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शनि द्वारा अपने पुत्र का भक्षण

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शनि द्वारा अपने पुत्र का भक्षण

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शनि द्वारा अपने पुत्र का भक्षण (स्पेनी: *Saturno devorando a su hijo*) स्पेनिश चित्रकार फ्रांसिस्को गोया की प्रसिद्ध पेंटिंग है। यह उनकी ब्लैक पेंटिंग्स (*Pinturas negras*) श्रृंखला का हिस्सा है, जिसे गोया ने अपने जीवन के अंतिम वर्षों में बनाया। यह चित्रकला शनि (ग्रीक पौराणिक कथाओं में क्रोनोस) की कहानी पर आधारित है, जिसमें वह अपने बच्चों को निगल रहा है। यह पेंटिंग गोया की मानसिक और शारीरिक स्थिति के साथ-साथ उनके समय के राजनीतिक और सामाजिक तनाव को भी दर्शाती है।

पृष्ठभूमि

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Saturn Devouring His Son, 1819–1823


फ्रांसिस्को गोया (1746–1828) को यूरोप के महानतम चित्रकारों में से एक माना जाता है। यह पेंटिंग उन्होंने अपने जीवन के अंतिम दौर में बनाई, जब वे गहरे अवसाद और स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। 1819 में, गोया ने मैड्रिड के पास एक घर खरीदा, जिसे क्विंटा डेल सॉर्डो (बधिर का घर) के नाम से जाना जाता है। उन्होंने इस घर की दीवारों पर 14 भयानक और गूढ़ चित्र बनाए, जिन्हें बाद में ब्लैक पेंटिंग्स कहा गया।

शनि द्वारा अपने पुत्र का भक्षण इस श्रृंखला की सबसे प्रसिद्ध पेंटिंग है। इसमें गोया ने अपने समय के राजनीतिक अस्थिरता, हिंसा और व्यक्तिगत त्रासदियों को प्रतिबिंबित किया।

चित्र का वर्णन

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पेंटिंग का विस्तृत दृश्य
पेंटिंग का विस्तृत दृश्य

इस पेंटिंग में एक डरावनी छवि दर्शाई गई है: शनि, एक विशालकाय और विकृत आकृति के रूप में, अपने बच्चे को खा रहा है। शनि के चेहरे पर भय और उन्माद की झलक है, और उसके हाथ उसके बेटे के रक्तरंजित शरीर को कसकर पकड़ रहे हैं। गोया ने रंगों का सीमित उपयोग किया है—काले, भूरे और लाल रंगों से डरावनी भावना को उभारा गया है। यह पेंटिंग पौराणिक कथाओं की कहानी को दर्शाती है, जिसमें भविष्यवाणी की गई थी कि शनि को उनके बच्चों में से एक उखाड़ फेंकेगा।

कलात्मक महत्व

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शनि द्वारा अपने पुत्र का भक्षण गोया की शैली और उनके समय के कला रूपों से अलग है। यह एक व्यक्ति के मानसिक संघर्ष और हिंसक प्रवृत्ति का प्रतीक है। गोया ने पौराणिक विषय का उपयोग करके अपनी भावनाओं और सामाजिक हालातों को व्यक्त किया। पेंटिंग को आधुनिक युग के कलाकारों और कला समीक्षकों ने गहराई से सराहा है। इसे मॉर्डन आर्ट का अग्रदूत भी माना जाता है।

ब्लैक पेंटिंग्स का मूल रूप से दीवारों पर चित्रण किया गया था। 1874 में, गोया की मृत्यु के बाद, इन पेंटिंग्स को दीवारों से हटाकर कैनवस पर स्थानांतरित किया गया। आज, शनि द्वारा अपने पुत्र का भक्षण प्राडो संग्रहालय, मैड्रिड में प्रदर्शित है। यह पेंटिंग न केवल गोया की विरासत का एक अभिन्न हिस्सा है, बल्कि यह मानव स्वभाव के अंधकारमय पक्ष की गहरी समझ भी प्रदान करती है।