सदस्य:Aina samastipur

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संजीव कुमार सिंह पत्रकारिता के क्षेत्र में वर्ष 2003 से लगातार कार्यरत है। इन्होंने शिवाजीनगर से दैनिक जागरण के लिए समाचार संकलन कार्य किया। बाद के दिनों में ये रोसड़ा अनुमंडल के हिन्दुस्तान समाचार पत्र के समाचार संकलन करते हुए प्रभारी नियुक्त हुए। इन्होंने आईना समस्तीपुर नाम से एक प्रकाशन ग्रुप का निर्माण करवाया। इसके तहत इन्होंने आईना समस्तीपुर मासिक पत्रिका की श्ुारूआत की। बाद के दिनों में इन्होंने संजीवनी बिहार समाचार पत्र का भी प्रकाशन शुरू किया। इसके बाद एएसन्यूज डाॅट इन नाम से एक बेब पोर्टल का भी निर्माण किया। महाकवि आरसी स्मरणिका के संपादक के रूप में कार्य किया। महाकवि आरसी प्रसाद सिंह स्मृति क्रिकेट टूर्नामेन्ट के उन्नीस वर्षो तक संयोजक रहे। श्री श्री 1008 रूद्र चण्डी महायज्ञ, श्री गणपति महायज्ञ एवं नवाह्र, अष्टयाम, श्री राम चरित मानस गोष्ठी के अलावे जिला परिषद क्षेत्र संख्या 41 से जिला परिषद का चुनाव भी लड़ चुके है। इन्होंने हाल में बिहार की राजनीति पर एक पुस्तक बिहार का सत्ता संग्राम लिखा है । जो प्रकाशित होने को है। पत्रकारिता के साथ साथ इन्होंने संजीवनी मेमोरियल पब्लिक स्कूल एवं संजीवनी इंटरनेशनल टस्ट का भी संचालन कर रखा है। इनसे 9955644631 पर सम्पर्क किया जा सकता है।ये समस्तीपुर जिले के रोसड़ा प्रखंड के एरौत गांव के रहने वाले है। महाकवि आरसी प्रसाद सिंह के ग्रामीण है। महाकवि आरसी प्रसाद सिंह की जयन्ती एवं पुण्यतिथि के दौरान कई बार काय्रक्रम आयोजित करने में सक्रिय भूमिका निभा चुके है। इन्होंने गांव में महाकवि आरसी प्रसाद सिंह की प्रतिमा भी लगवाई है। गांव के विकास के लिए हमेशा से संघर्ष करने वाले संजीव कुमार सिंह को महावीर मंदिर मुसहरी घाट एरौत के विशेष भक्त के रूप में भी पहचान स्थापित है। इन्होंने इस स्थल पर कई बार श्री राम कथा एवं श्री भागवत कथा का आयोजन किया है। विश्वकर्मा एवं सरस्वती की पूजा अर्चना के साथ साथ गांव के विभिन्न आयोजनों में ग्रामीणों के द्वारा इन्हें बुलाने का रिवाज रहा है। ये 16 वष्ज्र्ञ की अवस्था से ही गांव के विभिन्न आयोजनों में सक्रिय भागीदारी देते रहे है। कई गरीब कन्याओं का विवाह भी इनके खर्च से करवाया गया है। ग्रामीण राजनीति के कारण विगत दिनों इन्हें कई मुकदमें में भी नामजद कर दिया गया । इनके परिवार के सदस्यों के द्वारा उच्च विद्यालय एरौत एवं मध्य विद्यालय एरौत की स्थापना में भूमि भी प्रदान किया गया है। गांव में शराब की बिक्री करने वालों के खिलाफ अभियान चलाने के कारण शराब बेचने वाले लोगों के द्वारा इन पर कई बार हमला भी हो चुका है। लेकिन गलत कार्यो का विरोध करने में ये अब भी आगे रहा करते है।