सदस्य:डॉ.अरुण कुमार निषाद/प्रयोगपृष्ठ

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प्रो. रामसुमेर यादव[संपादित करें]

प्रो. रामसुमेर यादव का जन्म उ.प्र. के फतेहपुर जनपद के बरौहां ग्राम में 13 दिसंबर 1958 में हुआ। आपके पिता का नाम श्री सूरजदीन यादव तथा माता का नाम श्रीमती कैलासा देवी है। आपकी प्रारम्भिक शिक्षा गाँव के विद्यालय में ही सम्पन्न हुई। आप सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी से स्नातक तथा परास्नातक की डिग्री प्राप्त किया। आपने श्री गंगानाथ झा केन्द्रीय संस्कृत विद्यापीठ,  इलाहबाद से पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की। अध्ययन के उपरान्त केन्द्रीय विद्यालय, चंडीगढ़ संभाग से चयनित होकर केन्द्रीय विद्यालय भटिण्डा (पंजाब ) में अक्टूबर 1988 से 7 जनवरी 1998 तक संस्कृत शिक्षक के पद पर निष्ठा के साथ कार्य किया। वहीं आपको श्रेष्ठ शिक्षक का पुरस्कार भी प्राप्त हुआ। लोकसेवा आयोग उ.प्र.इलाहाबाद से चयनित होकर गवर्नमेंट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज उत्तरकाशी (उत्तराखण्ड ) में प्रवक्ता तथा वरिष्ठ प्रवक्ता पद पर 8 जनवरी 1998 से 18 अक्टूबर 2006 तक कार्य किया।

    हेमवती नन्दन बहुगुणा विश्वविद्यालय, श्रीनगर से दर्शन ग्रुप में संस्कृत से प्रथम श्रेणी में एम. ए. किया और साथ ही डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय , फैजाबाद से हिन्दी में प्रथम श्रेणी में एम. ए. किया। आप 19 अक्टूबर 2006 से चयनित होकर लखनऊ विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग में प्रोफेसर पद पर सेवारत रहते हुए संस्कृत साधना में संलग्न हैं।

प्रो. यादव को हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग द्वारा साहित्यमहोपाध्याय की मानद उपाधि से 2009 में सम्मानित किया गया है।

     इनकी रचनाओं में वज्रमणिः(उपन्यास ), इन्दिरासौरभम् (काव्य ), कबीरवचनामृतम् (अनूदित काव्य), अस्पृश्यता (नाटक ) आदि पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। सम्प्रति सुभाषित  रत्नभण्डारगार का अनुवाद कार्य चल रहा है। लगभग 90 शोधपत्र विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। आप राष्ट्रिय अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में 80 शोधपत्रों का वाचन कर चुके हैं।

    आकाशवाणी और दूरदर्शन से निरन्तर आपके कार्यक्रम प्रसारित होते रहते हैं।