"कला (तरंग)": अवतरणों में अंतर
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किसी [[तरंग]] के सन्दर्भ में, '''कला''' (फेज) वह समयावधि या दूरी है जो उस तरंग के किसी सन्दर्भ बिन्दु के सापेक्ष अभिव्यक्त की गयी हो। प्रायः कला को उस तरंग के [[आवर्तकाल]] के अनुपात (अनुपात) के रूप में व्यक्त किया जाता है और प्रायः उस तरंग का वह बिन्दु सन्दर्भ के रूप में लिया जाता है जिस पर विस्थापन (या विद्युत क्षेत्र, या चुम्बकीय क्षेत्र या दाब) शून्य हो। तरंग के एक आवर्तकाल को ३६० डिग्री के तुल्य मानते हुए कला को प्रायः अंशों (डिग्री) में भी व्यक्त करते हैं। उदाहरण के लिये तरंग के किसी बिन्दु की कला ३० डिग्री होने का अर्थ है कि वह बिन्दु संदर्भ बिन्दु से ३०/३६० = १/१२ आवर्तकाल की दूरी पर स्थित है। |
किसी [[तरंग]] के सन्दर्भ में, '''कला''' (फेज) वह समयावधि या दूरी है जो उस तरंग के किसी सन्दर्भ बिन्दु के सापेक्ष अभिव्यक्त की गयी हो। किसी बिन्दु की कला से पता चलता है कि वह बिन्दु उस तरंग के ग्राफ में कहाँ स्थित होगी। प्रायः कला को उस तरंग के [[आवर्तकाल]] के अनुपात (अनुपात) के रूप में व्यक्त किया जाता है और प्रायः उस तरंग का वह बिन्दु सन्दर्भ के रूप में लिया जाता है जिस पर विस्थापन (या विद्युत क्षेत्र, या चुम्बकीय क्षेत्र या दाब) शून्य हो। तरंग के एक आवर्तकाल को ३६० डिग्री के तुल्य मानते हुए कला को प्रायः अंशों (डिग्री) में भी व्यक्त करते हैं। उदाहरण के लिये तरंग के किसी बिन्दु की कला ३० डिग्री होने का अर्थ है कि वह बिन्दु संदर्भ बिन्दु से ३०/३६० = १/१२ आवर्तकाल की दूरी पर स्थित है। |
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व्यवहार में अधिकांशतः समान आवृत्ति वाली दो तरंगों के बीच '''कलान्तर''' (phase difference) अधिक महत्वपूर्ण राशि है। दो तरंगों के बीच कलान्तर दोनों तरंगों के शून्य पार बिन्दु (जीरो क्रॉसिंग) की बीच के अन्तर (दूरी, समय या डिग्री में) के बराबर होता है। |
व्यवहार में अधिकांशतः समान आवृत्ति वाली दो तरंगों के बीच '''कलान्तर''' (phase difference) अधिक महत्वपूर्ण राशि है। दो तरंगों के बीच कलान्तर दोनों तरंगों के शून्य पार बिन्दु (जीरो क्रॉसिंग) की बीच के अन्तर (दूरी, समय या डिग्री में) के बराबर होता है। |
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x-दिशा में गतिमान प्रगामी तरंग का सूत्र है- |
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:: <math>y(t,x)=A \sin(\omega t - k x + \varphi)\,</math> |
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जहाँ: |
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* ''A'' – तरंग का [[आयाम]] |
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* ''ω'' – तरंग का कोणीय वेग = 2. Pi. तरंग की आवृत्ति |
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* ''t'' – [[समय]] |
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* ''k'' – तरंग सदिश |
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* ''x'' – x-निर्देशांक |
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* ''y'' – माध्य स्थिति से विस्थापन |
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* ''φ'' – आरम्भिक कला |
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==बाहरी कड़ियाँ== |
==बाहरी कड़ियाँ== |
07:57, 14 दिसम्बर 2010 का अवतरण
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किसी तरंग के सन्दर्भ में, कला (फेज) वह समयावधि या दूरी है जो उस तरंग के किसी सन्दर्भ बिन्दु के सापेक्ष अभिव्यक्त की गयी हो। किसी बिन्दु की कला से पता चलता है कि वह बिन्दु उस तरंग के ग्राफ में कहाँ स्थित होगी। प्रायः कला को उस तरंग के आवर्तकाल के अनुपात (अनुपात) के रूप में व्यक्त किया जाता है और प्रायः उस तरंग का वह बिन्दु सन्दर्भ के रूप में लिया जाता है जिस पर विस्थापन (या विद्युत क्षेत्र, या चुम्बकीय क्षेत्र या दाब) शून्य हो। तरंग के एक आवर्तकाल को ३६० डिग्री के तुल्य मानते हुए कला को प्रायः अंशों (डिग्री) में भी व्यक्त करते हैं। उदाहरण के लिये तरंग के किसी बिन्दु की कला ३० डिग्री होने का अर्थ है कि वह बिन्दु संदर्भ बिन्दु से ३०/३६० = १/१२ आवर्तकाल की दूरी पर स्थित है।
व्यवहार में अधिकांशतः समान आवृत्ति वाली दो तरंगों के बीच कलान्तर (phase difference) अधिक महत्वपूर्ण राशि है। दो तरंगों के बीच कलान्तर दोनों तरंगों के शून्य पार बिन्दु (जीरो क्रॉसिंग) की बीच के अन्तर (दूरी, समय या डिग्री में) के बराबर होता है।
x-दिशा में गतिमान प्रगामी तरंग का सूत्र है-
जहाँ:
- A – तरंग का आयाम
- ω – तरंग का कोणीय वेग = 2. Pi. तरंग की आवृत्ति
- t – समय
- k – तरंग सदिश
- x – x-निर्देशांक
- y – माध्य स्थिति से विस्थापन
- φ – आरम्भिक कला
बाहरी कड़ियाँ
- Relationship of phase difference and time-delay
- Phase angle, phase difference, time delay, and frequency
- ECE 209: Sources of Phase Shift — Discusses the time-domain sources of phase shift in simple linear time-invariant circuits.
- Phase Difference Java Applet