"तिलहन": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Rapsfeld 2007.jpg|right|thumb|300px|जर्मनी में सरसों के तेल का उपयोग [[जैव ईंधन]] के रूप में भी किया जाता है।]]
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[[File:2005sesame seed.PNG|thumb|300px|right| वर्ष 2005 में [[तिल]] के उत्पादन का विश्व-वितरण दिखाता नक्शा]]
[[File:2005sesame seed.PNG|thumb|300px|right| वर्ष 2005 में [[तिल]] के उत्पादन का विश्व-वितरण दिखाता नक्शा]]
'''तिलहन''' उन [[फसल|फसलों]] को कहते हैं जिनसे [[वनस्पति तेल]] का उत्पादन होता है। जिसमें महत्वपूर्ण हैं [[तिल]], [[सरसों]], [[मूँगफली]], [[सोया]] और [[सूरजमुखी]]। भारत में तिलहनों की उपाज बढ़ाने के लिये पीत क्रांति की संकल्पना दी गयी।
'''तिलहन''' उन [[फसल|फसलों]] को कहते हैं जिनसे [[वनस्पति तेल]] का उत्पादन होता है। जिसमें महत्वपूर्ण हैं [[तिल]], [[सरसों]], [[मूँगफली]], [[सोया]] और [[सूरजमुखी]]। भारत में तिलहनों की उपाज बढ़ाने के लिये पीत क्रांति की संकल्पना दी गयी। और इसे हरित क्रांति का दूसरा चरण कहा जाता है।


[[श्रेणी:कृषि]]
[[श्रेणी:कृषि]]

02:15, 8 दिसम्बर 2018 का अवतरण

जर्मनी में सरसों के तेल का उपयोग जैव ईंधन के रूप में भी किया जाता है।
वर्ष 2005 में तिल के उत्पादन का विश्व-वितरण दिखाता नक्शा

तिलहन उन फसलों को कहते हैं जिनसे वनस्पति तेल का उत्पादन होता है। जिसमें महत्वपूर्ण हैं तिल, सरसों, मूँगफली, सोया और सूरजमुखी। भारत में तिलहनों की उपाज बढ़ाने के लिये पीत क्रांति की संकल्पना दी गयी। और इसे हरित क्रांति का दूसरा चरण कहा जाता है।