"शून्य से भाजन": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) No edit summary |
छो बॉट: पुनर्प्रेषण ठीक कर रहा है |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
[[गणित]] में जब किसी संख्या को [[शून्य]] से [[ |
[[गणित]] में जब किसी संख्या को [[शून्य]] से [[विभाजन (गणित)|भाग]] करते हैं तो इसे '''शून्य से भाजन''' (division by zero) कहते हैं। इस भाजन में भाजक (divisor) शून्य होता है। ऐसे भाजन को a/0 लिखा जा सकता है जहाँ a [[भाज्य]] (dividend (अंश)) है। सामान्य अंकगणित में यह व्यंजक अर्थहीन है क्योंकि कोई ऐसी संख्या नहीं है जिसको 0 से गुणा करने पर a मिलता है (यहाँ माना गया है कि a≠0)। अतः शून्य से भाजन अपरिभाषित है। चूँकि किसी भी संख्या में शून्य का गुणा करने पर परिणाम शून्य ही आता है, इस कारण 0/0 का भी कोई निश्चित मान नहीं है। |
||
==इतिहास== |
==इतिहास== |
01:16, 3 मार्च 2020 का अवतरण
गणित में जब किसी संख्या को शून्य से भाग करते हैं तो इसे शून्य से भाजन (division by zero) कहते हैं। इस भाजन में भाजक (divisor) शून्य होता है। ऐसे भाजन को a/0 लिखा जा सकता है जहाँ a भाज्य (dividend (अंश)) है। सामान्य अंकगणित में यह व्यंजक अर्थहीन है क्योंकि कोई ऐसी संख्या नहीं है जिसको 0 से गुणा करने पर a मिलता है (यहाँ माना गया है कि a≠0)। अतः शून्य से भाजन अपरिभाषित है। चूँकि किसी भी संख्या में शून्य का गुणा करने पर परिणाम शून्य ही आता है, इस कारण 0/0 का भी कोई निश्चित मान नहीं है।
इतिहास
ब्रह्मगुप्त (598-668) द्वारा रचित ब्राह्मस्फुटसिद्धान्त वह सबसे प्राचीन ग्रन्थ है जिसमें शून्य तथा शून्य से सम्बन्धित संक्रियाएं (ऑपरेशन्स) वर्णित हैं। ब्रह्मगुप्त ने 0/0 = 0 बताया है किन्तु a/0 (जहाँ a ≠ 0) के बारे में कुछ नहीं कहा है।