शैवाल ईंधन

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शैवाल ईंधन या शैवाल जैव ईंधन प्राकृतिक स्रोत के रूप में इसका उपयोग किया जाता है। यह जीवाश्म ईंधन के लिए एक विकल्प है। कई कंपनी और सरकारी विभाग पूंजी और परिचालन लागत को कम करने के लिए इसके वित्तपोषण के प्रयास में लगा हुआ है।[1]

शैवाल ईंधन से बनाया गया जेट के लिए ईंधन।

शैवाल प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से वातावरण से कार्बन डाई आक्साइड को हटाने के साथ-साथ यह ऊर्जा संकट और विश्व खाद्य संकट को भी दूर करता है।[2] इससे कृषि के लिए अनुपयुक्त भूमि का उपयोग जैव ईंधन बनाने के लिए किया जा सकता है। यह ताजा जल संसाधनो पर न्यूनतम प्रभाव के साथ उगाया जा सकता है। इसके अलावा इसमें खारा और अपशिष्ट जल का उपयोग कर भी उत्पादन किया जा सकता है।[3] शैवाल की वजह से उच्च पूंजी और परिचालन लागत अन्य दूसरी पीढ़ी के जैव ईंधन फसलों की तुलना में इकाई द्रव्यमान प्रति अधिक लागत लगती है।[4] उत्पादन में शैवाल बायोमास संगठन के प्रमुख के अनुसार, शैवाल ईंधन के द्वारा २०१८ तक तेल के कीमतों तक पहुँच सकते है।[5]

पर्यावरणीय प्रभाव[संपादित करें]

शैवाल से अन्य तेल फसलों की अपेक्षा तेल की उच्च उत्पादकता की जा सकती है।[6] इसके लिए कम भूमि भी काफी है। इसे सीमांत भूमि पर उगाया जा सकता है, वो भी सामान्य फसलों से कम संरक्षण मूल्य के साथ।[7] इसे खेती या पीने योग्य पानी नहीं होने या नमक युक्त पानी होने पर भी इसका उपयोग इसकी खेती में किया जा सकता है। इससे जैव विविधता के संरक्षण के साथ-साथ स्वच्छ ऊर्जा के स्रोत भी बनाए जा सकते है। यह डीजल पेट्रोल आदि जैसे ईंधन की तुलना में, सल्फर आक्साइड का उत्पादन, हाइड्रोकार्बन और कार्बन मोनोऑक्साइड के हानिकारक प्रदूषण का कम उत्सर्जन करता है।[8] अध्ययनों से पता चलता है कि जैव ईंधन में अक्षय ऊर्जा स्रोतों के जैसे जीवाश्म ईंधन की जगह कार्बन डाई आक्साइड कम करने की ८०% तक क्षमता है। जैव ईंधन के उत्पादन का स्थलीय संयंत्र के अनुसार यह वर्तमान ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अभी उत्पादन क्षमता नहीं है।[9]

आर्थिक व्यवहार्यता[संपादित करें]

तालाब का सूक्ष्म शैवाल की खेती के लिए इस्तेमाल किया।

कई स्थानो पर स्पष्ट रूप से स्थायी जैव ईंधन के उत्पादन की मांग की जा रही है। लेकिन शैवाल में उसके उपयोग में शुद्ध पर्यावरण या आर्थिक लाभ होता है, परंतु यह पारंपरिक पेट्रोलियम की अपेक्षाकृत उत्पादन की लागत अधिक होती है। वर्तमान में शैवाल तेल का एक गैलन और पेट्रोलियम का २९ जनवरी २०१३ में $११०.५२ प्रति बैरल था। शैवाल तेल की लागत का आकलन कुछ इस तरह निकाला जा सकता है।[10]

शैवाल तेल = २५.९ x १०-३ पेट्रोलियम (जहाँ शैवाल तेल प्रति गेलन और पेट्रोलियम प्रति डॉलर है।)

एक अनुमान के साथ वार्षिक बायोमास उत्पादन क्षमता में १०,००० टन की वृद्धि हुई है। जिससे प्रति किलोग्राम उत्पादन की लागत क्रमश: $०.४७ और $०.६० तक कम कर देगा। मौजूदा शैवाल परियोजनाओं से भी कम समय में जैव ईंधन उत्पादन की कीमत के लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं। शैवाल उत्पादन से पर्यावरण और आर्थिक रूप से स्थायी ईंधन का उपयोग करके २०२० तक परिवहन ईंधन की २०% तक की जगह के अपना लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा यह पाया गया है कि शैवाल जैव ईंधन लागत प्रतिस्पर्धी पारंपरिक ईंधन के साथ होने के लिए पूंजी लागत, श्रम लागत और स्वयं के द्वारा परिचालन लागत (उर्वरक, बिजली, आदि) बहुत अधिक हैं। इसी के परिणाम स्वरूप शैवाल दोहन के लिए नया और सस्ता उपाय सोचा जा रहा है। [11]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Dyer, Gwynne (17 June 2008). "A replacement for oil". The Chatham Daily News. मूल से 11 अक्तूबर 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 18 June 2008.
  2. Aylott, Matthew (September 2010). "Forget palm oil and soya, microalgae is the next big biofuel source". मूल से 1 जनवरी 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 जनवरी 2015.
  3. Erin Voegele (15 November 2012). "Propel, Solazyme make algae biofuel available to the public". Biomass Magazine. मूल से 13 अप्रैल 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 जनवरी 2015.
  4. Andrew Herndon (20 March 2013). "Tesoro is first customer for Sapphire's algae-derived crude oil". Bloomberg. मूल से 16 अक्तूबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 जनवरी 2015.
  5. Lane, Jim (11 March 2013). "A replacement for oil". Biofuels Digest. मूल से 18 मार्च 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 March 2013.
  6. Seaweed Ulva Photosynthesis and Zero Emissions Power Generation Archived 2012-03-05 at the वेबैक मशीन. Pennenergy.com. Retrieved 15 April 2012.
  7. Toward a live sea near the dead one Archived 2011-07-19 at the वेबैक मशीन. (PDF) . Retrieved 15 April 2012.
  8. Bullis, Kevin (2007-02-05). "Algae-Based Fuels Set to Bloom | MIT Technology Review". Technologyreview.com. अभिगमन तिथि 29 November 2013.
  9. "Effects of nitrogen on growth and carbohydrate formation in Porphyridium cruentum - Springer". Link.springer.com. 2013-09-21. मूल से 24 मई 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2014-08-19.
  10. doi:10.1016/j.biotechadv.2007.02.001
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  11. "Biodiesel Made from Algae in Sewerage Ponds". Renewable Energy Access. 2006. मूल से 31 मार्च 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 31 January 2007.

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]