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विश्व हास्य दिवस

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चित्र:Wldlogo.jpg
विश्व हास्य दिवस का चिह्न

विश्व हास्य दिवस विश्व भर में मई महीने के पहले रविवार को मनाया जाता है। इसका विश्व दिवस के रूप में प्रथम आयोजन ११ जनवरी, १९९८ को मुंबई में किया गया था। विश्व हास्य योग आंदोलन की स्थापना का श्रेय डॉ मदन कटारिया को जाता है।[1][2] हास्य योग के अनुसार, हास्य सकारात्मक और शक्तिशाली भावना है जिसमें व्यक्ति को ऊर्जावान और संसार को शांतिपर्ण बनाने के सभी तत्व उपस्थित रहते हैं। विश्व हास्य दिवस का आरंभ संसार में शांति की स्थापना और मानवमात्र में भाईचारे और सदभाव के उद्देश्य से हुई। विश्व हास्य दिवस की लोकप्रियता हास्य योग आंदोलन के माध्यम से पूरी दुनिया में फैल गई।[3] आज पूरे विश्व में छह हजार से भी अधिक हास्य क्लब हैं।[1] इस मौके पर विश्व के बहुत से शहरों में रैलियां, गोष्ठियां एवं सम्मेलन आयोजित किये जाते हैं।[4][5][6][7]

हास्य दिवस का उद्देश्य

इस समय जब अधिकांश विश्व आतंकवाद के डर से सहमा हुआ है तब हास्य दिवस की अत्यधिक आवश्यकता महसूस होती है। इससे पहले इस दुनिया में इतनी अशांति कभी नहीं देखी गई। हर व्यक्ति के अंतर आत्मद्वंद्व मचा हुआ है। ऐसे में हंसी दुनियाभर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर सकती है। हास्य योग के अनुसार, हास्य सकारात्मक और शक्तिशाली भावना है जिसमें व्यक्ति को ऊर्जावान और संसार को शांतिपूर्ण बनाने के सभी तत्व उपस्थित रहते हैं। यह व्यक्ति के विद्युत-चुंबकीय क्षेत्र को प्रभावित करता है और व्यक्ति में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।[1] जब व्यक्ति समूह में हंसता है तो यह सकारात्मक ऊर्जा पूरे क्षेत्र में फैल जाता है और क्षेत्र से नकारात्मक ऊर्जा को हटाता है।

हास्य एक सार्वभौमिक भाषा है।[1] इसमें जाति, धर्म, रंग, लिंग से परे रहकर मानवता को समन्वय करने की क्षमता है। हंसी विभिन्न समुदायों को जोड़कर नए विश्व का निर्माण कर सकते हैं। यह विचार भले ही काल्पनिक लगता हो, लेकिन लोगों में गहरा विश्वास है कि हंसी ही दुनिया को एकजुट कर सकती है। मानव शरीर में पेट और छाती के बीच में एक झिल्ली होती है, जो हँसते समय धौंकनी का कार्य करती है। और परिणामतः पेट, फेफड़े और यकृत की मालिश हो जाती है। हँसने से प्राणवायु का संचार अधिक होता है व दूषित वायु बाहर निकलती है। नियमित रूप से खुलकर हँसना शरीर के सभी अवयवों को ताकतवर और पुष्ट करता है व शरीर में रक्त संचार की गति बढ़ जाती है तथा पाचन तंत्र अधिक कुशलता से कार्य करता है।[8]

सन्दर्भ

  • (हिन्दी)
  1. (अंग्रेज़ी)वर्ल्ड लाफ़्टर डे जालस्थल Archived 2009-04-29 at the वेबैक मशीन, अभिगमन तिथि:११ अगस्त, २००९
  2. मिलिए पंजाब की लॉफ्टर क्वीन्स से[मृत कड़ियाँ] १ मई याहू जागरण
  3. हंसोड़ों ने ठहाकों के बीच दिया जल-जंगल बचाने का संदेश[मृत कड़ियाँ]
  4. भोपाल की सड़कों पर गूंजे ठहाके[मृत कड़ियाँ]
  5. चुटकुले और हास्य कविता सुन हुए लोट-पोट Archived 2012-05-16 at the वेबैक मशीन याहू जागरण, ४ मई २००९; अभिगमन तिथि: ११ अगस्त, २००९
  6. ठहाकों से गूंजा शहर[मृत कड़ियाँ]
  7. "गमों को भूलकर खूब हंसा और हंसाया". मूल से 5 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 अगस्त 2009.
  8. विश्व हास्य दिवस-३ मई वेब दुनिया, अभिगमन तिथि: ११ अगस्त, २००९

बाहरी कड़ियाँ