शुद्ध गणित

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मोटे तौर पर, जो गणित अनुप्रयोग की चिन्ता किये बिना विकसित किया गया हो उसे शुद्ध गणित (pure mathematics) कहते हैं। विश्लेषणात्मक जटिलता (गहराई) और अमूर्तीकरण (abstraction) की सुन्दरता इसकी प्रमुख विशेषता है। अट्ठारहवीं शती से इस क्षेत्र में काफी काम हुए हैं।

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यह शुद्धतम गणित है यह सिद्धांत पर आधारित होता है , केवल सूत्र द्वारा इसे नहीं समझा जा सकता है । बिना सूत्र के भी हम शुद्ध गणित के कुछ प्रश्नों को तर्क विधि से हल कर सकते हैं ।