सदस्य:Aditi356/WEP 2018-19
स्तेफनि डिसुजा[संपादित करें]
स्तेफनि "स्तेफी" डिसुजा , एक खिलाडी थी जिसने एथलेटिक्स और महिला हॉकी मे भारत का प्रतिनिधित्व किया |
प्रारंभिक जीवन[संपादित करें]
स्तेफनी डिसुजा का जन्म सन १९३६ , दिसंबर २६ को गोआ मे हुआ | प्रथमिक शिक्षण पून के सरदार दस्तूर स्कूल मे हुआ | फरगूसन कालेज से अपना पदवी प्राप्त किया | उन्होने कैद्रीय रेलवे (पूने डिवीजन ) मे काम किया था | अपनी शादी के बाद , वह जमशेदपुर चली गई |
व्यवसाय[संपादित करें]
डिसुजा भरतीय टीम का हिस्सा थी जिन्होने १९५४ के ऐशियाई खेल मे ४*१०० मीटर रिले मे सोने का पदक जीता और १९५८ मे कंस्य पदक जीता |
उन्होने २०० मीटर मे एक रजत पदक प्राप्त करके एशियाई रेकार्ड बनाया | उसी प्रतियोगिता मे १०० मीतर मे
चौथाई स्थान प्राप्त किया | डिसूजा अपनी व्यवसाय के उस मोड पर पहुची जहा उन्होने १०० मीटर , २०० मीटर , ४०० मीटर और ८०० मीटर का राष्ट्रीय रेकार्ड अपने नाम कर लिया |
उपलब्धिया[संपादित करें]
इन सब उपलब्धियो के बाद उनके प्रशंसको ने उन्हे ' फ्लयिग रानी ' के नाम से सम्बोधित करने लगे |
५८ सेकेड मे छ्टे स्थान पर पहुचने के बाद १९६४ र्गीश्मकालीन ओलम्पिक मे ४०० मीटीर दोर मे हटा दिया गया था |
इसके बाद उन्होने अनेक अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिता मे भाग लिया |
१९५३ मे लंदन मे पहली अंतराष्ट्रीय महिला हॉकी टूर्नमेट मे डिसूजा ने भारत का प्रतिनिधित्व किया | १९६१ मे टीम का नेत्र्तुत्व किया |
उस जमाने मे महिला खिलाडियो के लिये प्रेरणादायक व्यक्तित्व थी |
उन्होने अनेक खिलाडियो को प्रशिक्षण दिया | डिसूजा निव्रुत्ति के बाद भी भारत के क्रीडा विकास के लिये काम किया |
खेल के प्रती योगदान और उनके उपलब्धियो को देखकर भारत सर्कार ने उन्हे अर्जुना अवार्ड से सराहा |
ये अर्जुना अवार्ड लेने वाली पेहली महैला थी |
राट्रीय और अन्तर्राट्रीय प्रतियोगिता[संपादित करें]
स्तेफनि दिसुजा जी एक अव्वल खिलाडि थे | उन्हे बहुत सारी पुरस्कार मिले है | उन्होने बहुत सारी प्रतियोगितओ मे भाग लिय है जैसे की :
१९५४ एशियन गेम्स मे ४*१०० रेस मे प्रथम स्थान |
१९५४ एशियन गेम्स मे २०० मीटर की दौड मे छौथा स्तान |
१९५७ नाषनल चैपियनशिप मे १०० मीटर की दौड मे प्रथम स्थान |
१९५७ नाषनल चैपियनशिप मे २०० मीटर की दौड मे प्रथम स्थान |
१९५८ एशियन गेम्स् मे २०० मीटर की दौड मे दूसरी स्थान |
१९५८ एशियन गेम्स मे ४०० मीटर रिले मे तीसरी स्थान |
सितंबर १९९८ को जेमसेडपुर मे ६१ साल के वर्ष को उनका देहॉन्त हुआ |
भारत के र्क्रीडा जगत का चमकता तारा बुज गया |