सदस्य:2140748Anagha/प्रयोगपृष्ठ

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से

कृष्ण का बटरबॉल[संपादित करें]

कृष्ण का बुत्तेर्बल्ल एक विशाल सा पत्थर है जो भारत के तमिलनाडु राज्य में ममल्लापुरम के ऐतिहासिक तटीय रिज़ॉर्ट शहर के एक छोटी सी चढ़ाई पर आराम कर रहा है। पल्लव वंश द्वारा हिंदू धार्मिक स्मारकों के रूप में सातवीं और आठवीं शताब्दी सीई के दौरान निर्मित यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल ममल्लापुरम में स्मारकों के समूह का हिस्सा होने के नाते, यह स्थानीय स्तर पर एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण है। इसे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित राष्ट्रीय स्मारक के रूप में जाना गया है

शब्द-व्युत्पत्ति शास्त्र[संपादित करें]

एटलस ऑब्स्कुरा के अनुसार, इस का साचा नाम, वान इरई काल तमिल से "स्टोन ऑफ़ स्काई गॉड" से लिया गया है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार, भगवान कृष्ण अक्सर अपनी मां की मक्खन हांडी से मक्खन चुराते थे; यह इस पत्थर के नाम का एक कारण हो सकता है। कहा गया है कि 1969 में, एक पर्यटन मार्गदर्शक ने कृष्ण का बुत्तेर्बल्ल नाम का श्रेय इंदिरा गांधी को दिया था, जो उस समय शहर की सैर कर रही थी।

कृष्णा का बटरबॉल दक्षिण भारत में तमिलनाडु राज्य के चेंगलपट्टू जिले के पर्यटक शहर महाबलीपुरम में स्थित है। यह चेन्नई सेंट्रल रेलवे स्टेशन से 55 किमी (34 मील) की दूरी पर और चेन्नई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से 53 किमी (33 मील) की दूरी पर ईस्ट कोस्ट रोड (ईसीआर) के माध्यम से आसानी से पहुंचा जा सकता है।

इतिहास[संपादित करें]

पल्लव राजा नरसिंहवर्मन ने भी इस पत्थर को हटाने की कोशिश की थी पर वे भी असफल रहे। तमिल के सम्राट राजा चोल इस विशाल पत्थर के शिलाखंड के संतुलन बनाये रकने की शमता से प्रेरित होकर इसने तंजावुर बोम्मई नामक कभी न गिरने वाली मिट्टी की गुड़िया का निर्माण किया, जिसका अर्ध-गोलाकार आधार होने से हर बार जब कोई इसे गिराने की कोशिश करता है तो यह अपनी असली स्थिति में वापस आ जाता है। 1908 में, शहर के तत्कालीन गवर्नर आर्थर हैवलॉक ने सुरक्षा चिंताओं के कारण इसको को अपनी स्थिति से हटाने के लिए सात हाथियों का उपयोग करने का प्रयास किया, पर वे नाकाम रहे। 12 अक्टूबर 2019 को, भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने दूसरे "अनौपचारिक शिखर सम्मेलन" के दौरान कृष्णा के बटरबॉल के सामने एक तस्वीर ली थी।

विस्तार[संपादित करें]

कृष्णा का बटरबॉल दक्षिण भारत में तमिलनाडु राज्य के चेंगलपट्टू जिले के पर्यटक शहर महाबलीपुरम में स्थित है। यह चेन्नई सेंट्रल रेलवे स्टेशन से 55 किमी (34 मील) की दूरी पर और चेन्नई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से 53 किमी (33 मील) की दूरी पर ईस्ट कोस्ट रोड (ईसीआर) के माध्यम से आसानी से पहुंचा जा सकता है। यह जगह दक्षिण में, पांडिचेरी 95 किमी (59 मील) दूर सतीत है। यह पत्थर लगभग छह मीटर (20 फीट) ऊंचा और पांच मीटर (16 फीट) चौड़ा है और इसका वजन लगभग 250 टन (250 लंबा टन; 280 छोटा टन) है। दूर से ऐसा लगता है कि यह 1.2 मीटर (4 फीट) ऊंचे चबूतरे के ऊपर एक ढलान पर तैरता है और मुश्किल से खड़ा होता है जो वास्तविक रूप से एक उखड़ी हुई पहाड़ी मन जाता है। कहा जाता है कि यह 1,200 वर्षों से एक ही स्थान पर असित है। ऊपर की ओर से शिलाखंड का एक भाग टूटकर अलग होने की वजह से, यह पीछे से अर्द्ध गोलाकार चट्टान जैसा दिखाई देता है, जबकि अन्य तीन ओर से गोल आकार का दिखाई देता है। कृष्णा की बटर बॉल को हिस्ट्री टीवी 18 के टेलीविजन इंफोटेनमेंट शो, ओएमजी! ये मेरा इंडिया, जो कृष्णा अभिषेक द्वारा होस्ट किया जाता है में दिखाया गया था। पत्थर की अजीब तरह से संतुलित स्थिति को मजबूत करते हुए, फिसलन वाले जगह का उपयोग बच्चों द्वारा स्लाइड के रूप में किया जाता है। इस बड़े नारंगी पत्थर की तुलना भगवान द्वारा गिराए गए शुद्ध मक्खन के विशाल गुच्छे से की गई है। यह आने वाले परिदर्शक अक्सर पत्थर के पीछे जाने की कोशिश करते हैं और उसे पहाड़ी से नीचे धकेलने की कोशिश करते हैं। अब तक कोई भी मानव शक्ति मक्खन के शिलाखंड को हिला नहीं पाई है। उसके ऊपर कभी-कभी बकरियां चढ़ जाती हैं।