"निकटदृष्टि दोष": अवतरणों में अंतर

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*[http://www.myopia-manual.de/ ''— an impartial documentation of all the reasons, therapies and recommendations'']—summary of scientific publications, status February 2011, printed version ISBN 1-58961-271-X (2004)
*[http://www.myopia-manual.de/ ''— an impartial documentation of all the reasons, therapies and recommendations'']—summary of scientific publications, status February 2011, printed version ISBN 1-58961-271-X (2004)
*[http://www.VisionSimulations.com/ VisionSimulations.com |What the world looks like to people with various diseases and conditions of the eye]
*[http://www.VisionSimulations.com/ VisionSimulations.com |What the world looks like to people with various diseases and conditions of the eye]
* [http://vision.berkeley.edu/wildsoet/index.html The
* [http://vision.berkeley.edu/wildsoet/index.html The it is not any very dangerous disease.

13:42, 5 दिसम्बर 2019 का अवतरण

निकटदृष्टि के दोष से ग्रसित आँख द्वारा बना प्रतिबिम्ब

निकटदृष्टि दोष (Myopia या shortsightedness) आँखों का दोष है जिसमें निकट की चीजें तो साफ-साफ दिखतीं हैं किन्तु दूर की चीजें नहीं। आंखों में यह दोष उत्पन्न होने पर प्रकाश की समान्तर किरणपुंज आँख द्वारा अपवर्तन के बाद रेटिना के पहले ही प्रतिबिम्ब बना देता है (न कि रेटिना पर) इस कारण दूर की वस्तुओं का प्रतिबिम्ब स्पष्ट नहीं बनती (आउट ऑफ फोकस) और चींजें धुंधली दिखतीं हैं।

जिन लोगों को दो मीटर या 6.6 फीट की दूरी के बाद चीजें धुंधली दिखती हैं, उन्हें मायोपिया का शिकार माना जाता है।

निकट दृषिट दोष का निवारण

निकट दृषिट दोष में नेत्र का दूर बिन्दु अनन्त से कम दूरी पर हो जाता है | इस दोष को दूर करने के लिए ऐसे अवतल लेंस का उपयोग किया जाता है कि अनऩत पर रखी वसतु से चलने वाली किरणें इस लेंस से निकलने पर नेत्र के दूर बिऩदु से चली हुई पृतीत हो | तब ये किरणें नेत्र लेंस से अपवरतित होकर रेटिना पर मिलती हैं |

|उपयुक्त फोकस दूरी वाले अवतल लेंस से युक्त चश्में के प्रयोग से निकटदृष्टि को सुधारा जाता है। इससे दूर की चीजें भी स्पष्ट दिखने लगती हैं।]] जब नेत्र की गोलियता बढ़ जाती है तो उसका फोकस कम हो जाता है जिससे वस्तुये रेटिना पर न बनकर उससे पहले ही बन जाता हैं।जिससे वस्तुये धुन्दली दिखाई देती हैं।

आर्युवेद निवारण- सप्तामृत लौह को त्रिफला घृृत के साथ दिन में दो बार तथा आंवला चूर्ण को दो बार वैैैद्यकीय देखरेख में लै तथा खाने में हरी सब्जियों की मात्रा बढ़ाएं। इसके साथ ही सुुबह उठकर अनुुलोम-विलोम तथा शीर्षासन आदि योग करना चाहिए।

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