सदस्य:Ajay the known/प्रयोगपृष्ठ
परिचय
[संपादित करें]भारत में घुडदॉड अर्थ २०० साल से भी पुराना है। यह एशिया में बहुत पुरानी अधिकार क्षेत्र है जहॉ पर रेसिंग नियम के अनुसार संचालित किया गया था। भारत का सबसे पहला घुडदौड का मैदान सन १७७७ में मद्रास में स्थापित किया गया था। आज भारत में बहुत ही अच्छी रेसिंग और नस्ल उद्योग चल रहा है। यस खेल नौ रेस ट्रॉक पर पाँच रेसिंग प्राधिकारियों से संचालित किया जाता है- १) रॉयल वेस्टर्न इंडिया टर्फ क्लब २) बैंगलूर टर्फ क्लब ३) रॉयल कलकत्ता टर्फ क्लब ४) हैदराबाद टर्फ क्लब ५) मैसूर टर्फ क्लब
इन घुडदौड का मैदान/क्लब के बारे में ज़्यादा जानकारी नीचे दिया गया है:
रॉयल वेस्टर्न इंडिया टर्फ क्लब
[संपादित करें]ये भारत के सबसे बडा घुडदॉड मैदान है। इसे महालक्ष्मी घुडदॉड मैदान भी कहा जाता है क्योंकि ये मुंबई के महालक्ष्मी पडॉस में है। यहाँ के ट्रॉक अंडाकार आकार में है जॉ २४०० मीटर है और लगभग २२५ एकड के ज़मीन में फैले हुए है। यह जगह समुद्र के सामने फैला हुआ है। यहाँ के भूमि को ग्रेटर मुंबई नगर निगम से पट्टे पर लिया है। यह असैनिको को भि सहायता किया है। यहाँ के मुख्य ट्रैनर पी सर्राफ, डलास टोडीवाला, इम्तियाज़ सैठ और नरेंद्र लगड है। यहाँ के जॉकी एस ज़ेरवान। बी प्रकाश(सेवानिवृत्त), दशरत सिंह, पी ट्रैवॉर और श्रीनाथ है। यहाँ पर रेसिंग नवेंबर से अप्रेल के अंत तक यानि गरमी के मौसम पे संचालित किया जाता है।
बैंगलूर टर्फ क्लब
[संपादित करें]यह घुडदौड मैदान भारत के सबसे प्रचलित घुडदौड मैदान है। इसको १ दिसंबर, १९२० में चार प्रबंधको ने स्थपित किए थे। यह घुडदौड मैदान ८५ एकड के भूमि में फैला हुआ है। इस अपेक्षाकृत छोटे जगह पर घास ट्रॉक , तीन प्रशिक्षण ट्रॉक्स, एक घोडे का स्विम्मिंग पूल, १०४० अस्तबल और कई सारे सुविधाएँ है। यहाँ के ट्रॉक भी अंडाकार आकार में है, १९५० मीटर्स के सही हाथ लीक जिसके चार तेज़ घटता है। ये एक बहुत ही मुश्किल ट्रॉक है जो घोडा चलाने वाले इनसान, घोडे के सहनशीलता, जॉकी के कौशल और अनुभव पर आधार करता है। यहाँ के मुख्य ट्रैनर ऐ घेटाला, पद्मनाभम, धरीवल, बी वै रामजी है। बी वै रामजी इस क्षेत्र के बहुत ही महान व्यक्ति है। यहाँ के जॉकी सुरेश नरेडु, पी एस चौहान, इमरान क्रिस्टी और श्रीकांत है। यहाँ पर रेसिंग सरदी के मौसम में यानि नवेंबर के अंत में शुरु होकर मार्च के अंत में समाप्त होता है। बरसात के मौसम में मै से अगस्त तक रैसिंग किया जाता है।
रॉयल कलकत्ता टर्फ क्लब
[संपादित करें]यह भारत के सबसे बडा घुडदॉड मैदान है। इसको १८२० में स्थापित किया गया था और रॉयल कलकत्ता टर्फ क्लब से संभाला जाता था। यहाँ पे रैस जुलै से सितंबर तक और फिर नवंबर से मार्च तक संचालित किया जाता है।
हैदराबाद टर्फ क्लब
[संपादित करें]इतिहास के द्वारा हैदराबाद में घुडदौड निज़ामो के समय यानि १८६८ से संचालित किया जा रहा है। यह घुडदॉड मैदान हैदराबाद के मलकपेट मेम है। यहाँ के घुडदॉड मैदान सही हाथ लीक है जो जॉकी के कौशलता का परीक्षा ले सकता है। हैदराबाद में दो घुडदॉड मैदान है जिसमे दोनो को अलग-अलग मौसम में उपयोग किया जाता है। यहाँ पर रैस बरसात के मौसम यानि जुलाई से अक्तूबर तक और सरदी में नवंबर से म्म्र्च तक संचालित किया जाता है। यहाँ पर २२५० मीटर के ट्रॉक है।
मैसूर टर्फ क्लब
[संपादित करें]मैसूर टर्फ क्लब सॉ साल से भी पुराना है। यह सन १९९१ में अपने सौ सालों के सालगिराह भी मनाया। यह जगह चामुंडी पहाडी के तलहटी पर है। यह घुडदौड मैदान १५२ एकड के भूमि में फैला हुआ है। यहाँ के ट्रॉक अंडाकार आकार में है। इसे मैसूर के शाही परिवार वोडेयर ने श्री चामराजेंद्र वोडेयर के नियम के अधीन शुरु किया था। यहाँ पर रेसिंग अगस्त के बीच में शुरु होकर नवंबर के शुरुआत में समाप्त होता है। यहाँ के मुख्य ट्रैनर राकेश, दर्शन, और मोनप्पा है और यहाँ के जॉकी श्रीनाथ है।
पुना घुडदौड मैदान
[संपादित करें]इसे सन १८३० में स्थापित किया गया था। ये ११८।५ एकड के भूमि में फैला हुआ है। यह अधिकार क्षेत्र के अधीन में आता है। यहाँ पर रेसिंग जुलाई में शुरु होकर अक्तूबर में समाप्त होता है। यहाँ के कुछ महत्वपूर्ण रेस है दि पूना डर्बी, इनडिपेन्डेन्स कप और कई सारे।--Ajay the known (वार्ता) 17:04, 1 फ़रवरी 2014 (UTC)