संगीत (भारतीय परम्परा)

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संगीत या सङ्गीत अत्यन्त प्राचीन भारतीय परम्परा है जो पाश्चात्य 'म्युजिक' के तुल्य समझी जाती है। यह 'सं' और 'गीत' से बना है, जिसका अर्थ 'गीत आदि के साथ' है। अतः संगीत का अर्थ किसी भी गीत को वाद्य के साथ गाने से है। मध्यकाल के ग्रन्थों, जैसे पुराणों एवं कथासरित्सागर' में संगीत-शास्त्र और 'संगीत-विद्या' का उल्लेख है। वात्स्यायन कृत कामशास्त्र में संगीत की गणना 'चौसठ कलाओं में है।

भारतीय परिप्रेक्ष्य में संगीत का अर्थ गायन, नृत्य तथा वाद्य से निकली ध्वनि तथा उसके साथ आने वाली अन्य कार्यों से है।