सदस्य:कन्हैया अग्रवाल

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रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र क्र. 51 से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से 2018 विधानसभा चुनाव के प्रत्याशी, राष्ट्रीय वैश्य परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री, युवा अग्रवाल मंच प्रदेश इकाई के मुख्य संरक्षक कन्हैया अग्रवाल राजनीतिक, सामाजिक एवं व्यवसायिक क्षेत्र का जाना-पहचाना नाम है । श्री अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ के सबसे महत्वपूर्ण विधानसभा क्षेत्र रायपुर दक्षिण से कांग्रेस का अब तक का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए अपना एक अलग स्थान बनाया । सामाजिक, व्यवसायिक गतिविधियों में 30 वर्षों से सक्रिय श्री अग्रवाल ने समाज एवं जनसेवा के क्षेत्र में अनेक कार्य किये । पत्रकारिता में भी छह वर्षों तक सक्रिय भूमिका निभाते हुए रिपोर्टिंग का कार्य किया । छत्तीसगढ़ में लंबे समय तक चलने वाले जन-आन्दोलन का नेतृत्व भी श्री कन्हैया अग्रवाल ने किया । 2006 में षड्यंत्र का शिकार बनाकर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में स्थित इन्दिरा प्रियदर्शिनी महिला नागरिक सहकारी बैंक के 25 हजार खातेदारों की जमा राशि चन्द गबनकर्ताओं ने हड़प ली थी । खातेदारों को उनकी जमा राशि वापस दिलाने छः वर्षों तक लगातार आन्दोलन चला, इस प्रकरण में प्रदेश में पहली बार चार आरोपियों का नार्को एवं ब्रेन मैपिंग टेस्ट भी हुआ । इसी मामले में मुख्यमंत्री एवं मंत्रियों द्वारा रिश्वत लिये जाने की सी. डी. जारी की गई है ।

रायपुर शहर के भीतर दक्षिण विधानसभा के सुन्दरनगर-चंगोराभाठा क्षेत्र में नियम विरूद्ध बन रहे टोल प्लाजा के खिलाफ भी श्री अग्रवाल के नेतृत्व में कांग्रेस और क्षेत्र की जनता के साथ सड़क से न्यायालय और सदन तक लड़ाई लड़ी अंततः आठ वर्षों के बाद हिन्दुस्तान में पहली बार टोल प्लाजा हटाना पड़ा । सामाजिक क्षेत्र में विभिन्न पदों पर रहते हुए अनेक जनसेवी कार्यों को अंजाम दिया । सन् 1987 में एन. एस. यू. आई से राजनीति प्रारम्भ की, शहर कांग्रेस कमेटी में सचिव पद की जिम्मेदारी के साथ कांग्रेस के मूल संगठन में आकर दायित्व निभाया । 2008 में प्रदेश कांग्रेस कमेटी व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष के दायित्व के साथ पूरे प्रदेश के व्यापार उद्योग जगत के प्रमुख लोगोें को कांगे्रस से जोड़कर सशक्त टीम बनाई ।

व्यापार-उद्योग जगत की अनेक समस्याओं एवं जन-समस्याओं का निदान इसके माध्यम से कराया । प्रदेश की सीमाओं से वाणिज्य कर चैकी हटाने, जीएसटी की दरें कम करवाने आदि आन्दोलनात्मक पहल व्यापार प्रकोष्ठ ने की जिसे सफलता मिली । व्यापारियों की दुकानों में बगैर व्यवस्थापन तोड़-फोड़ का मामला हो या व्यापारियों के उत्पीड़न का मामला हर जगह श्री अग्रवाल के नेतृत्व में कड़ा प्रतिकार हुआ । जीएसटी और नोटबंदी के खिलाफ भी लगातार संघर्ष किया ।

व्यापारियों के हितों के साथ जनता का हित भी जुड़ा हुआ होता है अतः जनहित के मुद्दों को पुरजोर तरीके उसे उठाया गया । गैस कार्डों के सत्यापन के तरीके पर रोक लगाने फोरलेन पर अवैधानिक तरीके से बनाये जा रहे टोल-प्लाजा का विरोध, अवैध प्लाटिंग के नाम पर भू-माफियाओं को फायदा पहुंचाने की सरकारी नीति का विरोध, शिक्षा के क्षेत्र में स्कूलों में खुलती दुकानों का विरोध, जल दर, बिजली दरों में वृद्धि का विरोध हो या पी. एम. टी. परीक्षा के नाम पर करोड़ों के भ्रष्टाचार का मामला कन्हैया अग्रवाल के नेतृत्व में व्यापार प्रकोष्ठ ने हर जगह मुखर विरोध कर अपनी भूमिका निभाई है । 15 वर्षों बाद छत्तीसगढ़ में अवैध निर्माण के नियमितिकरण का कार्य श्री अग्रवाल के जन-आन्दोलन के बाद हुआ । नियमितिकरण योजना का श्रेय भी कन्हैया अग्रवाल को प्राप्त हुआ जिसमें लाखों परिवार लाभान्वित हुए ।

कर्नाटक राज्य के मूडबद्री शहर से जैन धर्म के तीर्थंकरों की हजारों वर्ष पूर्व की ऐतिहासिक मूर्तियों की चोरी के मामले में छत्तीसगढ़ के मंत्री और उनके समर्थकों के खिलाफ जैन समाज में तीव्र आक्रोष था इस मामले को भी छत्तीसगढ़ में व्यापार प्रकोष्ठ के माध्यम से श्री अग्रवाल ने उठाया तथा समाज की भावनाओं के अनुरूप भाजपा सरकार के खिलाफ संघर्ष प्रारम्भ किया ।

राजनीतिक एवं सामाजिक क्षेत्र के साथ व्यापारिक क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाने वाले कन्हैया अग्रवाल ने 1995 में दोस्तों के सहयोग से अल्प पूंजी से किचन एप्लायंसेस का व्यापार प्रारम्भ किया था, आज छोटे भाईयों के साथ 22 वर्षों का सफर तय करने के बाद किचन एप्लायंसेस के क्षेत्र में प्रमुख हस्ताक्षर के रूप में जाने जाते हैं ।

श्री अग्रवाल ने प्रदेश के प्रमुख व्यवसायिक राजनीति में भी सक्रिय भूमिका निभाई है । छ.ग. चेम्बर आॅफ काॅमर्स के चुनाव में आपने प्रमुख निभाते हुए कांग्रेसजनों को स्थान दिलाया चेम्बर में छाई निष्क्रियता को दूर करने चेम्बर बचाओ अभियान चलाया ।[संपादित करें]