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संभोग का डर

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संभोग का डर कुछ इंसानों में प्रकृतिक कारणों से तो कभी परिस्थियों के कारण उत्पन्न होता है। इसके विभिन्न कारण हो सकते हैं:

  • बलात्कार: बलात्कार से पीड़ित महिलाएँ अपराध के दौरान निर्दयता और असहनीय हैवानियत से गुज़रती है। इस कारण उनमें भय और संभोग के प्रति घृणा हो सकती है।
  • उत्पीडन: बचपन में यौन उत्पीड़न के शिकार महिला या पुरुष भी अपने अनुभव के कारण भय और संभोग के प्रति घृणा हो सकती है।
  • असुरक्षा का भाव: शारिरिक बनावट को लेकर स्त्री या पुरुष असुरक्षित हो सकते हैं और इस कारण कारण भय और संभोग के प्रति घृणा हो सकती है।
  • अन्य कारण: अन्य कारण में कपड़ों के बिना होने का भय, किसी वायरस या यौन संक्रमण का भय लोगों को संभोग से दूर कर सकती। कुछ लोग संभोग की प्रक्रिया ही को बुरा समझ सकते हैं।
    • लड़कियों में मनोवैज्ञानिक कारण से डर: लड़कियों में कई बार संभोग को लेकर उनके मन में पहले से ही डर बैठ जाता है। जब क्रिया का समय आता है तो उनके मन में पहले यह विचार प्रकट होता है कि दर्द होगा, खून बहेगा। इसी कारण लड़कियाँ पहली बार यौन संबंध स्थापित करने में रोने लगती हैं। जब कोई लड़की-लड़का आपस में पहली बार संभोग करते हैं तो लड़की की माशपेशियां अधिक टाइट होने के कारण उनमें खींचाव महसूस होता है। जिस कारण उन्हें दर्द होने लगता है कभी-कभी स्थिति ऐसी होती है कि लड़कियों को काफी असहनीय दर्द हो जाता है और वे रोने लगती हैं। [1]

सन्दर्भ

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  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 11 सितंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 सितंबर 2018.

इन्हें भी देखें

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