सदस्य:Albin Babu1997/नासिरा शर्मा

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प्रारभिक जीवन[संपादित करें]

हिन्दी क्था साहित्य मे श्रिमति नासिरा शर्मा की उपस्थति आततवे दशक से निरतर  बनी हुए हे । नासिरा शर्मा का जन्म १९४८ मे हुआ । गत्य साहित्य के प्राय: सभि दत्र मे वे कार्यरत हे। बहश्त-ए-जह्ररा, शाल्मली, तिकरे की मगनी, कुइअयाजान आदि उनके विख्यात उपन्यास हे। फ़ारसी भाषा व साहित्य में एम ए करने के अतिरिक्त हिंदी, उर्दू, फ़ारसी, अंग्रेज़ी, पश्तो भाषाओं पर उनकी गहरी पकड़ है। वह ईरानी समाज और राजनीति के अतिरिक्त साहित्य कला व सांस्कृतिक विषयों की विशेषज्ञ हैं। २००८ में अपने उपन्यास कुइयाँजान के लिए यू॰के॰ कथा सम्मान से सम्मानित हिन्दी लेखिका।


कृतियाँ[संपादित करें]

प्रकाशित कृतियाँ-अब तक दस कहानी संकलन, छह उपन्यास, तीन लेख-संकलन, सात पुस्तकों के फ़ारसी से अनुवाद, 'सारिका', 'पुनश्च'का ईरानी क्रांति विशेषांक, 'वर्तमान साहित्य' के महिला लेखन अंक तथा "क्षितिजपार" के नाम से राजस्थानी लेखकों की कहानियों का सम्पादन। 'जहाँ फव्वारे लहू रोते हैं' के नाम से रिपोर्ताजों का एक संग्रह प्रकाशित। इनकी कहानियों पर अब तक 'वापसी', "सरज़मीन" और "शाल्मली" के नाम से तीन टीवी सीरियल और 'माँ', 'तडप', 'आया बसंत सखि','काली मोहिनी', 'सेमल का दरख्त' तथा "बावली" नामक दूरदर्शन के लिए छह फ़िल्मों का निर्माण।


पुरस्कार-सम्मान[संपादित करें]

२००८ में अपने उपन्यास कुइयाँजान के लिए यू॰के॰ कथा सम्मान से सम्मानित।

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