"राजेन्द्र अवस्थी": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नया पृष्ठ: प्रख्यात पत्रकार और लेखक राजेन्द्र अवस्थी का बुधवार सुबह एक नि...
 
No edit summary
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
प्रख्यात पत्रकार और लेखक [[राजेन्द्र अवस्थी]] का बुधवार सुबह एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह काफी समय से बीमार थे और आज उनके शरीर के महत्वपूर्ण अंगों के काम करना बंद कर देने के कारण उनका निधन हो गया। वह ७९ वर्ष के थे। मध्य प्रदेश के गढा जबलपुर में २५ जनवरी, १९३० को जन्मे राजेन्द्र अवस्थी नवभारत, सारिका, नंदन, साप्ताहिक हिन्दुस्तान और कादम्बिनी के संपादक रहे। उन्होंने अनेक उपन्यासों कहानियों एवं कविताओं की रचना की। वह ऑथर गिल्ड आफ इंडिया के अध्यक्ष भी रहे। दिल्ली सरकार की हिन्दी अकादमी ने उन्हें १९९७-९८ में साहित्यिक कृति से सम्मानित किया था।
प्रख्यात पत्रकार और लेखक [[राजेन्द्र अवस्थी]] का बुधवार सुबह एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह काफी समय से बीमार थे और आज उनके शरीर के महत्वपूर्ण अंगों के काम करना बंद कर देने के कारण उनका निधन हो गया। वह ७९ वर्ष के थे। मध्य प्रदेश के गढा जबलपुर में २५ जनवरी, १९३० को जन्मे राजेन्द्र अवस्थी नवभारत, सारिका, नंदन, साप्ताहिक हिन्दुस्तान और कादम्बिनी के संपादक रहे। उन्होंने अनेक उपन्यासों कहानियों एवं कविताओं की रचना की। वह ऑथर गिल्ड आफ इंडिया के अध्यक्ष भी रहे। दिल्ली सरकार की हिन्दी अकादमी ने उन्हें १९९७-९८ में साहित्यिक कृति से सम्मानित किया था।<ref>{{cite web |url=http://www.livehindustan.com/news/desh/national/39-39-88321.html
|title=पत्रकार एवं साहित्यकार राजेन्द्र अवस्थी का निधन |accessmonthday=[[३० दिसंबर]]|accessyear=[[२००९]]|format=|publisher=हिंदुस्तान|language=}}</ref>


उनके उपन्यासों में सूरज किरण की छांव, जंगल के फूल, जाने कितनी आंखें, बीमार शहर, अकेली आवाज और मछलीबाजार शामिल हैं। मकड़ी के जाले, दो जोड़ी आंखें, मेरी प्रिय कहानियां और उतरते ज्वार की सीपियां, एक औरत से इंटरव्यू और दोस्तों की दुनिया उनके कविता संग्रह हैं जबकि उन्होंने जंगल से शहर तक नाम से यात्रा वृतांत भी लिखा है।
उनके उपन्यासों में सूरज किरण की छांव, जंगल के फूल, जाने कितनी आंखें, बीमार शहर, अकेली आवाज और मछलीबाजार शामिल हैं। मकड़ी के जाले, दो जोड़ी आंखें, मेरी प्रिय कहानियां और उतरते ज्वार की सीपियां, एक औरत से इंटरव्यू और दोस्तों की दुनिया उनके कविता संग्रह हैं जबकि उन्होंने जंगल से शहर तक नाम से यात्रा वृतांत भी लिखा है।


==संदर्भ==

{{reflist}}

[[श्रेणी:हिन्दी पत्रकार]]
[[श्रेणी:हिन्दी पत्रकार]]

13:58, 30 दिसम्बर 2009 का अवतरण

प्रख्यात पत्रकार और लेखक राजेन्द्र अवस्थी का बुधवार सुबह एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह काफी समय से बीमार थे और आज उनके शरीर के महत्वपूर्ण अंगों के काम करना बंद कर देने के कारण उनका निधन हो गया। वह ७९ वर्ष के थे। मध्य प्रदेश के गढा जबलपुर में २५ जनवरी, १९३० को जन्मे राजेन्द्र अवस्थी नवभारत, सारिका, नंदन, साप्ताहिक हिन्दुस्तान और कादम्बिनी के संपादक रहे। उन्होंने अनेक उपन्यासों कहानियों एवं कविताओं की रचना की। वह ऑथर गिल्ड आफ इंडिया के अध्यक्ष भी रहे। दिल्ली सरकार की हिन्दी अकादमी ने उन्हें १९९७-९८ में साहित्यिक कृति से सम्मानित किया था।[1]

उनके उपन्यासों में सूरज किरण की छांव, जंगल के फूल, जाने कितनी आंखें, बीमार शहर, अकेली आवाज और मछलीबाजार शामिल हैं। मकड़ी के जाले, दो जोड़ी आंखें, मेरी प्रिय कहानियां और उतरते ज्वार की सीपियां, एक औरत से इंटरव्यू और दोस्तों की दुनिया उनके कविता संग्रह हैं जबकि उन्होंने जंगल से शहर तक नाम से यात्रा वृतांत भी लिखा है।

संदर्भ

  1. "पत्रकार एवं साहित्यकार राजेन्द्र अवस्थी का निधन". हिंदुस्तान. नामालूम प्राचल |accessyear= की उपेक्षा की गयी (|access-date= सुझावित है) (मदद); नामालूम प्राचल |accessmonthday= की उपेक्षा की गयी (मदद)