"इस्लामी न्यायशास्त्र के सिद्धांत": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
बेकार पाठ हटाया |
No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''इस्लामी न्यायशास्त्र के सिद्धांत''': अन्यथा उसूल अल-फ़िकह (अरबी: أصول الفقه) के रूप में जाना जाता है, जिसकी उत्पत्ति, स्रोतों और सिद्धांतों का अध्ययन और महत्वपूर्ण विश्लेषण है। इसी पर इस्लामी न्यायशास्त्र आधारित है। |
|||
पारंपरिक रूप से चार मुख्य स्रोत (कुरान, सुन्नत, सर्वसम्मति (इज्मा), समान कारण (कियास)) का विश्लेषण कई माध्यमिक स्रोतों और सिद्धांतों के साथ किया जाता है। |
पारंपरिक रूप से चार मुख्य स्रोत (कुरान, सुन्नत, सर्वसम्मति (इज्मा), समान कारण (कियास)) का विश्लेषण कई माध्यमिक स्रोतों और सिद्धांतों के साथ किया जाता है। |
05:56, 10 जुलाई 2018 का अवतरण
इस्लामी न्यायशास्त्र के सिद्धांत: अन्यथा उसूल अल-फ़िकह (अरबी: أصول الفقه) के रूप में जाना जाता है, जिसकी उत्पत्ति, स्रोतों और सिद्धांतों का अध्ययन और महत्वपूर्ण विश्लेषण है। इसी पर इस्लामी न्यायशास्त्र आधारित है।
पारंपरिक रूप से चार मुख्य स्रोत (कुरान, सुन्नत, सर्वसम्मति (इज्मा), समान कारण (कियास)) का विश्लेषण कई माध्यमिक स्रोतों और सिद्धांतों के साथ किया जाता है।