"सदस्य:Vikash Varnval": अवतरणों में अंतर
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रोहित साव27 (वार्ता | योगदान) खाली किया गया। कृपया वि:सपृनहीं देखें। टैग: रिक्त |
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विकास वरनवाल Vikash Varnval एक कवि हैं, मूलरूप से रसड़ा बलिया उत्तर प्रदेश के निवासी हैं जोकि साल 2009 से दिल्ली मे रहते हैं l |
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विकास विभिन्न राज्यों के साहित्यिक मंचों, टीवी शो और न्यूज चैनल पर कविता पाठ कर चुके हैं l कवि सम्मेलन और मुशायरे मे इनके शेर खूब पसंद किए जाते हैं l |
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"जिन्दगी ऐसे ही जीता रहा तो एक दिन मर जाऊंगा |
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शहर के चमकीले कोठरी में नहीं रहना घर जाऊंगा |
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माँ के हाथों से खाऊँगा सोने से पहले पांव दबाऊंगा |
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शोहरत मिलजाएगी पहले ममता की छाँव कमाउंगा l" |
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-विकास वरनवाल Vikash Varnval |
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"ये जो मेरा दिल है, उनके हुस्न के मयखाने में बसा है l |
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शराब छोड़ दूंगा उनकी आँखों के तहखाने में नशा है l |
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ये लाली ये काजल ये बिंदिया और ये गाल पे तिल l |
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अरे हाँ! उसी लंबे कद वाली ने चुराया था मेरा दिल l" |
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-विकास वरनवाल Vikash Varnval |
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विकास अपने कला के माध्यम से लोगों को जागरूक और इंटरटेन करने के लिए भी जाने जाते हैं और भोजपुरी के उत्थान के लिए भी कार्य कर रहे हैं l |
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विकास पोएटिक आत्मा एनजीओ के ब्रांड अंबेसडर हैं एवं पुर्वइया पोएट्री के इवेंट्स लीड करते हैं l |
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सोशल वर्क में परास्नातक विकास एक मल्टीनेशनल कंपनी में मानव संसाधन विश्लेषण एवं सीएसआर (सोशल वर्क) के लिए कार्यरत हैं l विकास इंटरनेशनल NGO मे मेंटर भी हैं l |