैं |सबसे बड़ी विज्ञापन मध्यम - वेब और इंटरनेट की मूल बातें सवाल ये है कि वेबसाइटों की उपयोगिता क्यऱ है और क्यरें वर्तमान समय में सबकुछ ऑनलाइन होता जा रहा है? लेकिन वेबसाइटों की उपयोगिता को ठीक से समझने कं लिए हमेँ सबसे पहले इंटरनेतटको समझना होगा कि आखिर इंटरनेट वया है और लोग इसे वयी उपयोग में लेते हैं।


किसी भी व्यापार की सफलता व बिकास इसी बात पर निर्भर होता है कि उसकं उत्पाद कितनेजयादा C द्वारा उपयोग में लिए जाते हैं और अपने उत्पाद को ऱन्यादा रने ऱन्यादा ग्राहकों तक पहुंचाने कं लिए एक व्यवसायी कं रूप में हम विमिन्न तरीकों का प्रयोग कस्ते हैं, जिनमें से विज्ञापन एक सबसे जयादा उपयोग किया जाने वाला व सबसे सरल तरीका है।यदि सरल शब्दों में कहें तो रेडियो , टीवी, नए कागजात आदि की तरह ही इंटरनेट भी एक प्रकार का विज्ञापन माध्यम है, जिसका प्रयोग करकं एक व्यवसायी कं रूप में हम हमारेउत्पाद की विज्ञापन कर सकते हैं और अपने उत्पाद को और ऱन्यादा से ज्यऱदा लोगों तकपहुंचाते हुए अपने व्यापार की और जयादा त्तरक्सी कर सकते हैं।वर्तमान समय में यदि हम ये कहें कि इंटरनेट दुनियां का सबसे ज्यऱदा उपयोग में लिया जाने वालाविज्ञापन माध्यम है, तो गलत नहीं होगा क्यरैंकि मोबाइल , टेबलेट पीसी, लैपटॉप आदि कंमाध्यम से वर्तमान समय में लगभग हर व्यक्ति का पहुंचमेंयदिकोईविज्ञापन माध्यम है, तो वह विज्ञापन माध्यम ही है और इंटरनेट पर हम जो कुछ देखते, पढते या सुनते हैँ, वह सबकुछ हमें वेब पृष्ठ कं संग्रह यानी एक वेबसाइट कं रूप में ही प्राप्त होता है Iइंटरनेट की सबसे बडी विशेषता यही है कि ये इंटरएक्टिव त्तरीर्क से एक दो-तरफा संचार प्रदान करें करने वाला विज्ञापन माध्यम है, जिसमें न कंवल व्यवसायी बल्कि ग्राहक भी समान रूपसेबातचीत कर सकता है!यानी यदि हम रेडियो, टीवी या अखबार की बात करें, तो ये हमें जो सूचना प्रदान करें कस्ते हैं, उस पर एक उपयोगकर्ता कं रूप में हमारा कोई नियंत्रण नहीं होता। अत: रेडियो पर जो गाना बजता हैया टीवी पर जो समाचार हमेँ दिखाई देता है, उसे एक उपयोगकर्ता कं रूप में हम परिवर्तन नहीं कर सकते, नही उसमें भाग लेना कर सकते हैं Iलेकिन इंटरनेट कंमाध्यम से उपयोगकर्ता कं लिए जो सामग्री वातावरण किया जाता है, उसे वेबसाइटों कं माध्यय से प्रोग्राम इंटरएक्टिव बनाया जा सकता है, जिसकी वेबसाइटों कं माध्यय से प्रोग्राम इंटरएक्टिव बनाया जा सकता है, जिसकी वजह सेइंटरनेट किसी भी अंन्य इंटरनेट की तुलना में रु'यादा उपयोगी बन जाता है, क्यरैंकिं को रु'याडा बेहत्तर प्रयोगकर्ता का अनुभव प्रदान करता है!


इंटरनेट कं ख्याति प्राप्त होने का एक और कारण ये भी है कि ये सामाँन्य व्यक्ति की पहुंच में है औरबहुत ही कम निवेश कं साथ लांग टर्म इनकम प्राप्त करने कं लिए इसे कोई भी व्यक्तिउपयोग में ले सकता है।जबकि हसर्क एंथग्न पर यदि हम रेडियो, टीवी, अखबार , हार्डिंग आदि 31’ न्य विज्ञापन मीडिया को Use कएंना चाहें, तो एक एक बार विज्ञापन कं लिए भी हमें हजारों रूपए खर्च करने पडते हैं, जितना एक वेबसाइट को साल भर रखना करने कं लिए भी नहीं क…स्वा पडता।उदाहरण कंलिए हमारी वेबसाइट Bchalna.com एक ऐसी वेबसाइट है, जिस पर Hindi भाषा मेंकंप्यूटर प्रोग्रामिंग व विकास संबंधित ebooks बेचने की जाती है I इस वेबसाइटकं माध्यम से हमने इन हिंदी EBooks को India में ही नहीं बल्कि नेपाल , अमेरिका, ब्रिटेन व जापान मेंभी बेचना किया है, क्यरैंकि हन देशों में भी ऐसे ‘भारतीय रहते हैं, जिम्हें हिंदी भाषा में प्रोग्रामिंग सामग्री की जरूरत होतीहै। जबकि इस वेबसाइट को रखना करने का सालाना खर्च लगभगरूपए सालाना से भी कम है।यदि हम यही विज्ञापन टीवी पर करने की कोशिश करें तो 3600 रूपए में हमें 1 दूसरा की जोड़ना भी नहीं मिलेगी अथवा 3600 रूपए मॅ हमा हार्डिंग भी नहीं लगवा सकते, क्योंकि 10 से 15हजार रूपए सालाना तो हमेँ हमारी को विज्ञापन स्पॉट पर लगवाने कं लिए ही नगरपालिका या नगर-निगम को देने पडेगे। इसी तरह से 3600 रूपए में हमें अखबार कं आखिरी पृष्ठ पर भी इतनी कम जगह मिलेगी कि उस विज्ञापन पर शायद ही किसी कीनजर पडे, जबकि कोई भी अखबार सारी दुनियां में बांटो नहीं होता। वेबसाइट को हम एक ऐसी क्क्ऑनलाइन दुकान मग्न सकते हैँ,