वैशाख कृष्ण तृतीया
वैशाख कृष्ण तृतीया भारतीय पंचांग [1] के अनुसार द्वितीय माह की अट्ठारहवी तिथि है, वर्षान्त में अभी ३१२ तिथियाँ अवशिष्ट हैं।
पर्व एवं उत्सव
[संपादित करें]इस दिन धिंगा गणगौर आती है जो जोधपुर की प्रसिद्ध है। यह दिन जोधपुर में महिलाओं का दिन होता है। इस जोधपुर में महिलाएं रात में छड़ी लेकर निकलती है। और उनके सामने जो भी पुरुष आता है, महिलाएं उन्हें छड़ी से पीटती है। फिर चाहे वह कोई पुलिस वाला ही क्यों ना हो। खास बात यह है, की पुरुष इस बात का बुरा नही मानते बल्कि इसे एक उत्सव की तरह मानते है। लेखक : तरुण गुर्जर
प्रमुख घटनाएँ
[संपादित करें]जन्म
[संपादित करें]इस दिन जिनका जन्म होता है। वह अपने जीवन में बहुत आगे जाते है। वह बहुत ही सीधे व्यवहार के लोग होते है। जिनके मन में छल कपट का कोई स्थान नहीं होता। इस दिन जन्मे लोग अपने जीवन में बहुत कम मित्र बनाते है,परंतु जो कुछ मित्र ये बनाते है। उनके लिए समय आने पर ये अपनी जान कुर्बान कर सकते है। ये व्यक्ति प्रेम में भी आसानी से नहीं पड़ते,परंतु अगर ये प्रेम में पड़ जाते है। तो उसे बड़ी शिद्दत से निभाते है। ये बहुत ही रोमांटिक किस्म के लोग होते है। जो अपने साथी को बहुत खुश रखते है। ये लोग अपना एक लक्ष्य बनाते है। और उसे हासिल करने के लिए ये दिन रात भी एक कर सकते है।
निधन
[संपादित करें]इन्हें भी देखें
[संपादित करें]बाह्य कड़ीयाँ
[संपादित करें]- हिन्दू पंचांग १००० वर्षों के लिए (सन १५८३ से २५८२ तक)
- आनलाइन पंचाग
- विश्व के सभी नगरों के लिये मायपंचांग डोट कोम
- विष्णु पुराण भाग एक, अध्याय तॄतीय का काल-गणना अनुभाग
- सॄष्टिकर्ता ब्रह्मा का एक ब्रह्माण्डीय दिवस
- महायुग
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 1 फ़रवरी 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 अक्तूबर 2016.