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महासिंह सिहाग...जीवन परिचय !!! |
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महासिंह सिहाग का जन्म 01 मई 1955 को राजस्थान के चूरू जिले की तारानगर तहसील के गांव राजपुरा के एक किसान परिवार में हुआ. |
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शानदार विरासत...... |
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छल, कपट, बेईमानी व झूठ से कोसों दूर, आप के पिता स्व. चौधरी लालाराम सिहाग नितांत शांत, सौम्य, विनम्र व संवेदनशील व्यक्ति थे और ये गुण श्री सिहाग को विरासत में मिले हैं. |
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हम स्व. चौ. लालाराम जी को सैल्यूट करते हैं कि सन 1940 में जबकि शिक्षण संस्थाएं दूर दूर तक भी नहीं थी, उन्होंने अपने बड़े बेटे को पढाना शुरू किया और पांच बेटों में सबसे छोटे बेटे महासिंह जी सिहाग को 1978 - 1979 में एल एल. एम. में प्रवेश दिलवाया और इस प्रकार लगभग 40 वर्षों की लंबी अवधि के दौरान अपने सभी पुत्रों व पौत्र पौत्रियों को उच्च शिक्षा दिलवाई जबकि तत्समय लोगों में ऐसी सोच व सामर्थ्य बहुत कम थी. |
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तभी तो स्व. चौ. लालाराम जी के अपने परिवार में |
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2 जज, 1 IIM (इंजीनियर), 6 एडवोकेट, 4 डाक्टर ( अध्ययनरत सहित), 1 प्रोफेसर, 1 सब इंस्पेक्टर पुलिस, 1 एल आई सी अधिकारी, 5 अध्यापक, 1 नर्सिंग, 1 लिपिकीय स्टाफ व 1 सेना में तथा 2 राजकीय कोन्ट्रक्टर हैं. |
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एवं शेष सदस्य विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत हैं. |
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हम स्व. चौ. लालाराम जी सिहाग को नमन करते हुए आपकी गौरवशाली विरासत को सैल्युट करते हैं. |
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छात्र जीवन... |
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अपने ही गांव से शिक्षा का सफर शुरू करते हुए श्री महासिंह जी सिहाग ने राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर से 1978 में एल एल. बी. की डिग्री हासिल की. |
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1979 में आप राजस्थान विश्वविद्यालय के विधि महाविद्यालय एल एल. एम. संकाय, छात्रसंघ अध्यक्ष बने. |
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महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय में आप जाने माने छात्र नेता थे. |
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छात्र जीवन में श्री महासिंह सिहाग जी के अंतरंग मित्र रहे अनेकों लोग आज अपनी अपनी पार्टियों के वरिष्ठ नेता/ अधिकारी/ व्यवसायी हैं. |
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छात्र नेता के रूप में विश्वविद्यालय में अध्ययन के दौरान श्री सिहाग राजस्थान भर के छात्रों की समस्याओं के समाधान के लिए सक्रिय थे और तत्कालीन संबंधों के कारण ही आज राजस्थान ही नहीं देश के अनेक हिस्सों में आप की अच्छी जान पहचान है. |
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व्यावसायिक जीवन.... |
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1980 में श्री सिहाग ने चूरू में वकालत शुरू की और देखते ही देखते आप की गिनती अनुभवी वकीलों में होने लगी. |
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इतिहास साक्षी है कि श्री सिहाग छात्रों तथा निर्धन व असहाय व्यक्तियों की सदैव निशुल्क पैरवी करते थे. |
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राजनैतिक जीवन.. |
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1990 में जब देश में व प्रदेश में जनता दल की सरकार बनी तब श्री सिहाग को राजस्थान युवा जनता दल का प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया. |
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जनता दल विभाजन पर आप चौधरी अजित सिंह के साथ रहे और आप युवा जनता दल 'अ' के राष्ट्रीय महासचिव बने. |
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1994 में जनता दल 'अजित' का राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस में विलय हो गया और श्री महासिंह राजस्थान किसान कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष मनोनीत हुए. |
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तब से श्री सिहाग लगातार कांग्रेस पार्टी के प्रदेश स्तरीय पदाधिकारी रहते चले आ रहे हैं. |
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वर्तमान में आप राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी, विधि, मानवाधिकार एवं आर.टी.आई. विभाग के उपाध्यक्ष हैं. |
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1996 में श्री सिहाग पी.एल.डी.बी., चूरू के राजपुरा ब्लॉक से निर्विरोध डेलीगेट निर्वाचित हुए. |
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तत्पश्चात आप तारानगर क्षेत्र से केंद्रीय भूमि विकास बैंक के भारी बहुमत से डाईरेक्टर निर्वाचित हुए. |
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2003 में आप ने तारानगर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की टिकट मांगी परन्तु पार्टी ने टिकट कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्री चंदनमल वैद के पुत्र श्री चंद्रशेखर वैद को दे दी. |
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श्री सिहाग ने पार्टी हित को सर्वोपरि मानते हुए कांग्रेस प्रत्याशी की जीत के लिए हर संभव प्रयास किए और आपके ऐसे प्रयास ने क्षेत्र में आपकी प्रतिष्ठा और बढा दी. |
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2008 एवं 2013 के चुनाव में श्री महासिंह सिहाग ने टिकट तो नहीं मांगी पर सामाजिक जीवन में सक्रिय भूमिका निभाते रहे. |
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2018 में आप ने पार्टी से फिर टिकट की मांग की लेकिन टिकट श्री नरेन्द्र बुडानिया को मिली. उल्लेखनीय है कि श्री बुडानिया की जीत में आपका सक्रिय योगदान रहा. |
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मानवीय संवेदना.... |
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जानकार हों या अनजान, जब कभी किसी व्यक्ति ने आप को मदद के लिए पुकारा, श्री सिहाग ने उनकी हर संभव मदद की और उनमें से अनेक लोगों ने तो यहां तक कहा कि श्री सिहाग उनके लिए भगवान तुल्य हैं. |
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असाधारण व्यक्तित्व... |
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राजपुरा के कई लोग महासिंह जी के कारण ही नौकरी में हैं. |
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अनेक लोगों को इच्छित स्थान पर स्थानांतरित करने में भी आप का ही योगदान रहा है. |
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झूठे मुकदमों में फंसे हुए अनेक लोगों की आप ने मदद की. |
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कुछ लोगों को आंगनबाड़ी केंद्र व राशन डीलरशिप के माध्यम से स्वावलंबी बनाने में श्री सिहाग का योगदान रहा है. |
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अनेक लोगों को विभिन्न योजनांतर्गत बैंक से ऋण दिलाने में मदद की. |
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सत्य तो यह है कि गांव के अधिकांश लोगों की श्री महासिंह सिहाग ने कभी ना कभी मदद/ सहायता/ सहयोग अवश्य किया है. |
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गांव के लोगों का भी आप को भरपूर स्नेह/ सहयोग/ समर्थन मिलता रहा है. |
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अस्पताल में मदद की जरूरत हो या सरकारी महकमों में, आप ने कभी किसी को निराश नहीं किया. |
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अनेक लोगों को तो खून की कमी होने पर स्वयं ने भी खून दिया. |
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कुछ लोग तो ऐसे भी हैं जो श्री सिहाग का नाम लेकर, किसी रिश्ते की दुहाई देते हुए, बिना इन्हें बताए, श्री सिहाग के परिचित सख्सियत से अपना काम भी निकलवाते हैं और पीठ पिछे आप की आलोचना भी करते हैं और आप हैं कि सहजभाव से इन्हें अनदेखा कर देते हैं. |
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सख्सियत हैं आप..... |
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गांव में ही नहीं, बाहर के लोग भी कहते नहीं थकते कि मदद करने में श्री सिहाग का कोई सानी नहीं है. |
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हर गांव में, हर कहीं, अनेकों लोग यह कहने वाले मिल जाते हैं कि "हां महासिंह जी ने मेरी भी मदद की थी" |
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चारित्रिक विशेषताएं... |
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ना जात, ना पात, ना धर्म का कोई भेद भाव. |
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यथा सामर्थ्य हर किसी के काम आना तो जैसे आप के जीवन का मकसद ही है. |
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आज के इस आर्थिक युग में "दलाली" से कोसों दूर रहे हैं आप और आप की इस विशेषता ने आप के व्यक्तित्व में चार चांद लगा दिए. |
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पराकाष्ठा की सीमा से कहीं ऊपर सहनशील हैं आप और आपकी यह विशेषता समाज के लिए एक उदाहरण है. |
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एक विशेषता जो आप के व्यक्तित्व को प्रभावशाली और विश्वसनीय बनाती है, वो है आपकी हां या ना. |
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Result oriented होती है आप की हां और आप की इसी विशेषता के कायल हैं हम. |
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जाने कौन सा गुण है श्री सिहाग के व्यक्तित्व में कि हर किसी से हुई आप की हर मुलाकात अविस्मरणीय होती हैं. |
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मुलाकात ही नहीं आप का जिक्र भी अविस्मरणीय होता है और बना रहता है जेहन में. |
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तभी तो परिचय के लिए बस 'महासिंह सिहाग' नाम ही पर्याप्त है. |
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स्वभाव.... |
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जाने किस मिट्टी के बने हैं श्री सिहाग कि अपने हों या पराए, कृतघ्न (अहसान फरामोश) लोग जब हाथ पसारे पुनः आते हैं आप के पास तो श्री सिहाग हर बार इनकी मदद करते रहे हैं. |
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कृतज्ञता श्री सिहाग के व्यक्तित्व की एक सर्वोत्कृष्ट विशेषता है. |
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महासिंह जी उस व्यक्ति के प्रति सम्मान प्रदर्शित करना कभी नहीं भूलते जो प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप में श्री सिहाग का सहयोग और सहायता करते हैं. |
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जो कोई आपके जरा सा भी काम आता है, उस की हर संभव मदद करते रहे हैं आप. |
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और इस गुण के बल पर श्री सिहाग और समाज में एवं विशेषरूप से अधिकार सम्पन्न वर्ग में एक सहज संबंध विकसित होता रहा है और इसी संबंध के बलबूते आप हर किसी की मदद करते रहे हैं. |
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जीवन का Drawback.. |
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जो पराए थे वो महासिंह जी सिहाग का कभी कुछ नहीं बिगाड़ पाए पर उनके कुछ अपने लोग 'आस्तीन का सांप' बन कर डसते रहे. |
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जहां अनेक लोगों ने श्री सिहाग को भरपूर स्नेह व सहयोग दिया वहीं आप के 'वो अपने' पीठ पर वार करते रहे |
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और यही श्री सिहाग के जीवन का Drawback रहा. |
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"जी हजूरी, अनैतिकता व झूठ" से परहेज है आप को और शायद इसी कारण राजनैतिक गलियारों में ऊंची पहुंच के बावजूद श्री सिहाग राजनीति के उस मुकाम पर नहीं पहुंच सके जहां आप को होना चाहिए था. |
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निष्कर्ष.... |
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असल जिंदगी में ही नहीं, सोशल मीडिया में भी आप को लोगों का भरपूर स्नेह व समर्थन मिलता रहा है. |
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निश्चित ही कुछ 'खास' हैं आप, 'विशेष' हैं आप. |
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सिहाग साहब, |
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भगवान सब देखता है. |
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तभी तो शानोशौकत का है आपका जीवन |
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और उन्नति के शिखर पर हैं आप की संतान. |
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आप की दो लड़कियां तो जज ही हैं. |
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धन्य हैं आप. |
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हम आपके सुखी जीवन और उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं. |
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17:24, 31 मई 2021 का अवतरण
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