"आर्थर शोपेनहावर": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
छो robot Adding: sh:Arthur Schopenhauer
छो robot Adding: be-x-old:Артур Шапэнгаўэр; अंगराग परिवर्तन
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
[[चित्र : Schopenhauer.jpg |right|thumb| आर्थर शोपेनहावर]]
[[चित्र : Schopenhauer.jpg |right|thumb| आर्थर शोपेनहावर]]


'''आर्थर शोपेनहावर''' (Arthur Schopenhauer) (२२ फरवरी, १७८८ - २१ सितम्बर, १८६०) जर्मनी के प्रसिद्ध दार्शनिक थे। वे अपने 'नास्तिक निराशावाद' के दर्शन के लिये प्रसिद्ध हैं। उन्होने २५ वर्ष की आयु में अपना शोधपत्र '' पर्याप्त तर्क के चार मूल '' (On the Fourfold Root of the Principle of Sufficient Reason) प्रस्तुत किया जिसमें इस बात की मीमांसा की गयी थी कि क्या केवल [[तर्क]] (reason) संसार के गूढ रहस्यों से पर्दा उठा सकता है? बौद्ध दर्शन की भांति शोपेनहावर भी कि इच्च्हाओं (will) के शमन की आवश्यकता पर बल दिया है।
'''आर्थर शोपेनहावर''' (Arthur Schopenhauer) (२२ फरवरी, १७८८ - २१ सितम्बर, १८६०) जर्मनी के प्रसिद्ध दार्शनिक थे। वे अपने 'नास्तिक निराशावाद' के दर्शन के लिये प्रसिद्ध हैं। उन्होने २५ वर्ष की आयु में अपना शोधपत्र '' पर्याप्त तर्क के चार मूल '' (On the Fourfold Root of the Principle of Sufficient Reason) प्रस्तुत किया जिसमें इस बात की मीमांसा की गयी थी कि क्या केवल [[तर्क]] (reason) संसार के गूढ रहस्यों से पर्दा उठा सकता है? बौद्ध दर्शन की भांति शोपेनहावर भी कि इच्च्हाओं (will) के शमन की आवश्यकता पर बल दिया है।


==शोपेनहावर पर अन्य विचारकों का प्रभाव==
== शोपेनहावर पर अन्य विचारकों का प्रभाव ==
शोपेनहावर का कहना था कि वे [[उपनिषद्|उपनिषदों]], कॉन्ट एवं प्लेटो से प्रभावित थे। शोपेनहावर के लेखों में भारतीय दर्शन का बार-बार उल्लेख आता है। वे [[महात्मा बुद्ध|बुद्ध]] की शिक्षाओं को मानते थे और स्वयं को बौद्धधर्मी कहते उनका यहाँ तक कहना था कि यदि ये शिक्षाएँ नहीं होतीं तो उनका दर्शन भी नहीं होता। उपनिषदों के बारे में उन्होने कहा - " मेरे जीवन में उपनिषदों से शान्ति (solace) मिली है; उनसे ही मुझे मृत्यु के समय भी शान्ति मिलेगी।"
शोपेनहावर का कहना था कि वे [[उपनिषद्|उपनिषदों]], कॉन्ट एवं प्लेटो से प्रभावित थे। शोपेनहावर के लेखों में भारतीय दर्शन का बार-बार उल्लेख आता है। वे [[महात्मा बुद्ध|बुद्ध]] की शिक्षाओं को मानते थे और स्वयं को बौद्धधर्मी कहते उनका यहाँ तक कहना था कि यदि ये शिक्षाएँ नहीं होतीं तो उनका दर्शन भी नहीं होता। उपनिषदों के बारे में उन्होने कहा - " मेरे जीवन में उपनिषदों से शान्ति (solace) मिली है; उनसे ही मुझे मृत्यु के समय भी शान्ति मिलेगी।"


== शोपेनहावर का प्रभाव==
== शोपेनहावर का प्रभाव ==


शोपेनहावर का ''इच्छा'' का विश्लेषण एवं उनकी मानवी इच्छा एवं प्रेरणाओं पर विचार ने [[फ्रेडरिक नीत्शे]], [[रिचर्ड वाग्नर]], [[लुड्विग विटिंगस्टीन]] एवं [[सैमुएल फ्रायड]] आदि प्रसिद्ध दार्शनिकों को प्रभावित किया। उनके पश्चवर्ती विचारकों पर उनका गहरा प्रभाव पड़ा, यद्यपि यह प्रभाव दर्शन की अपेक्षा [[कला]] के क्षेत्र में ज्यादा है।
शोपेनहावर का ''इच्छा'' का विश्लेषण एवं उनकी मानवी इच्छा एवं प्रेरणाओं पर विचार ने [[फ्रेडरिक नीत्शे]], [[रिचर्ड वाग्नर]], [[लुड्विग विटिंगस्टीन]] एवं [[सैमुएल फ्रायड]] आदि प्रसिद्ध दार्शनिकों को प्रभावित किया। उनके पश्चवर्ती विचारकों पर उनका गहरा प्रभाव पड़ा, यद्यपि यह प्रभाव दर्शन की अपेक्षा [[कला]] के क्षेत्र में ज्यादा है।


==भारतविद्या (Indology)==
== भारतविद्या (Indology) ==
शोपेनहावर ने [[उपनिषद]] का [[लैटिन]] अनुवाद पढा था जो फ्रांसीसी लेखक अंकेतिल दू पेरों (Anquetil du Perron) द्वारा [[दारा शिकोह]] के [[फारसी]] में [[सिरे-अकबर]] (महान रहस्य) से अनूदित था। वह उपनिषदों के दर्शन से इतने प्रभावित हुए कि उन्होने कहा कि ''उपनिषदों ने मानव का सर्वोच्च ज्ञान उत्पन्न किया है''।
शोपेनहावर ने [[उपनिषद]] का [[लैटिन]] अनुवाद पढा था जो फ्रांसीसी लेखक अंकेतिल दू पेरों (Anquetil du Perron) द्वारा [[दारा शिकोह]] के [[फारसी]] में [[सिरे-अकबर]] (महान रहस्य) से अनूदित था। वह उपनिषदों के दर्शन से इतने प्रभावित हुए कि उन्होने कहा कि ''उपनिषदों ने मानव का सर्वोच्च ज्ञान उत्पन्न किया है''।


<blockquote>It is the most satisfying and elevating reading (with the exception of the original text) which is possible in the world; it has been the solace of my life and will be the solace of my death.{{citequote}}</blockquote>
<blockquote>It is the most satisfying and elevating reading (with the exception of the original text) which is possible in the world; it has been the solace of my life and will be the solace of my death.{{citequote}}</blockquote>


''ओप्नीखत्'' (Oupnekhat) (अर्थात उपनिषद) नामक पुस्तक सदा उनकी मेज पर पड़ी रहती थी और सोने के पहले वे उसे जरूर पढते थे। [[संस्कृत]] साहित्य को वह अपनी शताब्दी का सर्वोत्कृष्ट उपहार कहते थे। उन्होने भविष्यवाणी की थी कि उपनिषदों का ज्ञान और दर्शन ही पश्चिम का धर्म बन जायेगा।
''ओप्नीखत्'' (Oupnekhat) (अर्थात उपनिषद) नामक पुस्तक सदा उनकी मेज पर पड़ी रहती थी और सोने के पहले वे उसे जरूर पढते थे। [[संस्कृत]] साहित्य को वह अपनी शताब्दी का सर्वोत्कृष्ट उपहार कहते थे। उन्होने भविष्यवाणी की थी कि उपनिषदों का ज्ञान और दर्शन ही पश्चिम का धर्म बन जायेगा।


==पशुओं का अधिकार (animal rights)==
== पशुओं का अधिकार (animal rights) ==
अपने दर्शन के कारण शोपेनहावर जानवरों के अधिकार के प्रति बहुत संवेदन्शील हो गये थे।
अपने दर्शन के कारण शोपेनहावर जानवरों के अधिकार के प्रति बहुत संवेदन्शील हो गये थे।


==शोपेनहावर और बौद्धधर्म==
== शोपेनहावर और बौद्धधर्म ==
१८३० एवं १८४० के दशकों में स्वयं शोपेनहावर एवं अन्य यूरोपीय विचारक शोपेनहावर के दर्शन एवं बौद्ध दर्शन (चार परम सत्य) में बहुत एकरूपता पाते थे।
१८३० एवं १८४० के दशकों में स्वयं शोपेनहावर एवं अन्य यूरोपीय विचारक शोपेनहावर के दर्शन एवं बौद्ध दर्शन (चार परम सत्य) में बहुत एकरूपता पाते थे।


== बाहरी कड़ियाँ ==
== बाहरी कड़ियाँ ==
*[Schopenhauers Philosophie der Kunst[http://knol.google.com/k/klaus-rohde/schopenhauers-philosophie-der-kunst/xk923bc3gp4/46#]]
* [Schopenhauers Philosophie der Kunst[http://knol.google.com/k/klaus-rohde/schopenhauers-philosophie-der-kunst/xk923bc3gp4/46#]]
*Ross, Kelley L., 1998, "[http://www.friesian.com/arthur.htm Arthur Schopenhauer (1788-1860).]" Two short essays, on Schopenhauer's life and work, and on his dim view of academia.
* Ross, Kelley L., 1998, "[http://www.friesian.com/arthur.htm Arthur Schopenhauer (1788-1860).]" Two short essays, on Schopenhauer's life and work, and on his dim view of academia.
*[http://ebooks.adelaide.edu.au/s/schopenhauer/arthur/ Freely accessible assorted essays by Arthur Schopenhauer from The University of Adelaide]
* [http://ebooks.adelaide.edu.au/s/schopenhauer/arthur/ Freely accessible assorted essays by Arthur Schopenhauer from The University of Adelaide]
*[http://www.schopenhauersource.org/ Schopenhauersource: Freely accessible reproductions of Schopenhauer's manuscripts]
* [http://www.schopenhauersource.org/ Schopenhauersource: Freely accessible reproductions of Schopenhauer's manuscripts]


=== लेख ===
=== लेख ===
*Abelson, Peter, 1993, "[http://ccbs.ntu.edu.tw/FULLTEXT/JR-PHIL/peter2.htm Schopenhauer and Buddhism,]" ''Philosophy East and West'' 43(2): 255-78.
* Abelson, Peter, 1993, "[http://ccbs.ntu.edu.tw/FULLTEXT/JR-PHIL/peter2.htm Schopenhauer and Buddhism,]" ''Philosophy East and West'' 43(2): 255-78.



[[श्रेणी:दार्शनिक]]
[[श्रेणी:दार्शनिक]]
पंक्ति 40: पंक्ति 39:
[[ar:آرثر شوبنهاور]]
[[ar:آرثر شوبنهاور]]
[[az:Artur Şopenhaur]]
[[az:Artur Şopenhaur]]
[[be-x-old:Артур Шапэнгаўэр]]
[[bg:Артур Шопенхауер]]
[[bg:Артур Шопенхауер]]
[[bs:Arthur Schopenhauer]]
[[bs:Arthur Schopenhauer]]

08:17, 2 मार्च 2010 का अवतरण

आर्थर शोपेनहावर

आर्थर शोपेनहावर (Arthur Schopenhauer) (२२ फरवरी, १७८८ - २१ सितम्बर, १८६०) जर्मनी के प्रसिद्ध दार्शनिक थे। वे अपने 'नास्तिक निराशावाद' के दर्शन के लिये प्रसिद्ध हैं। उन्होने २५ वर्ष की आयु में अपना शोधपत्र पर्याप्त तर्क के चार मूल (On the Fourfold Root of the Principle of Sufficient Reason) प्रस्तुत किया जिसमें इस बात की मीमांसा की गयी थी कि क्या केवल तर्क (reason) संसार के गूढ रहस्यों से पर्दा उठा सकता है? बौद्ध दर्शन की भांति शोपेनहावर भी कि इच्च्हाओं (will) के शमन की आवश्यकता पर बल दिया है।

शोपेनहावर पर अन्य विचारकों का प्रभाव

शोपेनहावर का कहना था कि वे उपनिषदों, कॉन्ट एवं प्लेटो से प्रभावित थे। शोपेनहावर के लेखों में भारतीय दर्शन का बार-बार उल्लेख आता है। वे बुद्ध की शिक्षाओं को मानते थे और स्वयं को बौद्धधर्मी कहते उनका यहाँ तक कहना था कि यदि ये शिक्षाएँ नहीं होतीं तो उनका दर्शन भी नहीं होता। उपनिषदों के बारे में उन्होने कहा - " मेरे जीवन में उपनिषदों से शान्ति (solace) मिली है; उनसे ही मुझे मृत्यु के समय भी शान्ति मिलेगी।"

शोपेनहावर का प्रभाव

शोपेनहावर का इच्छा का विश्लेषण एवं उनकी मानवी इच्छा एवं प्रेरणाओं पर विचार ने फ्रेडरिक नीत्शे, रिचर्ड वाग्नर, लुड्विग विटिंगस्टीन एवं सैमुएल फ्रायड आदि प्रसिद्ध दार्शनिकों को प्रभावित किया। उनके पश्चवर्ती विचारकों पर उनका गहरा प्रभाव पड़ा, यद्यपि यह प्रभाव दर्शन की अपेक्षा कला के क्षेत्र में ज्यादा है।

भारतविद्या (Indology)

शोपेनहावर ने उपनिषद का लैटिन अनुवाद पढा था जो फ्रांसीसी लेखक अंकेतिल दू पेरों (Anquetil du Perron) द्वारा दारा शिकोह के फारसी में सिरे-अकबर (महान रहस्य) से अनूदित था। वह उपनिषदों के दर्शन से इतने प्रभावित हुए कि उन्होने कहा कि उपनिषदों ने मानव का सर्वोच्च ज्ञान उत्पन्न किया है

It is the most satisfying and elevating reading (with the exception of the original text) which is possible in the world; it has been the solace of my life and will be the solace of my death.साँचा:Citequote

ओप्नीखत् (Oupnekhat) (अर्थात उपनिषद) नामक पुस्तक सदा उनकी मेज पर पड़ी रहती थी और सोने के पहले वे उसे जरूर पढते थे। संस्कृत साहित्य को वह अपनी शताब्दी का सर्वोत्कृष्ट उपहार कहते थे। उन्होने भविष्यवाणी की थी कि उपनिषदों का ज्ञान और दर्शन ही पश्चिम का धर्म बन जायेगा।

पशुओं का अधिकार (animal rights)

अपने दर्शन के कारण शोपेनहावर जानवरों के अधिकार के प्रति बहुत संवेदन्शील हो गये थे।

शोपेनहावर और बौद्धधर्म

१८३० एवं १८४० के दशकों में स्वयं शोपेनहावर एवं अन्य यूरोपीय विचारक शोपेनहावर के दर्शन एवं बौद्ध दर्शन (चार परम सत्य) में बहुत एकरूपता पाते थे।

बाहरी कड़ियाँ

लेख